Bihar Politics: विधायकों के पाला बदलने की अटकलें तेज, चिराग और तेजस्वी की पार्टी ने छेड़ी चर्चा
बिहार की राजनीति में विधायकों के पाला बदलने की चर्चा जोरों पर है। चिराग पासवान और तेजस्वी यादव की पार्टियों के बीच इस मुद्दे पर बातचीत चल रही है। राजन ...और पढ़ें

चिराग पासवान और तेजस्वी यादव। PTI
राज्य ब्यूरो, पटना। विधानसभा में सरकार को बंपर बहुमत है और विपक्ष को भी नेता प्रतिपक्ष का ओहदा भी मिल चुका है, फिर भी विधायकों के पाला बदलने की अटकलें लगाई जा रहीं। विधानसभा के गलियारे में अभी इस चर्चा का अंत नहीं कि विधायकों पर वाकई डोरे डाले जा रहे या वे स्वयं कोई ऐसा ठांव ढूंढ़ रहे, जहां अधिक लाभ व इत्मीनान हो। लोजपा (रा) और राजद के दावे-प्रतिदावे से अटकलों को और उड़ान मिल गई है।
बिहार में सत्ता पक्ष से गलबहियां कर लेने के इतिहास वाली बसपा का तो इकलौता विधायक है और पिछली बार एकमात्र अख्तरूल ईमान को छोड़कर एआइएमआइएम के चार विधायक पाला बदल लिए थे। इन दोनों के साथ इस बार कांग्रेस को लेकर भी चर्चा तेज है, जिसके मात्र छह विधायक हैं।
इस चर्चा का एक कोण बहुमत वाले पक्ष में वजनदार बनने की ललक भी है। 89 विधायकों वाली भाजपा विधानसभा में पहली बार सबसे बड़ी पार्टी बनी है। 2020 में राजद से एक विधायक कम होने के कारण वह इस उपलब्धि से चूक गई थी। तब जदयू संख्या बल में तीसरे स्थान पर खिसक गया था। इस बार 85 विधायकों के साथ वह दूसरे क्रमांक पर है।
2005 और 2010 में वह बड़े भाई की भूमिका में रहा था। अभी उसी दौर की कसक को लेकर कानाफूसी हो रही। दूसरे दलों के महत्वाकांक्षी विधायक उम्मीद बंधाए हुए हैं। पहले ही दांव में विधायक बन चुके नवगठित इंडियन इंक्लूसिव पार्टी (आईआईपी) के सर्वेसर्वा आईपी गुप्ता तो सार्वजनिक रूप से यह बता चुके हैं कि उन्हें आफर है।
महागठबंधन के एक नेता का कहना है कि दीपक प्रकाश का सौभाग्य गुप्ता को उत्प्रेरित कर रहा होगा। दीपक रालोमो अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के पुत्र हैं, जो विधान मंडल का सदस्य बने बिना मंत्री पद की शपथ लिए हैं। गुप्ता अभी महागठबंधन के साथ हैं और आईआईपी के इकलौते विधायक हैं। पिछली बार बसपा के इकलौते विधायक जमा खान थे। नीतीश मंत्रिमंडल में एक मुसलमान चेहरे की आवश्यकता थी और जदयू को संख्या बल में वृद्धि की। जमां खान की लाटरी लग गई। तभी से मंत्री हैं।
पाला बदल की यह चर्चा लोजपारा सुप्रीमो चिराग पासवान के बयान से परवान चढ़ी। चिराग ने महागठबंधन के कई विधायकों के संपर्क में होने का दावा किया था।
पलटवार में राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने उनकी हैसियत पर प्रश्न किया। लोजपा (रा) से जवाब मिला कि हैसियत यह कि आपके मुख्यमंत्री चेहरा को वेटिंग फार सीएम बना दिया। तंज तेजस्वी यादव पर रहा, जिन्हें महागठबंधन को एकजुट रखने के लिए इस बार अधिक परिश्रम करना है।
संतोष प्रशंसा में उठ खड़े पांच विधायकों वाले एआइएमआइएम के नेता अख्तरूल ईमान से है, जिनके चार साथियों को पिछली बार राजद ने तोड़ लिया था। 17वीं विधानसभा में 17 विधायकों ने पाला बदला था। एआईएमआईएम छोड़कर जाने वालों की अगली पारी के लिए विधानसभा में वापसी भी नहीं हुई। अख्तरूल के लिए इत्मीनान का यह बड़ा कारण है। हालांकि, कांग्रेस को इसका इत्मीनान नहीं। उसके घर में चौतरफा घुसपैठ का इतिहास रहा है।

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