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    Bihar Politics: जदयू के कार्यकारी अध्‍यक्ष संजय झा ने बताया राजद की परेशानी का कारण, बोले-उनका चेहरा फिर बेनकाब

    By Bhuwaneshwar Vatsyayan Edited By: Vyas Chandra
    Updated: Sat, 01 Nov 2025 07:00 PM (IST)

    जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने राजद पर निशाना साधते हुए कहा कि राजद अपनी पुरानी छवि से बाहर नहीं निकल पा रही है। उन्होंने कहा कि राजद का चेहरा फिर से बेनकाब हो गया है और जनता उनकी बातों से ऊब चुकी है। जदयू विकास के पथ पर अग्रसर है।

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    जदयू के कार्यकारी राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष संजय झा ने की सीएम नीतीश कुमार की सराहना। जागरण आर्काइव

    राज्य ब्यूरो, पटना। जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय झा ने शनिवार को अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर होते देख राजद को परेशानी हो रही है। राजद का महिला विरोधी चेहरा फिर हुआ बेनकाब हुआ है। संजय ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा कि महिलाओं को सशक्त करने हेतु इस वर्ष शुरू हुई मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना तथा इसके तहत राज्य की 1.5 करोड़ महिलाओं को स्वरोजगार के लिए दस-दस हजार रुपये दिये जाने पर भी अब राजद को आपत्ति है। जबकि यह क्रांतिकारी योजना है।

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    राजद ने चुनाव आयोग से शिकायत कर दस-दस हजार रुपये देना बंद करने की मांग की है! राजद को लग रहा है कि उसका तथाकथित जातीय और धार्मिक ‘वोट बैंक’ बिखर जाएगा। इसलिए उसने पहले यह अफवाह फैलाना शुरू किया कि सरकार पैसे वापस ले लेगी। जब उसकी यह चाल काम नहीं आई, तो योजना को बंद करवाने के लिए जोर लगाना शुरू कर दिया है। संजय झा ने कहा कि नीतीश कुमार ने नवंबर 2005 में बिहार की सत्ता संभालने के बाद से ही महिलाओं के सशक्तकरण के लिए काम करना शुरू कर दिया।

    उन्होंने बेटियों की शिक्षा के लिए साइकिल और पोशाक के साथ-साथ प्रोत्साहन राशि देने की भी शुरुआत की। वर्ष 2006 से पंचायती राज संस्थाओं और वर्ष 2007 से नगर निकायों के चुनावों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया। ऐसा करने वाला बिहार देश का पहला राज्य था। पिछले चार चुनावों में लाखों महिलाओं को अपने गांव-समाज का नेतृत्व करने का मौका मिला, जिससे उनका मान-सम्मान बढ़ा। बेटियों को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने के बाद मुख्यमंत्री ने वर्ष 2013 में बिहार पुलिस की बहाली में महिलाओं के लिए 35 प्रतिशत आरक्षण का प्रविधान किया। उनके इस ऐतिहासिक फैसले के कारण आज बिहार पुलिस में महिलाओं की संख्या देश में सबसे अधिक है।