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    Bihar Politics: कांग्रेस के ही जैसा न हो जाए भाजपा का हाल, बिहार में जदयू ने कुछ इसी अंदाजा में चेताया

    By Shubh Narayan PathakEdited By:
    Updated: Mon, 27 Sep 2021 10:15 AM (IST)

    Bihar Politics बिहार की राजनीतिक का रंग महज एक मसले के कारण बदलने लगा है। सरकार में शामिल दो प्रमुख सहयोगी दलों भाजपा और जदयू की राय जाति आधारित जनगणना के मसले पर अलग है। अब जदयू ने बिना नाम लिये भाजपा को इस मसले पर चेतावनी भी दी है।

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    मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और तेजस्‍वी यादव। फाइल फोटो

    पटना, जागरण टीम। Bihar Politics: जाति आधारित जनगणना (Caste Census) बिहार की राजनीति में गले की हड्डी बने जा रही है। इस बीच जदयू के प्रदेश उपाध्‍यक्ष और विधान पार्षद गुलाम गौस ने कहा है कि जाति आधारित जनगणना का विरोध करने वालों को कांग्रेस का हश्र देखना चाहिए। मंडल कमीशन की रिपोर्ट को दबाए बैठी रहने वाली कांग्रेस आज रसातल में चली गई है। आपको बता दें कि बिहार में केवल एक दल भाजपा के ही नेता इस मसले पर बाकी दलों से अलग राय जाहिर कर रहे हैं। बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar CM Nitish Kumar) ने पिछले दिनों नेता प्रतिपक्ष तेजस्‍वी यादव (Tejashwi Yadav) और अन्‍य दलों के नेताओं को साथ लेकर इस मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से भी मुलाकात की थी।

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    जाति के आधार पर चुनावी टिकट तो फिर जनगणना से परहेज क्यों : जदयू

    जदयू एमएलसी गुलाम गौस ने रविवार को कहा कि जाति एक कटु सत्य है। इसे नकारा नहीं जा सकता। जब सभी राजनीतिक दल जाति के आधार पर ही टिकट वितरण करते हैं तो फिर जाति आधारित जनगणना से परहेज क्यों? गुलाम गौस ने कहा कि कांग्रेस ने मंडल कमीशन की रिपोर्ट को लंबे समय तक दबाकर ठंडे बस्ते में रखा। इस रिपोर्ट को लागू किए जाने को ले संसद में 54 घंटे तक बहस चली। कांग्रेस का हश्र सभी के सामने है।

    ये भी पढ़ें, बिहार में टूट जाएगा भाजपा-जदयू का गठबंधन, पूछने पर नीतीश कुमार ने क्‍या कहा

    पिछड़ों की हकमारी करना चाहते हैं विरोध करने वाले लोग

    जदयू एमएलसी ने कहा कि आज जो लोग जाति आधारित जनगणना के नाम पर सामाजिक समरसता का पेंच फंसा रहे हैं, दरअसल वो पिछड़ों की हकमारी करना चाहते हैं। जाति आधारित जनगणना के मामले पर केंद्र सरकार को गंभीरता से पुनर्विचार करना चाहिए। यह केवल बिहार ही नहीं देश के पिछड़ों की मांग है। आपको बता दें कि भाजपा और जदयू दोनों दलों के नेता अभी तक जाति आधारित जनगणना के मसले पर परस्‍पर विरोधी, लेकिन संयमित बयान देते रहे हैं। इस मसले पर बिहार के दो प्रमुख दलों जदयू और राजद की राय एक जैसी है। राजद विधायक तेजस्‍वी यादव के आग्रह पर ही मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को लेकर प्रधानमंत्री से भी मिले थे।

    भाजपा और जदयू की अलग है राय

    सरकार में शामिल एनडीए (Bihar NDA) के दो प्रमुख दलों भाजपा (Bihar BJP) और जदयू (Bihar JDU) में इस मसले पर अब कड़वाहट पैदा हाेने लगी है। दोनों दलों की राय इस मसले पर बिल्‍कुल जुदा है, लेकिन कोशिश होती रही है कि मामला बीच के रास्‍ते से सुलझ जाए। जदयू के प्रदेश उपाध्यक्ष व विधान पार्षद गुलाम गौस (JDU MLA Ghulam Gaus) ने बिना नाम लिये भाजपा को कड़े शब्‍दों में चेतावनी दे दी है। बिहार में भाजपा के नेता के जाति आधारित जनगणना को गैरजरूरी और अव्‍यवहारिक बता रहे हैं, वहीं मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar CM Nitish Kumar) का कहना है कि इसे लेकर भ्रम फैलाने की कोशिश हो रही है। उन्‍होंने इस मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से भी मुलाकात की थी।