बिहार : सिमरिया स्टेशन की दीवारों पर दिखेगी दिनकर की 'रश्मिरथी', जानिए साहित्यकारों के सम्मान की रेलवे की योजना
Bihar New भारतीय रेल बेगूसराय के सिमरिया स्टेशन की दीवारों पर रामधारी सिंह दिनकर की रश्मिरथी की पंक्तियां उकेरने जा रहा है। यह साहित्यकारों के सम्मान की रेलवे की योजना की एक कड़ी है। पूरी जानकारी के लिए पढ़ें यह खबर।
पटना, जागरण संवाददाता। राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर (Ramdhari Singh Dinker) बेगूसराय के सिमरिया ग्राम (Simaria Village) के रहने वाले थे। पूर्व मध्य रेल (East Central Rail) प्रबंधन की ओर से दिनकर को सम्मान देने के लिए सिमरिया ग्राम स्टेशन (Simaria Gram Station) की दीवारों पर उनके काव्य 'रश्मिरथी' (Rashmirathi) की पंक्तियां उकेरी जाएंगी। इसके साथ ही उनकी तस्वीर भी लगाई जाएगी। स्टेशन पर उतरने वाले को यह अहसास होगा कि स्टेशन की पहचान महाकवि के कारण ही है। इतना ही नहीं, उनकी कृतियां भी लोगों की जुबान पर होंगी।
विभूतियों को सम्मान देने की रेलवे ने बनाई योजना
पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक ललित चंद्र त्रिवेदी ने बताया कि रेलवे साहित्यकारों को सम्मान देने के लिए उनसे संबंधित स्टेशनों पर उनकी रचनाओं को उकेरने का निर्देश दिया गया है। मकसद है कि लोग अपनी विभूतियों को जानें, उन्हें सम्मान दें।
दरभंगा स्टेशन पर लगीं दरभंगा महाराज की तस्वीरें
इसी क्रम में सिमरिया ग्राम स्टेशन का भी कायाकल्प कर उसकी दीवारों पर राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की कविताओं की पंक्तियां लिखने को कहा गया है। पटना जंक्शन (Patna Junction) पर भी राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की रचना 'रश्मिरथी' की पंक्तियों के साथ ही उनकी तस्वीर लगाई गई है। दरभंगा स्टेशन (Darbhanga Station) पर दरभंगा महाराज (Darbhanga Maharaj) से संबंधित तस्वीरों को लगाया गया है।
स्टेशनों पर विद्यापति व मंडन मिश्र की भी रचनाएं
इसके अलावा दरभंगा के विद्यापति स्टेशन (Vidyapati Station) की दीवारों पर मिथिला के कवि विद्यापति (Vidyapati) की रचनाओं को लिखा जाएगा। विद्यापति भारतीय साहित्य की 'शृंगार' व 'भक्ति' परम्परा के प्रमुख स्तंभों मे से एक थे। 'पदावली' और 'कीर्तिलता' उनकी अमर कृतियां हैं। सहरसा के महिषी (Mahishi) गांव के विद्वान मंडन मिश्र (Mandan Mishra) के नाम पर बने स्टेशन का भी कायाकल्प किया जाएगा। इस स्टेशन पर उनकी रचनाएं उकेरी जाएंगी। मंडन मिश्र 'पूर्व मीमांसा' दर्शन के बड़े विद्वान थे। उन्होंंने मीमांसा और वेदांत दोनों दर्शनों पर मौलिक ग्रंथ लिखे हैं।