पटना की सड़कों पर ‘महाबिहार’ पोस्टर का युद्ध; जदयू ने लालू-राबड़ी-तेजस्वी पर साधा तीर, हार के बाद RJD को कड़ा संदेश
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बाद पटना में जदयू ने एक पोस्टर जारी किया है, जिसमें लालू यादव को धृतराष्ट्र के रूप में दिखाया गया है। इस 'महाबिहार' पोस्टर में राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव पर भी कटाक्ष किया गया है। जदयू ने राजद पर परिवारवाद और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। इस पोस्टर के माध्यम से जदयू ने राजद को कड़ा संदेश दिया है और राजनीतिक माहौल गरमा दिया है।

पोस्टर वार
डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों ने जहां एनडीए खेमे में उत्साह भर दिया है, वहीं राजद की करारी हार के बाद उस पर राजनीतिक हमलों का दौर तेज होता जा रहा है। इसी तीखे माहौल के बीच पटना की सड़कों पर शनिवार को एक ऐसा पोस्टर सामने आया जिसने चुनावी चर्चा को नए सिरे से गर्म कर दिया। जदयू के एमएलसी नीरज कुमार द्वारा लगाया गया यह पोस्टर सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों तक सुर्खियों में है।
‘महाबिहार’ शीर्षक वाले इस पोस्टर में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को महाभारत के धृतराष्ट्र के रूप में दर्शाया गया है, जबकि राबड़ी देवी को गांधारी और तेजस्वी यादव को दुर्योधन की तरह दिखाया गया है।
साथ ही राजद के राज्यसभा सांसद संजय यादव को महाभारत के संजय का रूप दिया गया है, जो धृतराष्ट्र को युद्ध का वर्णन सुनाते थे।
पोस्टर में लालू रूपी धृतराष्ट्र कहते दिखते हैं—“संजय देखो, तुमको क्या दिख रहा है?” जवाब में संजय यादव के रूप में दिखाई गई तस्वीर में लिखा है—“महाराज! हमको तो हरियाणा वाला मॉल दिख रहा है।”
यह सीधा इशारा राजद पर उठे उन आरोपों की तरफ है जिसमें ‘मॉल’ विवाद को लेकर एनडीए लगातार RJD पर हमलावर रहा है।
पोस्टर बेली रोड पर प्रमुख स्थान पर लगाया गया है, जिससे साफ है कि जदयू इस बार चुनावी हार के बाद भी आरजेडी को राजनीतिक तौर पर घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती।
जदयू नेताओं का यह भी आरोप रहा है कि लालू यादव ‘पुत्र मोह’ में धृतराष्ट्र की तरह बिहार की राजनीति को नुकसान पहुंचाते रहे हैं। इसी कथा का मॉडर्न रूप इस पोस्टर में दिखाने की कोशिश की गई है।
राजद के भीतर भी हाल के दिनों में तनाव के संकेत दिखाई दिए हैं, खासकर संजय यादव को लेकर। तेज प्रताप यादव कई बार उन्हें ‘जयचंद’ कहकर संकेतों में निशाना बना चुके हैं।
ऐसे में पोस्टर में संजय यादव की मौजूदगी और भी राजनीतिक अर्थ पैदा कर रही है।
एनडीए की ऐतिहासिक जीत, जिसमें भाजपा 89, जदयू 85 और सहयोगियों को भी उल्लेखनीय सफलता मिली—के बाद विपक्ष का मनोबल गिरा हुआ है।
राजद के 25 सीटों पर सिमटने के बाद पार्टी के भीतर आत्ममंथन की बात तो हो रही है, पर बाहर से प्रहार अब और तेज हो गए हैं।
‘महाबिहार’ पोस्टर उसी प्रहार का दृश्य रूप है, जो बताता है कि बिहार की राजनीति में चुनाव खत्म होने के बाद भी युद्ध कम से कम पोस्टरों के माध्यम से जारी है।

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