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    शराबबंदी के बाद बिहार सरकार ने की खूब कमाई, इस तरह 428 करोड़ रुपये से भरा राजस्व का खजाना

    By Rajat Kumar Edited By: Rajesh Kumar
    Updated: Wed, 30 Jul 2025 09:19 AM (IST)

    बिहार में शराबबंदी के बाद शराब से जुड़े वाहनों की नीलामी और जुर्माने से सरकार को 428 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व मिला है। 2016 से 96 हजार से ज्यादा वाहन जब्त हुए जिनमें से कई नीलाम किए गए और कुछ पर जुर्माना लगाया गया। एडीजी अमित कुमार जैन ने बताया कि तस्करी रोकने के लिए पड़ोसी राज्यों से संपर्क किया जा रहा है।

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    सरकार को 428 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व मिला है। फाइल फोटो

    राज्य ब्यूरो, पटना। शराब के साथ पकड़े गए वाहनों की नीलामी और जुर्माना वसूली से राज्य सरकार को अब तक 428 करोड़ से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ है। शराबबंदी लागू होने के बाद 2016 से अब तक शराबबंदी कानून तोड़ने के आरोप में 96 हजार से अधिक वाहन जब्त किए गए हैं।

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    इनमें 75 हजार 989 वाहनों की नीलामी से 342.85 करोड़ मिले हैं, जबकि 20 हजार 71 वाहनों को जुर्माना भरने के बाद छोड़ने से 85.65 करोड़ मिले हैं। मद्य निषेध इकाई के अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) अमित कुमार जैन ने मंगलवार को बिहार पुलिस मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी।

    इस साल जून तक 7,781 वाहन जब्त किए गए हैं, जिनमें 153 बड़े वाहन और 7,623 अन्य वाहन शामिल हैं। एडीजी ने बताया कि बिहार में शराब की तस्करी मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, पंजाब, चंडीगढ़, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, झारखंड, राजस्थान और अरुणाचल प्रदेश से हो रही है।

    इसे रोकने के लिए इन राज्यों के डीजीपी और आबकारी आयुक्त को आवश्यक कार्रवाई के लिए पत्र लिखा गया है। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर 23 सीमावर्ती जिलों में 390 चेकपोस्ट भी स्थापित किए जाने हैं। इसके अलावा, पड़ोसी राज्यों के सीमावर्ती इलाकों में 161 चेकपोस्ट स्थापित करने के लिए स्थान चिह्नित कर लिए गए हैं।

    गुंडा रजिस्टर में 8546 शराब तस्करों के नाम

    एडीजी जैन ने बताया कि जून 2025 तक 63,442 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें से 38,741 शराब पीने वाले थे जबकि 24,701 आपूर्तिकर्ता या वितरक थे। शराबबंदी लागू होने के बाद से पुलिस ने बिहार में राज्य के बाहर से कुल 13,921 शराब कारोबारियों और तस्करों को गिरफ्तार किया है।

    शराबबंदी के मामलों में दूसरे राज्यों के 305 आरोपियों की पहचान की गई है, जिनकी सूची संबंधित राज्यों के साथ साझा की जा रही है। इस साल जून तक उत्पाद मामलों में आरोपित 8,546 लोगों के नाम गुंडा पंजी में जोड़े गए हैं, जबकि 1344 के खिलाफ सीसीए के तहत कार्रवाई की गई है। अवैध शराब के कारोबार से संपत्ति अर्जित करने वाले 240 लोगों की पहचान की गई है, जिनमें से 76 लोगों की संपत्ति जब्त करने का प्रस्ताव अदालत में पेश किया गया है।

    6.40 लाख को सजा, नौ को फांसी

    शराबबंदी कानून लागू होने के बाद अप्रैल 2016 से 3 जुलाई 2025 तक पांच लाख 36 हजार 921 मामले दर्ज किए गए हैं। इसकी सभी धाराओं के तहत विभिन्न श्रेणियों में 6 लाख 40 हजार 379 लोगों को सजा सुनाई गई है। शराबबंदी कानून का उल्लंघन करने पर नौ आरोपियों को फांसी की सजा सुनाई गई है।

    वहीं, 18 को आजीवन कारावास, 222 को दस साल से अधिक, 935 को दो से दस साल और 621 आरोपियों को दो साल से कम की सजा सुनाई गई है।