Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Bihar Politics: इस मामले में PK की जनसुराज ने सबको पीछे छोड़ा, RJD और BJP को मिल रही कड़ी टक्कर

    बिहार में विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट के साथ ही राजनीतिक दलों ने सोशल मीडिया पर अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। फेसबुक एक्स और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म पर एआई वीडियो के जरिए मतदाताओं को लुभाने का प्रयास किया जा रहा है। राजग और महागठबंधन के साथ जनसुराज पार्टी भी सोशल मीडिया का जमकर इस्तेमाल कर रही है। सबसे ज्यादा फेसबुक फॉलोअर्स जनसुराज और राजद के हैं।

    By Rajat Kumar Edited By: Rajat Mourya Updated: Tue, 26 Aug 2025 06:26 PM (IST)
    Hero Image
    चुनाव से पहले इंटरनेट मीडिया पर वोटरों की गोलबंदी

    कुमार रजत, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव की आहट के साथ ही बिहार के राजनीतिक दलों की सक्रियता फेसबुक, एक्स, यूट्यूब जैसे इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म पर बढ़ गई है। वोटरों को लुभाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से बने वीडियो का भी खूब इस्तेमाल हो रहा है। राजग और महागठबंधन दोनों ही गठबंधनों के घटक दल इस मोर्चे पर एक दूसरे से होड़ ले रहे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    प्रशांत किशोर की नई-नवेली पार्टी जनसुराज भी वोटरों को गोलबंद करने में इंटरनेट मीडिया का खूब इस्तेमाल कर रही है। बिहार के राजनीतिक दलों में जनसुराज के सर्वाधिक 21 लाख फेसबुक फॉलोअर्स हैं। वहीं, एक्स पर दो लाख लोग जनसुराज को फॉलो कर रहे हैं।

    कभी तकनीकी रूप से पिछड़ा माना जाने वाला राष्ट्रीय जनता दल फेसबुक और एक्स के समेकित फॉलोअर्स (24 लाख) के मामले में बिहार का सबसे बड़ा राजनीतिक दल है। राजद के 13 लाख से अधिक फेसबुक, जबकि 11 लाख से अधिक एक्स फॉलोअर्स हैं।

    इसके बाद भाजपा-बिहार के 11 लाख फेसबुक और सात लाख एक्स फॉलोअर्स हैं। वहीं, जदयू नौ लाख फेसबुक और 3.11 लाख एक्स फॉलोअर्स के साथ चौथे स्थान पर है।

    इसके बाद कांग्रेस, लोजपा (रा), वीआईपी, भाकपा-माले और माकपा जैसे दल हैं। फेसबुक पर लोकप्रियता के मामले में भाकपा और रालोजपा जैसे दल सबसे पीछे हैं, जिनके पांच हजार से भी कम फॉलोअर्स हैं।

    भाजपा : जंगलराज की दिला रहे याद, एआई का ले रहे सहारा

    भाजपा वोटरों को लुभाने के लिए एआई से बने वीडियो साझा रही है। इसमें पुराने जंगलराज के दौर की याद दिलाई जा रही तो बिहार में हुए बदलावों को भी दिखाया जा रहा है। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, अमित शाह जैसे वरिष्ठ नेताओं के बिहार दौरे और रैली के वीडियो भी शेयर किए जा रहे हैं। रोज औसत 18-24 पोस्ट किए जा रहे हैं।

    जदयू : दिखा रही बदलाव की तस्वीर, नीतीश पर फोकस

    जदयू भी हर दिन करीब 24-28 फेसबुक पोस्ट रोज कर रहा है। इसमें नीतीश कुमार के 20 सालों के शासनकाल में हुए बदलावों पर ही मुख्यतौर पर फोकस है। इसके लिए एआई से बने वीडियो साझा किए जा रहे। आमलोगों की प्रतिक्रियाएं भी दिखाईं जा रहीं। लालू-तेजस्वी पर हमला करता हुआ एआई वीडियो भी साझा किया जा रहा है।

    राजद : तेजस्वी का चेहरा आगे, पुराने वीडियो भी कर रहे साझा

    राजद के इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर तेजस्वी यादव छाए रहते हैं। उनके भाषण और जनसंपर्क पर फोकस है। एआई की मदद से वीडियो बनाकर बेरोजगारी पर चोट की जा रही। नीतीश, ललन सिंह, अशोक चौधरी जैसे नेताओं के पुराने वीडियो भी साझा कर विरोधाभास दिखाया जा रहा। हर दिन 16-18 फेसबुक पोस्ट किए जा रह हैं।

    कांग्रेस : राहुल की यात्रा पर फोकस, रोज 50 से अधिक पोस्ट

    बिहार कांग्रेस फेसबुक पर सर्वाधिक सक्रिय दिख रही है। राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा भी इसका बड़ा कारण है। हर दिन औसत 50 से अधिक वीडियो, तस्वीर आदि पोस्ट की जा रही है। इसमें राहुल गांधी के चेहरे और उनके भाषण-यात्रा को सबसे प्रमुखता दी जा रही है। एआई वीडियो से पेपर लीक और वोट चोरी पर चोट भी की जा रही।

    जनसुराज : प्रशांत किशोर से हो रही नीतीश, तेजस्वी, मोदी की तुलना

    जनसुराज के फेसबुक पेज पर प्रशांत किशोर का ही चेहरा चमकता है। उनके जनसंपर्क और बयानों के वीडियो प्रमुखता से साझा किए जा रहे हैं। इसके अलावा अलग-अलग मुद्दों पर नरेन्द्र मोदी, नीतीश कुमार, तेजस्वी यादव जैसे नेताओं के बयान की प्रशांत किशोर के बयान से तुलना वाले वीडियो भी साझा किए जा रहे। हर दिन औसत 15-20 पोस्ट किए जा रहे।

    राजनीतिक दल फेसबुक फॉलोअर्स
    जन सुराज 21 लाख
    राष्ट्रीय जनता दल 13 लाख
    भाजपा बिहार 11 लाख
    जदयू 9.48 लाख
    कांग्रेस 7.13 लाख
    लोजपा (रा) 3.54 लाख
    वीआइपी 1.22 लाख
    रालोमो 93 हजार
    भाकपा माले 76 हजार
    माकपा बिहार 28 हजार
    हम 22 हजार
    भाकपा बिहार 4.8 हजार
    रालोजपा 4.2 हजार

    यह भी पढ़ें- Bihar Politics: नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार को राजनीति में लाने की मांग तेज, मगर यहां फंस रहा पेच