Bihar Politics: सबसे पहले आपातकाल में जेल गए थे लालू, यहीं से हुई थी सक्रिय राजनीति की शुरुआत
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो के लिए शनिवार का दिन शुभ रहा। चारा घोटाले एक मामले में रांची हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी है। लालू प्रसाद इमरजेंसी में पहली बार जेल गए थे। सात बार जेल जाने के बावजूद वे राजनीति के केंद्र बिंदु बने रहे।
पटना, ऑनलाइन डेस्क। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) को चार घोटाले के एक मामले में रांची हाईकोर्ट (Ranchi High court) ने जमानत दे दी है। कहा जा रहा है कि अब उनके जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है। जमानत मिलने की खबर से कार्यकर्ताओं में काफी खुशी है। मालूम हो कि लालू प्रसाद यादव चारा घोटाले के मामले में 23 दिसंबर 2017 से रांची के जेल में बंद हैं। फिलहाल वे दिल्ली एम्स में इलाज करा रहे हैं। गौरतलब है कि बीते करीब साढ़े तीन साल से जेेल में सजा काट रहे लालू प्रसाद यादव पूर्व में भी कई बार जेल जा चुके हैं। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ऐसे नेता के रूप में जाने जाते हैं जो सात बार जेल जा चुके हैं बावजूद वे राजनीति के केंद्र में बने रहे हैं।
आपातकाल में सबसे पहले गए थे जेल
संपूर्ण क्रांति के दौरान जेपी आंदोलन में लालू प्रसाद काफी सक्रिय रहे। इस आंदोलन में उन्हें जेल जाना पड़ा। तब छात्र नेता के रूप में वे जेल गए थे। सन 1977 में जेल छूटने के बाद वे एक तरह से सक्रिय राजनीति में आए। चुनाव लड़े और सांसद बने। इसके बाद वे बिहार के मुख्यमंत्री बने। पहली बार 1990 में और दूसरी बार 1995 में वे बिहार के मुख्यमंत्री बने।
मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा
चारा घोटाले में नाम आने के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। सन 1997 में 30 जुलाई को दूसरी बार न्यायिक हिरासत में भेजे गए। इस दौरान करीब साढ़े चार महीेने वे जेल में रहे। 12 दिसंबर 1997 को वे जमानत पर बाहर आए। इसके बाद 28 अक्टूबर 1998 को उन्हें जेल जाना पड़ा। तब उन्हें पटना के बेऊर जेल में रखा गया था। इसके बाद 11 अप्रैल 2000 को पांच दिनों के लिए जेल जाना पड़ा। फिर उसी वर्ष 28 नवंबर को वे जेल भेजे गए। हालांकि अगले ही दिन उन्हें जमानत मिल गई। तब उनकी पत्नी बिहार की मुख्यमंत्री थीं। इस दौरान लालू प्रसाद बिहार से लेकर केंद्र तक की राजनीति में काफी सक्रिय रहे।
2013 में एक मामले में हुई सजा
राजनीति में सक्रिय लालू प्रसाद यादव को वर्ष 2013 में चारा घोटाले के एक मामले में सजा सुनाई गई। इसके बाद उन्हें रांची के बिरसा मुंडा जेल भेज दिया गया। इस कारण उनके चुनाव लड़ने पर रोक लग गई। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से जमानत मिलने के बाद बाहर आने पर बिहार की राजनीति में उन्होंने एक नया अध्याय लिखा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के साथ महागठबंधन बनाकर सरकार में आए। उनके एक पुत्र उपमुख्यमंत्री और दूसरे मंत्री बनाए गए। हालांकि यह सरकार अधिक दिनों तक नहीं चल सकी। इस बीच 2017 में चारा घोटाले के एक और मामले में वे दोषी ठहरा दिए गए। तब 23 दिसंबर से वे जेल में बंद हैं। इस बीच उनकी तबीयत लगातार खराब रही। किडनी, हार्ट आदि से जुड़ी बीमारियों के कारण एम्स में उनका इलाज चल रहा है।