Bihar Politics: जहरीली शराब से मौत मामले पर बोले शिवानंद तिवारी - शराबबंदी को लेकर जिद्द पर अड़े हैं सीएम नीतीश
बिहार में पिछले 10 दिनों में जहरीली शराब पीने की वजह से 40 लोगों की मौत के मामले पर लगातार सियासी बयानबाजी हो रही है। विपक्ष इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेरने में जुटी है। आरजेडी ने कहा है कि मुख्यमंत्री शराबबंदी को लेकर जिद्द पर अड़े हैं।
पटना, आनलाइन डेस्क। बिहार में जहरीली शराब से मौत का मामलू तूल पकड़ता जा रहा है। बिहार में बीते 10 दिनों में जहरीली शराब पीने से 40 लोगों की मौत के बाद सियासी बयानबाजी का दौर तेज हो गया है।सरकार लगातार दोषियों के खिलाफ एक्शन ले रही है तो वहीं विपक्ष शराबबंदी को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर हमलावर है। आरजेडी के सीनियर लीडर और पार्टी उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी (Shivanand Tiwari) ने शराबबंदी (Liquor Ban) को बिहार में फेल बताया है । उन्होंने कहा कि शराबबंदी को लेकर मुख्यमंत्री अपनी जिद्द पर अड़े हुए हैं।
'शराबबंदी की जिद्द पर अड़े हैं मुख्यमंत्री'
राष्ट्रीय जनता दल के नेता शिवानंद तिवारी ने कहा है कि 2021 के सर्वे के मुताबिक बिहार में शराबबंदी होने के बाद भी यहां महाराष्ट्र से ज्यादा लोग बिहार में शराब पीते हैं। तो ऐसे में शराबबंजी का क्या मतलब रह जाता है।बिहार में शराबबंदी जमीनी स्तर पर प्रभावी नहीं है। शराबबंदी को लेकर मुख्यमंत्री अपनी जिद्द पर अड़े हैं। शिवानंद तिवारी का कहना कि शराबबंदी को लेकर मुख्यमंत्री को विशेषज्ञों और सभी पार्टी के नेताओं के साथ बैठक करनी चाहिए। शिवानंद तिवारी ने कहा कि बिहार में शराबबंदी के बाद ड्रग्स की खपत बढ़ गई है। आजकल गांव गांव में बेरोजगार युवा ड्रग्स का सेवन कर रहे हैं।
बिना सोचे समझे शराबबंदी का लिया फैसला
आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी ने यह आरोप लगाया है कि शारबबंदी का फैसला बिना सोचे-समझे लिया गया था। उन्होंने बताया कि पहले देसी शराब को बंद करनी की तैयारी थी। लेकिन जब विपक्ष के लोग ने पूर्ण शराबबंदी को लेकर सवाल उठाया तो उसके कुछ दिनों बाद पूर्ण शराबबंदी लागू की गई। इससे पता चलता है कि शराबबंदी को लेकर कोई तैयारी नहीं की गई थी।
अपराधी नहीं शराब पकड़ना प्राथमिकी
शिवानंद तिवारी का कहना है कि बिहार में अपराध का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। क्योंकि पुलिस की अपराधियों को छोड़कर शराब तस्करों क पीछे पड़ी है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि शराबबंदी में गरीब लोग ही जेल जा रहे हैं।