Bihar Politics: राबड़ी को लालू ने क्यों चुप करा दिया था? किस संक्रमण की बात कर रहे जदयू के नेता
जदयू ने पोस्टर के माध्यम से RJD और NDA के शासनकाल का अंतर समझाया है। इसमें अलग-अलग प्रसंगों का उल्लेख कर जदयू नेताओं ने राजद पर जोरदार हमला किया है। इसमें राजद शासनकाल के समय की कुछ घटनाओं की भी चर्चा है।

राबड़ी देवी, लालू प्रसाद व नीतीश कुमार। जागरण आर्काइव
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Assembly Elections 2025: जदयू ने शनिवार को पोस्टरों के माध्यम से राजद और एनडीए के शासन के फर्क को दिखाया।
ये पोस्टर थीम आधारित थे। एक थीम था-लालूवाद के खौफनाक मंजर। दूसरा का था-नीतीश कुमार:पूरा बिहार, मेरा परिवार। अखबार में छपी खबरों काे भी पोस्टर के रूप में प्रस्तुत किया गया था।
इसका आयोजन जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार, राष्ट्रीय मीडिया पैनलिस्ट अविनाश पासवान, भानु प्रताप सिंह एवं आयुष कुमार ने किया था।
दलितों-शोषितों पर हुए जुल्म
प्रवक्ताओं ने कहा कि लालू-राबड़ी शासनकाल में दलितों, शोषितों और वंचितों के खिलाफ जो जुल्म हुए, वह बिहार के इतिहास का सबसे खौफनाक और अमानवीय अध्याय था।
बिहार में उस समय कानून दबा था और अपराधी शासन चला रहे थे। वह दौर था जब इंसानियत रो रही थी और सत्ता मुस्कुरा रही थी।
अपने मंत्रियों पर राबड़ी देवी ने लगाए थे गंभीर आरोप
प्रवक्ताओं ने कहा कि जब राबड़ी देवी (Rabri Devi) मुख्यमंत्री थीं, तब उन्होंने अपने ही मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे, लेकिन लालू प्रसाद यादव ने उन्हें चुप करा दिया।
यह इस बात का प्रमाण है कि सत्ता परिवार की मुट्ठी में थी और शासन में नैतिकता का कोई स्थान नहीं था। प्रवक्ताओं ने प्रश्न किया-लालू प्रसाद यादव स्वयं चारा घोटाले में सजायाफ्ता हैं।
लालूवाद की विचारधारा पर सवाल
अस्वस्थ Lalu Prasad जेल की सजा काट रहे रीतलाल यादव जैसे आरोपी के लिए रोड शो करते हैं-क्या यही लालूवाद विचारधारा है जिसपर तेजस्वी यादव गर्व करते हैं? उन्होंने कहा कि ये लालूवाद की विचारधार ही है जिसका संक्रमण पड़ोसी राज्य झारखंड को भी लग गया है।
झारखंड में लोकसभा चुनाव के दौरान राजद के उम्मीदवार और सजायाफ्ता कैदी जो हथकड़ियों में जकड़ा हुआ था, उसके समर्थन में पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने चुनावी सभा की थीथा। इससे जुड़ा पोस्टर भी दिखाया गया।

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