विश्वासमत में 'खेला' करने पर कटा टिकट, राजद में आकर संजीव और बीमा ने बचाई अपनी सीट
पिछले साल नीतीश सरकार के विश्वासमत के दौरान प्रलोभन के संदेह में आए भाजपा-जदयू के कई विधायकों का टिकट कट गया है। डा. संजीव और बीमा भारती ने राजद में शामिल होकर अपनी सीट बचाई। जदयू विधायक सुधांशु शेखर ने प्रलोभन देने के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसके बाद ईओयू ने कई विधायकों से पूछताछ की।

संदेह में आए विधायकों का कटा टिकट
कुमार रजत, पटना। पिछले साल फरवरी में नीतीश सरकार के विश्वासमत के दौरान प्रलोभन दिए जाने के मामले में संदेह के घेरे में आए भाजपा-जदयू के कई विधायकों का टिकट काट दिया गया है। अभी तक इस मामले में सुरसंड से जदयू विधायक दिलीप राय, अलीनगर से भाजपा विधायक मिश्रीलाल यादव, रामनगर सुरक्षित सीट से भाजपा विधायक भागीरथी देवी और नरकटियागंज से भाजपा विधायक रश्मि वर्मा का टिकट काटा जा चुका है।
वहीं विश्वासमत के दौरान चर्चा में आए दो विधायक ऐसे भी रहे जिन्होंने पलटी मारकर अपना टिकट बचा लिया। इनमें परबत्ता से डा. संजीव और रूपौली से बीमा भारती शामिल हैं। परबत्ता से विधायक डा. संजीव और रूपौली से जदयू विधायक रहीं बीमा भारती ने राजद की लालटेन थामकर अपनी सीट बचाई है।
नीतीश सरकार के विश्वासमत के बाद से ही दोनों विधायकों की जदयू से दूरी बढ़ने लगी थी। ऐसे में यह कयास लगाए जा रहे थे कि जदयू से इनका टिकट कटना तय है। ऐसे में दोनों ने जदयू से इस्तीफा देकर राजद से टिकट ले लिया है। बीमा भारती ने तो पिछले साल राजद के टिकट पर पूर्णिया से चुनाव भी लड़ा था मगर उन्हें जीत नहीं मिल सकी।
मालूम हो कि मधुबनी के हरलाखी से जदयू विधायक सुधांशु शेखर ने नीतीश सरकार के विश्वासमत के बाद फरवरी 2024 में पटना के कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसमें जदयू विधायक ने आरोप लगाया था कि विश्वासमत के दौरान महागठबंधन के साथ आने के लिए विधायकों को प्रलोभन दिया जा रहा था।
ईओयू की जांच जारी, कई विधायकों से हो चुकी है पूछताछ
विधायक प्रलोभन मामले की जांच बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) कर रही है। इस मामले में इस साल जुलाई से सितंबर के बीच जदयू विधायक दिलीप राय, भाजपा विधायक मिश्रीलाल यादव एवं भागीरथी देवी, पूर्व विधायक बीमा भारती आदि से पूछताछ की जा चुकी है। इसके अलावा विधायकों के बाडीगार्ड और सहयोगियों से भी ईओयू ने पूछताछ की गई है। विधायकों से विश्वासमत के दौरान उनके लोकेशन, गतिविधि आदि के बारे में ईओयू ने जानकारी ली है। इस मामले की जांच अभी जारी है।
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