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    Bihar Politics: नए साल पर बिहार आ सकते हैं नवनियुक्‍त कांग्रेस प्रदेश प्रभारी, मोहन प्रकाश पार्टी नेताओं संग बनाएंगे रणनीति

    बिहार कांग्रेस के नव-नियुक्त प्रभारी मोहन प्रकाश के जनवरी के प्रथम सप्ताह के तीन दिनों के प्रवास पर बिहार आने की संभावना है इससे पहले दिल्ली में प्रदेश इकाई के कुछ वरिष्ठ नेता उनसे मुलाकात भी करने वाले हैं। वे अभी बाहर हैं और मंगलवार तक दिल्ली लौट सकते हैं। नए दायित्व के लिए मोहन को शुभकामना देते हुए प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने आशा व्यक्त की है

    By Vikash Chandra Pandey Edited By: Prateek Jain Updated: Sun, 24 Dec 2023 11:26 PM (IST)
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    Bihar Politics: नए साल पर बिहार आ सकते हैं नए कांग्रेस प्रदेश प्रभारी मोहन प्रकाश। (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार कांग्रेस के नव-नियुक्त प्रभारी मोहन प्रकाश के जनवरी के प्रथम सप्ताह के तीन दिनों के प्रवास पर बिहार आने की संभावना है, इससे पहले दिल्ली में प्रदेश इकाई के कुछ वरिष्ठ नेता उनसे मुलाकात भी करने वाले हैं।

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    वे अभी बाहर हैं और मंगलवार तक दिल्ली लौट सकते हैं। नए दायित्व के लिए मोहन को शुभकामना देते हुए प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने आशा व्यक्त की है कि उनके सहयोग से कांग्रेस बिहार में अपेक्षित लक्ष्य को प्राप्त करेगी।

    पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा, चीफ नेशनल मीडिया को-ऑर्डिनेटर डॉ. संजीव सिंह, डॉ. शकील अहमद खान, विधायक विजय शंकर दुबे, पूर्व विधायक हरखू झा, महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष शरवत जहां फातिमा, प्रवक्ता डॉ. विनोद शर्मा व असित नाथ तिवारी आदि ने उन्हें बधाई दी है।

    मांझी बोले- गुजरात की तर्ज पर हो बिहार में शराबबंदी

    हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी ने शराबबंदी को लेकर आए दिन बयान देते रहे हैं। रविवार को उन्होंने एक बार फिर कहा है कि शराब अच्छी चीज है थोड़ी-थोड़ी पीने सेहत को फायदा होता है। मांझी ने कहा कि कामगारों को एक सीमित मात्रा में शराब पीना चाहिए इससे उनका स्वास्थ्य ठीक रहेगा।

    उन्होंने गुजरात सरकार को धन्यवाद देते हुए कहा कि गुजरात ने गिफ्ट सिटी के नाम पर शराब को छूट दी है। मांझी बोले बिहार में शराबबंदी के काफी नुकसान हुए हैं। पर्यटन उद्योग पूरी तरह प्रभावित हो चुका है। बिहार में आज शराबबंदी नहीं होती तो यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या और अधिक होती।

    सरकार भले ही दावा पर्यटकों की संख्या बढऩे की बात करे लेकिन गया में जितने भी विदेशी पर्यटक आए शाम होने तक पर्यटक गया छोड़ देते हैं। शराब के लिए उन्हें बनारस या झारखंड जाना होता है। उन्होंने कहा यदि यहां शराब मिलती तो पर्यटक रुकते और राज्य सरकार को राजस्व प्राप्त होता।

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