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    Bihar Politics: '...राहुल गांधी भी शर्मा जाएं', तेजस्‍वी को लेकर जदयू के दिग्‍गज नेताओं ने कह दी चुभने वाली बात

    Updated: Sun, 16 Jun 2024 08:00 PM (IST)

    Bihar News राजद लगातार जदयू और भाजपा को नौकरी के नाम पर टारगेट कर रही है। पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्‍वी यादव लंबे समय से बिहार में सरकारी नौकरी देने का श्रेय पर अपना दावा करते रहे हैं लेकिन अब जदयू उन पर हमलावर हो गई है। पार्टी के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता केंद्रीय मंत्री ललन सिंह समेत कई नेताओं ने उन पर जमकर हमला बोला है।

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    जदयू नेताओं ने तेजस्‍वी यादव पर जमकर हमला बोला है।

    राज्य ब्यूरो, पटना। JDU Surrounds Tejashwi Yadav: जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन ने रविवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर कटाक्ष करते हुए कहा कि वह पूरी दुनिया में आई नौकरियों पर अपना दावा क्यों नहीं करते?

    तेजस्वी यादव झूठ बाेलने में इतने पारंगत हाे गए हैं कि अब राहुल गांधी भी उनसे शर्मा जाएं। मेरा उनसे आग्रह है कि सिर्फ नीतीश कुमार द्वारा उपलब्ध करायी गई नौकरियों का श्रेय लेने के बजाय पूरी दुनिया में मिल रही नौकरियों पर अपना दावा कर दें।

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    ललन‍ सि‍ंंह ने कहा कि तेजस्वी यादव को यह समझना चाहिए कि इंटरनेट के जमाने में झूठ छिपता नहीं है। कोई भी पुरानी खबर को सर्च करके देख सकता है।

    नीतीश कुमार ने 2020 में ही 10 लाख सरकारी नौकरी और 10 लाख रोजगार देने की घोषणा की थी। चुनाव बाद सरकार बनते ही इसकी प्रक्रिया आरंभ हो गयी थी। तेजस्वी जिस समय सरकार में आए उस समय उन्हें इसके बारे में कुछ पता ही नहीं था।

    उमेश कुशवाहा ने भी राजद को घेरा

    जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने रविवार को कहा कि 17 महीनों का झूठ फैलाकर राजद राजनीतिक ऑक्सीजन हासिल करना चाहता है। जागरूक जनता ने लोकसभा चुनाव में तेजस्वी यादव के 17 महीनों के कामकाज को लेकर फैलाए जा रहे झूठ को पूरी तरह से खारिज कर दिया।

    जदयू प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि आश्चर्य की बात है कि करारी पराजय के बाद भी तेजस्वी यादव झूठ बोलने से बाज नहीं आ रहे। ऐसा प्रतीत होता है कि सत्ता के लिए उन्होंने राजनीतिक लोकलाज को भी ताक पर रख दिया है। अपने माता-पिता के कार्यकाल की चर्चा का नैतिक साहस तेजस्वी यादव के पास नहीं है।

    नीतीश कुमार की उपलब्धियों का झूठा श्रेय लेकर वह अपनी राजनीतिक दुकान चलाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। लालू-राबड़ी शासन के 15 साल में केवल 33 हजार, 499 शिक्षकों की बहाली हुई थी। वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 18 वर्षों के कार्यकाल में 5.61 लाख शिक्षकों की बहाली हुई। बहाली की प्रक्रिया आगे भी जारी है। तेजस्वी यादव के गाल बजाने का कोई प्रभाव नहीं होगा।

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