Bihar Politics: मांगते 20 वर्षों का हिसाब, घोटाले और घटनाओं का मिलता जवाब
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बिहार के राजनीतिक मुद्दों में उलझे मतदाता। सांकेतिक तस्वीर
अक्षय पांडेय, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के सियासी रंग इंटरनेट मीडिया पर चटख हो रहे हैं। आरोप-प्रत्यारोप से प्रचार की लंबी होती पेचीदा सीढ़ी पर यूजर अपने तर्क से फिसलन पैदा कर रहे हैं। नेताजी के सिर पर ताज सजाने से पहले 20 साल के हिसाब में बालिका गृह, सृजन घोटाला, पेपरलीक से गड़बड़झाले की फेहरिस्त सामने लाई जाती है, तो सरपट अंगुलियां दौड़ा शिल्पी गौतम, चंंपा विश्वास, तेजाब कांड और नरसंहार की याद दिला ''जंगलराज'' की पुरानी कहानियां जिंदा कर दी जाती हैं।
इंटरनेट मीडिया के एक कोने में मतदाताओं के नारे बुलंद हैं। यहां नेताओं के वादों की नाप-तौल जारी है। एक्स पर डा. सुजीत अंगुली पर स्याही लगाने से पहले मतदाताओं को सचेत कर रहे हैं। कहते हैं, सिवान का चंदा बाबू को भूल गए? रंगदारी देने से मना करने पर दो बेटों की तेजाब से नहलाकर जान ली और एक की गोली मारकर हत्या कर दी। उस दौर में शहाबुद्दीन जैसे बाहुबलियों का राज था। बिहार में अपराध‑वर्चस्व। आज इतना तो है कि लोग अपराध के खिलाफ आवाज उठा सकते हैं। डाक्टर साहब को जवाब अजीत कुमार देते हैं, कहते हैं सिवान को जंगलराज में तब्दील करने वाले अनंत सिंह हैं, जो कुछ दिन पूर्व ही एके-47 रखने के मामले में जेल से बाहर निकले हैं। अब एनडीए की प्रिय हैं।
जंगल और फिर मंगलराज पर बने एक फिल्म
''कसम भारत की'' नाम से बने एक अकाउंट ने लिखा, बिहार के जंगलराज और फिर मंगलराज पर एक फिल्म बननी चाहिए। नई पीढ़ी जान तो सके कि उस दौर में होता क्या था। जंगलराज की बात से नाराज ''मिस्टर इंडिया'' नाम के अकाउंट ने लिखा, प्रज्वल रेवेना जैसे लोग किस जंगलराज की देन हैं। प्रिया वर्मा ने राज्य की चिंता जाहिर की है। कहती हैं, जिनके घर में बहु-बेटियां हैं, वो जंगलराज कभी नहीं लाना चाहेंगे। रवि पलटवार करते हुए लिखते हैं, जंगलराज बोल-बोलकर 20 साल राज कर लिया। अबकी बार, नई सरकार।
मुफ्फरपुर का बालिका कांड भूल गए?
निखिल तिवारी को चंपा विश्वास की चीखें आज भी सुनाई देती हैं। कहते हैं, उस दौर में बिहार की सियासत के समर्थन से होते कुकर्म से महिलाएं कराहती थीं। उस दौर की हर बेबस बेटी आज भी सिहर जाती है। उस शासन में बेटियों की इज्जत राजनीति की सौदेबाजी से नीलाम होती थी। गुरु प्रसाद यादव इस तर्क का समर्थन नहीं करते। कहते हैं, महिला अपराध में नंबर-1 पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में किसका राज है? राहुल कुमार झट से प्रतिक्रिया देते हैं, मुफ्फरपुर का बालिका कांड भूल गए हैं क्या? भरत जोशी ने कुछ ऐसा कहा कि कोई अंदाज नहीं लगा पा रहा। लिखते हैं, दो महीने बाद बिहार आ रहा हूं, गुड़ का गोबर करने।

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