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    Bihar Election: बिहार की राजनीति में चल रहा गजब का खेल, दल बदलकर नेता अपने बेटे-बेटियों को कर रहे सेट

    Updated: Sun, 12 Oct 2025 02:40 PM (IST)

    बिहार में चुनाव से पहले राजनीतिक दलों में दिलचस्प समीकरण बन रहे हैं। कई दिग्गज नेताओं के दल बदलने से उनके बेटों और बेटियों के टिकट पक्के हो गए हैं। कुछ नेता पहली बार अपने पुत्रों को चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी कर रहे हैं। कांग्रेस, जदयू, राजद और भाजपा जैसे दलों में परिवारवाद की चर्चा जोरों पर है, क्योंकि कई नेताओं के बच्चे और पत्नियाँ भी चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं।

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    भुवनेश्वर वात्स्यायन, पटना। पापा की चुनाव के ठीक पहले नए दल में इंट्री ने कहीं बेटे तो कहीं बेटी के टिकट को पक्का कर दिया है। पहली बार पापा के लाडले दिखेंगे चुनाव मैदान में। टिकट की भीड़ को दरकिनार कई नाम तय हो गए तो कुछ तय होने के करीब हैं।

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    इसी वर्ष अगस्त में प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार छह बार विधायक रहे डॉ. अशोक राम ने कांग्रेस को छोड़ जदयू की सदस्यता ग्रहण की थी। उनके साथ उनके पुत्र अतिरेक भी जदयू में शामिल हुए थे। इस मिलन समारोह के मूल में ही यह था कि अतिरेक जदयू की टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ेगे।

    डॉ. अशोक राम इसकी तैयारी भी कर रहे। इसी कड़ी में दूसरा नाम जदयू से ही है। जहानाबाद के पूर्व सांसद अरुण कुमार शनिवार को जदयू प्रदेश कार्यालय में आयोजित मिलन समारोह में अपने पुत्र ऋतुराज के साथ जदयू में शामिल हुए।

    इस मिलन समारोह को लेकर यह चर्चा रही कि अरुण कुमार के पुत्र ऋतुराज को घोसी सीट से जदयू अपना प्रत्याशी बनाएगा। वहां से जहानाबाद के पूर्व सांसद जगदीश शर्मा के पुत्र राहुल ने 2020 में जदयू की टिकट पर विधानसभा का चुनाव लड़ा था पर अब वह राजद में चले गए हैं। इसलिए उक्त सीट पर जदयू जातिगत समीकरण के आधार पर ऋतुराज को अपना प्रत्याशी बनाएगा।

    आनंद मोहन व सांसद लवली आनंद के दूसरे पुत्र अंशुमान आनंद के बारे में यह चर्चा है कि वह भाजपा की टिकट पर औरंगाबाद जिले के नवीनगर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ सकते हैं। उनके एक पुत्र चेतन आनंद को जदयू शिवहर से अपना प्रत्याशी बना रहा।

    चेतन ने 2020 का विधानसभा चुनाव शिवहर विधानसभा क्षेत्र से राजद के प्रत्याशी के रूप में जीता था। इस लिहाज से उनका यह पहला चुनाव नहीं है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और एक जमाने में नीतीश कुमार के सबसे अधिक विश्वस्त आरसीपी सिंह ने कुछ माह पहले जनसुराज का दामन थामा था।

    अब उनकी पुत्री लता को जनसुराज से अस्थावां विधानसभा क्षेत्र से टिकट मिल गयी है। बांका से जदयू के सांसद गिरधारी यादव के पुत्र चाणक्य राजद के टिकट पर बांका के बेलहर से चुनाव लड़ने की तैयारी में है्ं। लंदन स्कूल आफ इकोनामिक्स एंड पालिटिकल साइंसेज से उन्होंने पढ़ाई की है।

    अलग-अलग दल में पूरी तरह से व्यवस्थित कई नेताओं के पुत्र और पत्नी के भी चुनाव मैदान में आने की चर्चा है। दानापुर या फतुहा विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के एक पूर्व सांसद के पुत्र ने चुनाव में उतरने की तैयारी कर रखी है। हरनौत विघानसभा क्षेत्र से जदयू के विधान पार्षद की पत्नी जदयू उम्मीदवार हो सकती हैं।