Bihar Cabinet: नीतीश कैबिनेट ने नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा नीति-2025 को दी मंजूरी, अक्षय ऊर्जा को मिलेगा बढ़ावा
बिहार सरकार की नई नवीकरणीय ऊर्जा नीति 2025 अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देगी और राज्य को हरित विकास में अग्रणी बनाएगी। इस नीति से 2070 तक नेट जीरो के लक्ष्य को पाने में मदद मिलेगी। इसमें स्टांप ड्यूटी में छूट और सिंगल विंडो सुविधा जैसे कई प्रावधान हैं जिससे निजी निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा। राज्य में 23968 मेगावाट ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य है।

राज्य ब्यूरो, पटना। ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने मंगलवार को कहा कि राज्य कैबिनेट से मंजूर नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा नीति 2025 अक्षय ऊर्जा की गति और तेज करने में सहायक होगी। यह नीति बिहार को हरित विकास में राष्ट्रीय स्तर पर अग्रदूत भी बनाएगी। इस नीति से भारत सरकार द्वारा निर्धारित देशव्यापी नवीकरणीय ऊर्जा के लक्ष्य और 2070 तक नेट जीरो के लक्ष्य को हासिल करने में भी मदद मिलेगी।
यह नीति अगले पांच वर्षों में केंद्रीय विद्युत मंत्रालय, बिहार विद्युत विनियामक आयोग तथा सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी द्वारा निर्धारित 43.33% रिन्यूएबल परचेज ऑब्लिगेशन के लक्ष्य की पूर्ति में कारगर होगी। इस नीति में स्टांप ड्यूटी, भूमि रूपांतरण शुल्क, संचरण व व्हीलिंग चार्ज, विद्युत शुल्क, एसटीयू शुल्क, ऊर्जा बैंकिंग, इमारत के ऊपर माड्यूल संरचना की ऊंचाई में छूट, हरित टैरिफ, फीड इन टैरिफ, मानित उद्योग दर्जा, ग्रिड से कनेक्टिविटी एवं प्रेषण हेतु संचरण/वितरण के आधारभूत संरचना के निर्माण में छूट, एकल विंडो सुविधा, कार्बन क्रेडिट/कार्बन मूल्य निर्धारण, एसजीएसटी में छूट जैसे निवेशक-अनुकूल प्रावधान किए गए हैं। इससे निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों में परियोजना स्थापित करना अधिक सरल और लाभप्रद होगा।
इस नीति के तहत ओपन एक्सेस, ऊर्जा बैंकिंग, ग्रीन टैरिफ और सिंगल विंडो सुविधा जैसे अनेक प्रोत्साहनों से निजी निवेश को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
राज्य में नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से 23,968 मेगावाट तथा नवीकरणीय ऊर्जा भंडारण की 6.1 गीगावाट घंटे क्षमता विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें ग्रीन हाइड्रोजन, जियो थर्मल, पंप स्टोरेज, और ग्रिड लेवल बैटरी स्टोरेज जैसी उन्नत एवं भविष्य केंद्रित तकनीकों को भी नीति में सम्मिलित किया गया है।
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