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    'क ख ग से साइंस प्रोजेक्ट तक...', दादी-नानी के घर जाओ या कहीं और पर नहीं रुकेगी छात्रों की पढ़ाई, SCERT का नया प्रयोग

    Updated: Thu, 18 Jan 2024 07:39 PM (IST)

    Bihar Education राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी ) के स्टूडियो में कक्षा एक से 12वीं तक में पढ़ाए जाने वाले पाठ्यक्रमों की वीडियो तैयार किया जाता है। इस तैयार वीडियो को शिक्षा विभाग के दीक्षा पोर्टल पर अपलोड किया जाता है। विषय का वीडियो तैयार करने के लिए लाइट बोर्ड और ग्रीन स्क्रीन का सहारा लिया जाता है।

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    एससीईआरटी की तैयारी, बच्‍चे घूमते-घूमते कर सकेंगे पढ़ाई। फोटो- प्रतीकात्‍मक

    जागरण संवाददाता, पटना। राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे पाठ्यक्रम में शामिल विषय को आसानी से समझ सकें, इसके लिए राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी ) ने एक स्टूडियो तैयार किया है। यह स्टूडियो एससीईआरटी का अपना है।

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    इस  स्टूडियो में कक्षा एक से 12वीं तक में पढ़ाए जाने वाले पाठ्यक्रमों की वीडियो तैयार किया जाता है। इस तैयार वीडियो को शिक्षा विभाग के दीक्षा पोर्टल पर अपलोड किया जाता है। विषय का वीडियो तैयार करने के लिए लाइट बोर्ड और ग्रीन स्क्रीन का सहारा लिया जाता है।

    विज्ञान के शिक्षकों को दी गई विशेष ट्रेनिंग

    एससीईआरटी के निदेशक सज्जन आर. ने बताया कि विज्ञान विषय के शिक्षकों को विशेष ट्रेनिंग दी गई है कि स्टूडियो में तैयार प्रोजेक्ट को बच्चों को कैसे पढ़ाएं। स्टूडियो में एक लाइट बोर्ड लगाया है। यह लाइट बोर्ड पारदर्शी है। इसमें शिक्षक सीधे खड़ा होकर पढ़ाते हैं और बोर्ड पर लिखते हैं। यानी शिक्षक बच्चों के सामने चेहरा कर पढ़ाते हैं, ब्लैक बोर्ड की तरह पीछे पीठ करके नहीं।

    लाइट बोर्ड पर जो भी शिक्षक पढ़ाते हैं उसका वीडियो तैयार किया जाता है। उसको दीक्षा पोर्टल पर अपलोड कर दिया जाता है या इसका पेन ड्राइव में लोड कर स्कूलों को भेजा जाता हैं।

    ... ताकि आसानी से समझ सकें बच्‍चे

    स्टूडियो में प्रोजेक्ट इस तरह से तैयार किया जाता है कि बच्चे चैप्टर को आसानी से समझ सकें। किसी भी कक्षा के बच्चे संबंधित विषय या चैप्टर का वीडियो दीक्षा पोर्टल पर देख सकते हैं या क्यूआर कोड को मोबाइल से स्कैन पर पढ़ सकते हैं।

    अगर बच्चे कहीं घूमने जाते हैं और वहां पुस्तक उपलब्ध नहीं है तो वे क्यूआर कोर्ड या दीक्षा पोर्टल पर जाकर पढ़ाई कर सकते हैं। वीडियो में बच्चों के सारे सवालों का जवाब रहता है। एससीईआरटी के निदेशक ने बताया कि अन्य राज्यों में संचालित पाठ्यक्रमों का प्रोजेक्ट तैयार भेजा जाता है।

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