Bihar Politics: भाजपा और जदयू के बीच कैसे होगा सीटों का बंटवारा, चिराग-मांझी ने खड़ी कर दी नई टेंशन!
बिहार में भाजपा और जदयू के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर तनाव बढ़ गया है। चिराग पासवान और जीतन राम मांझी की पार्टियों ने भी अधिक सीटों की मांग करके मुश्किलें बढ़ा दी हैं। गठबंधन में संतुलन बनाए रखना भाजपा और जदयू के लिए एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि हर दल अधिक सीटें चाहता है।

राज्य ब्यूरो, पटना। एनडीए के घटक दलों के बीच सीटों की संख्या का विवाद समाप्त नहीं हो रहा है। खासकर लोजपा (रामविलास) और हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा की मांग दो बड़े घटक भाजपा और जदयू को असहज कर रही है। लोजपा (रा) के अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान का रुख कड़ा है, जबकि मोर्चा के संस्थापक और केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी विनम्र भाव दिखाते हुए रूठने का अभिनय कर रहे हैं।
घटक दलों के बीच सीटों के बंटवारे की प्रक्रिया से जदयू ने स्वयं को पूरी तरह अलग कर लिया है। जदयू के एक बड़े नेता के अनुसार- हमारे और भाजपा के बीच सीटों की संख्या को लेकर कोई विवाद नहीं है। भाजपा पहले अन्य सहयोगी दलों के बीच सीटों का बंटवारा कर लें, बची सीटें हम दोनों आपस में बांट लेंगे।
फिलहाल चिराग पासवान और जीतन राम मांझी की मांग के कारण एनडीए का मामला सुलझ नहीं रहा है। मांझी साफ कह रहे हैं कि उन्हें 15 से कम सीटें नहीं चाहिए, ताकि बहुत खराब परिणाम आए तब भी हमारे सात-आठ विधायक विधानसभा में आ जाएं। इससे उनके मोर्चा को राज्य पार्टी का दर्जा मिल जाए।
यह उनके लिए अपमानजनक है कि चार विधायक, एक विधान पार्षद और एक सांसद रहने के बावजूद उनकी पार्टी को चुनाव आयोग की बैठकों में नहीं बुलाया जाता है। उन्होंने इशारे में चिराग पासवान पर हमला भी किया।
कहा- जिनके विधानसभा में एक भी विधायक नहीं हैं, वे अधिक सीटों की मांग कर रहे हैं। सीटों के बंटवारे की पूरी प्रक्रिया में राष्ट्रीय लोक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा चुप हैं। वह पूरी तरह भाजपा और जदयू पर निर्भर हैं। दोनों दल उनके प्रति अतिरिक्त सम्मान का प्रदर्शन भी कर रहे हैं। दूसरी तरफ चिराग संकेतों में बता रहे हैं कि वे जुल्म करने और जुल्म सहने के पक्ष में नहीं है।
वैसे, अबतक भाजपा-जदयू को छोड़ अन्य तीन सहयोगी दलों के लिए 40 सीटें रखी गईं हैं। इनमें से 25 लोजपा (रा) के लिए है। आठ हम और सात रालोमो के लिए हैं। सीटों के बंटवारे की प्रक्रिया से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सीटों की यह संख्या अंतिम नहीं है। आपसी सहमति से इसमें वृद्धि भी हो सकती है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।