Bihar Politics: 'मैंने सीएम का ऑफर छोड़ा...', मांझी ने Nitish Kumar को याद दिलाया एहसान! अपनी डिमांड भी बता दी
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अभी फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित करना है। इसी के साथ उनके सामने सभी विधायकों को साध कर रखने की भी चुनौती है। वहीं अब जीतन राम मांझी ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। मांझी ने कह दिया है कि उनके पास सीएम पद का ऑफर था जिसे वो छोड़कर आए हैं। मांझी ने कहा कि उन्हें नई सरकार में दो मंत्री पद चाहिए।

राज्य ब्यूरो, पटना। हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के संरक्षक एवं पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने नई एनडीए सरकार से अपनी पार्टी के लिए एक और मंत्री पद मांगा है। मांझी ने शुक्रवार को कहा कि मुझे महागठबंधन से मुख्यमंत्री पद का ऑफर था। मुझसे सीधी बात नहीं की गई मगर मेरे लोगों को कहा गया।
मांझी ने कहा कि नई सरकार में निर्दलीय विधायक को भी मंत्री बनाया गया है। इतना ही नहीं, मनचाहा विभाग मिलने की भी बात कही जा रही। मेरी पार्टी के पास तो चार विधायक और एक विधानपार्षद हैं, ऐसे में दो मंत्री पद तो जरूर मिलना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है, तो यह अन्याय होगा।
'अमित शाह ने इसे मुश्किल बताया...'
जीतन राम मांझी ने बताया कि दो मंत्रीपद को लेकर उनकी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा अमित शाह और नित्यानंद राय से भी बात हुई है। अमित शाह ने इसे थोड़ा मुश्किल बताया था मगर उनके लिए मुश्किल को आसान करना बड़ी बात नहीं है। उन्होंने कहा कि वह अपनी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व मंत्री डॉ. अनिल कुमार को मंत्री बनाएंगे। तर्क दिया कि मगध क्षेत्र में समन्वय के लिए एक दलित के साथ सवर्ण जाति का भी मंत्री जरूरी है।
'मेरे 44 साल के राजनीतिक जीवन में...'
विभागों के बंटवारे और मंत्रिमंडल विस्तार में देरी पर भी मांझी ने अचरज जताते हुए कहा कि मेरे 44 साल के राजनीतिक जीवन में पहली बार ऐसा हो रहा है। अब तक सुबह शपथ होता था और शाम तक मंत्रियों को विभाग बांट दिया जाता था। उम्मीद है कि पांच फरवरी तक मंत्रिमंडल विस्तार के साथ मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता है, तो इसे देरी नहीं कहा जाएगा। मालूम हो कि नई सरकार के गठन के बाद हम से मांझी के बेटे संतोष कुमार सुमन को मंत्री बनाया गया है। हालांकि, अभी किसी भी मंत्री को विभाग नहीं दिया गया है।

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