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    Bihar Politics: ...तो अब फ्रंट फुट पर खेलेंगे चिराग पासवान! नीतीश कुमार को लिखा लेटर; रखी 3 डिमांड

    Updated: Wed, 04 Jun 2025 09:41 PM (IST)

    चिराग पासवान ने मुजफ्फरपुर में दलित बच्ची के साथ दुष्कर्म और इलाज में लापरवाही को लेकर नीतीश सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस मामले की न्यायिक जांच की मांग की है। चिराग पासवान ने सिस्टम को विफल बताते हुए कहा कि यह घटना राज्य की कानून व्यवस्था और स्वास्थ्य व्यवस्था की विफलता का प्रतीक है। उन्होंने दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की है।

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    चिराग ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, कहा- सिस्टम फेल (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, पटना। एनडीए के सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने मुजफ्फरपुर में दलित बच्ची के साथ दुष्कर्म और इलाज में लापरवाही पर नीतीश सरकार को कठघरे में खड़ा किया है और इस मामले में सिस्टम को फेल बताया है। चिराग ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को कड़ा पत्र लिखा है और मामले की न्यायिक जांच करने की मांग की है।

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    चिराग ने मुख्यमंत्री को संबोधित पत्र में कहा है कि 26 मई को मुजफ्फरपुर के कुढ़नी में नौ वर्षीय दलित बच्ची के साथ सामूहिक दुष्कर्म और फिर नृशंस हत्या का प्रयास की घटना ने पूरे बिहार को झकझोर दिया है। यह हृदयविदारक घटना न केवल एक मासूम जीवन की बर्बर हत्या है, बल्कि हमारे राज्य की कानून व्यवस्था, सामाजिक चेतना और सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था की पूरी विफलता को भी उजागर करती है।

    उन्होंने कहा कि यह मामला सामाजिक सिस्टम एवं राज्य की संवैधानिक जिम्मेदारी की विफलता का प्रतीक है। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर इस पर शासन मौन रहा, तो यह मौन ही सबसे बड़ा अपराध बन जाएगा।

    चिराग पासवान ने बुधवार को यह पत्र नीतीश कुमार को भेजा है। इसकी जानकारी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता डॉ. राजेश भट्ट ने दी। पत्र में चिराग ने लिखा है कि पीड़िता ने छह दिनों तक जीवन के लिए संघर्ष किया। मगर एक जून को पीएमसीएच में उसने दम तोड़ दिया। बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए लगातार छह घंटे तक उसे एंबुलेंस में ही तड़पते इंतजार करवाया गया। यह सिर्फ लापरवाही नहीं, बल्कि अपराध है।

    चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री के समक्ष तीन मांगें रखी हैं-

    • पहली मांग यह कि दुष्कर्मी को तुरंत गिरफ्तार कर कठोर सजा दी जाए।
    • दूसरी मांग पीएमसीएच अस्पताल के प्रशासन, डाक्टर और कर्मचारियों की लापरवाही की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच कराई जाए।
    • तीसरी मांग यह कि इलाज में जानबूझकर देरी और अमानवीय दिखाने वाले कर्मियों के खिलाफ केस दर्ज कर तुरंत निलंबित किया जाए।

    नाबालिग दुष्कर्म मामले में गठित स्वास्थ्य विभाग की टीम जल्द देगी अपनी रिपोर्ट

    दूसरी ओर, मुजफ्फरपुर में नाबालिग से दुष्कर्म की घटना और इसके बाद उसके इलाज में लापरवाही के आरोपों की जांच को गठित स्वास्थ्य विभाग की कमेटी को जल्द रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। इस मामले की जांच के लिए मंगलवार को डायरेक्टर इन चीफ डॉ. आरएन चौधरी, डॉ. बीके सिंह और डॉ. प्रमोद कुमार के नेतृत्व में जांच टीम गठित की गई थी।

    स्वास्थ्य सूत्रों ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित विभाग के पदाधिकारियों की जांच टीम ने पीएमसीएच और एसकेएमसीएच का बुधवार को दौरा कर अपनी जांच पड़ताल का काम पूरा किया। जल्द ही यह रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी।

    सूत्रों की माने तो रिपोर्ट के आधार पर कई अन्य पदाधिकारियों पर कार्रवाई संभव है। बता दें कि इस मामले में एसकेएमसीएच की अधीक्षक और पीएमसीएच के प्रभारी उपाधीक्षक पर पहले की कार्रवाई की हो चुकी है।

    मुजफ्फरपुर कांड के पीड़ित परिवार को प्रतिमाह 7750 की पेंशन

    मुजफ्फरपुर की दुष्कर्म पीड़िता किशोरी की मृत्यु के बाद उसके परिवार को सरकार की ओर से आर्थिक सहायता दी जा रही है। बुधवार को उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि पहली किस्त के तौर पर 412650 रुपये में अंतरित कर दिए गए हैं। इस अनुग्रह राशि के अतिरिक्त मुजफ्फरपुर के जिला पदाधिकारी की ओर से मृतका के परिवार को प्रतिमाह 7750 रुपये की पेंशन स्वीकृत की गई है।

    27 मई 2025 से 31 मई 2025 तक की पेंशन राशि 1,250 रुपये का उसके खाते में गई है। जून की पेंशन 5 जुलाई तक प्रदान की जाएगी। मृतक किशोरी के परिवार के पुनर्वास और सामूहिक दुष्कर्म के दोषियों को सजा दिलाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।

    दुष्कर्म पीड़िता की चिकित्सा में लापरवाही बरतने वाले दो चिकित्सा पदाधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई हो चुकी है। इसके अलावा सरकार ने दुष्कर्म के आरोपितों को यथाशीघ्र गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध स्पीडी ट्रायल का निर्णय लिया है।