बिहार: 'विपक्षी एकजुटता से घबराहट में PM', ललन सिंह ने पीएम मोदी के विदेश दौरे को लेकर कही ये बात
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टैग कर एक ट्वीट किया। ट्वीट में लिखा 23 जून को पटना में हुई विपक्षी दलों की बैठक को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों ने इसे फोटो सेशन करार दिया जबकि बैठक में सभी दलों ने आपसी मतभेद को भुलाकर 2024 के चुनाव संयुक्त रूप से लड़ने पर पूर्ण रूप से सहमति जताई है।

राज्य ब्यूरो, पटना: जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने शनिवार को एक ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की गलत नीतियों पर विपक्षी एकजुटता को देखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी घबराहट में हैं।
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टैग कर एक ट्वीट किया। ट्वीट में लिखा, '' 23 जून को पटना में हुई विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों ने इसे फोटो सेशन करार दिया, जबकि 23 जून की बैठक एक सफल बैठक थी। बैठक में सभी दलों ने आपसी मतभेद को भुलाकर 2024 के लोकसभा चुनाव संयुक्त रूप से लड़ने पर पूर्ण रूप से सहमति जताई है।''
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @NarendraModi जी,
23 जून को पटना में हुए विपक्षी दलों की बैठक पर अपनी प्रतिक्रिया में आपने और आपके मंत्रिमंडल के सदस्यों ने इसको फोटो सेशन कहा है। आपकी प्रतिक्रिया चौंकाने वाली थी क्योंकि आपने अपने 9 साल के शासन में अपनी विदेश यात्राओं के दौरान सिर्फ़…
— Rajiv Ranjan (Lalan) Singh (@LalanSingh_1) July 1, 2023
जदयू नेता ने आगे लिखा, ''प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया चौंकाने वाली थी, क्योंकि उन्होंने अपनी विदेश यात्राओं के दौरान सिर्फ फोटो सेशन ही कराया है, वह भी अलग-अलग पोज में और उसे वह अपनी उपलब्धि बताते रहे हैं। पने फोटो सेशन को वह देश का मान-सम्मान बढ़ाने वाला बताते रहे हैं। बैठक के खिलाफ प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया केंद्र सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ विपक्षी पार्टियों की एकजुटता से आपकी घबराहट का स्पष्ट संकेत है।''
जदयू नेता बोले- आत्मचिंतन करें पीएम
ललन सिंह ने अपने ट्वीट में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी आत्मचिंतन करना चाहिए,क्योंकि देश की जनता अपने प्रधानमंत्री से चरम छूती महंगाई, बेरोजगारी और बिगड़ती जा रही अर्थव्यवस्था पर सुनना चाहती है। वह उसे प्रधानमंत्री के मुंह से नहीं सुन पा रही है।
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