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    Bihar Sand Mining: SEIAA की अनुमति मिली तो नदियों से तीन मीटर तक बालू खनन संभव, संशोधित प्रस्‍ताव भेजने के निर्देश

    By Sunil RajEdited By: Prateek Jain
    Updated: Sun, 17 Dec 2023 05:22 PM (IST)

    प्रदेश में नदियों से 15 अक्टूबर से बालू खनन का कार्य प्रारंभ हो चुका है। अधिकांश सरकारी बंदोबस्तधारियों को नदियों से एक मीटर की गहराई तक खनन की अनुमति मिली है। अब सरकार नदियों से तीन मीटर की गहराई तक खनन कराने की कोशिश कर रही है लेकिन इसके लिए राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण (सिया) की अनुमति सबसे पहले लेनी होगी।

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    Sand Mining: SEIAA की अनुमति मिली तो नदियों से तीन मीटर तक बालू खनन संभव, संशोधित प्रस्‍ताव भेजने के निर्देश

    राज्य ब्यूरो, पटना। प्रदेश में नदियों से 15 अक्टूबर से बालू खनन का कार्य प्रारंभ हो चुका है। अधिकांश सरकारी बंदोबस्तधारियों को नदियों से एक मीटर की गहराई तक खनन की अनुमति मिली है।

    अब सरकार नदियों से तीन मीटर की गहराई तक खनन कराने की कोशिश कर रही है, लेकिन इसके लिए राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण (सिया) की अनुमति सबसे पहले लेनी होगी।

    11 जिलों के 80 बालू घाटों को पर्यावरणीय स्वीकृति मिल चुकी

    खान एवं भू-तत्व विभाग के निदेशक नैय्यर इकबाल की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में यह बात सामने आई कि जिला सर्वेक्षण रिपोर्ट के आधार पर करीब 11 जिलों के 80 बालू घाटों को पर्यावरणीय स्वीकृति मिल चुकी है, लेकिन अधिकांश जिलों में नदियों से एक मीटर की गहराई में ही बालू खनन संभव हो पाया है।

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    जिसके बाद संबंधित जिलों को निर्देश दिए गए हैं कि नदियों के पुनर्भरण का अध्ययन करते हुए जिला सर्वेक्षण रिपोर्ट में आवश्यक संशोधन का प्रस्ताव दें।

    एक मीटर तक खनन की अनुमति वाले जिले तीन मीटर खनन का संशोधित प्रस्ताव तैयार करें: नैय्यर

    निदेशक नैय्यर इकबाल ने कहा कि जिन जिलों को एक मीटर तक ही नदियों से खनन की अनुमति मिली है वे तीन मीटर तक खनन का संशोधित प्रस्ताव तैयार करें और इसको राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण को भेज दें।

    साथ ही तीन मीटर तक खनन के लिए जो आवश्यक शुल्क निर्धारित है वह भी जमा करें। जिला खनन पदाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे यह प्रस्ताव 30 दिसंबर तक तैयार कर लें और उसे सिया को सौंप दें, ताकि इस संबंध में अग्रेतर कार्यवाही सुनिश्चित की जा सके।

    नदियों में अधिक गहराई तक खनन होने से जहां बालू की उपलब्धता में बढ़ोत्तरी होगी, वहीं सरकार को अतिरिक्त राजस्व भी प्राप्त हो सकेगा।

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