Bihar Politics: उपेंद्र कुशवाहा बोले- शराब गलत चीज है, मत पीजिए, शराबबंदी कानून का पालन करिए
बिहार में शराबबंदी कानून (Liquor Prohibition Law) जरूर बना है और उसका लाभ हुआ है लेकिन शत-प्रतिशत लाभ तो तब मिलेगा जब सभी लोग कानून का पालन करने लगेंगे। ये बातें शनिवार को जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने सिवान के जीरादेई में कही।

मैरवा (सिवान), संवाद सूत्र। बिहार में शराबबंदी कानून (Liquor Prohibition Law) जरूर बना है और उसका लाभ हुआ है, लेकिन शत-प्रतिशत लाभ तो तब मिलेगा जब सभी लोग कानून का पालन करने लगेंगे। ये बातें शनिवार को जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने जीरादेई में कही। वे पूर्व विधायक रमेश सिंह कुशवाहा के पिता सीताराम सिंह कुशवाहा की प्रथम पुण्यतिथि पर बरासो में उनकी आदमकद प्रतिमा का अनावरण करने के बाद संवाददाताओं से बात कर रहे थे।
आमजन के सहयोग के बिना कानून नहीं होगा प्रभावी
बिहार में शराब से पिछले दिनों कई जिले में हुई मौत को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि शराब गलत चीज है, स्वास्थ्य के लिए अहितकर है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए लोग शराब न पीएं, इसलिए सरकार ने शराबबंदी कानून को लागू किया, लेकिन इस कानून के क्रियान्वयन में जब तक आम लोगों का हर तरह से सहयोग नहीं मिलेगा तब तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के शराब बंदी कानून के मकसद पूरा नहीं हो पाएगा। उन्होंने लोगों से अपील की कि शराब पीना बंद करना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोग मानते नहीं हैं और चोरी-छिपे शराब का सेवन कर लेते हैं। उन्हें इसका नुकसान भी उठाना पड़ता है। कहा कि उत्तर प्रदेश का जो सीमावर्ती क्षेत्र वहां शत-प्रतिशत शराब रोकना जन सहयोग बिना मुश्किल है। कहा कि हम कहां कह रहे हैं कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शत-प्रतिशत शराब का आना जाना बंद हो गया है।
वापसी का निर्णय तो रमेश कुशवाहा को ही लेना है
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि रमेश कुशवाहा से उनका पुराना व्यक्तिगत संबंध है। इनके पिता सीताराम कुशवाहा को श्रद्धा सुमन अर्पित करने आए हैं। वे समाजसेवी थे और समाज के प्रति पूरे जीवन समर्पित रहे। उन्हीं के पदचिह्नों पर उनके पुत्र रमेश जी चलते हुए समाज सेवा में लगे हुए हैं। उनके इस आगमन को रमेश कुशवाहा की घर वापसी के रूप में देखने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जो कभी साथ रहा है कल फिर वह साथ हो जाए इसमें आश्चर्य तो होगा नहीं। निर्णय तो रमेश सिंह कुशवाहा को ही लेना है। समाज के लोगों की भावना खुद देखकर वे खुद ही निर्णय लेंगे। इस कार्यक्रम में जदयू समेत विभिन्न राजनीतिक दलों और सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद थे।
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