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    Bihar Politics: विधान परिषद में भाजपा बनेगी सबसे बड़ी पार्टी, जदयू को होगा घाटा; चुनाव बाद भी कायम रहेगा NDA का दबदबा

    Updated: Sat, 24 Feb 2024 08:39 PM (IST)

    बिहार में विधान परिषद की 11 सीटों के लिए 21 मार्च को चुनाव होना है। पर लंबे समय से चली आ रही परंपरा पर गौर करें तो 14 मार्च को चुनाव प्रक्रिया के तहत ...और पढ़ें

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    विधान परिषद में भाजपा बनेगी सबसे बड़ी पार्टी, जदयू को होगा घाटा; चुनाव बाद भी कायम रहेगा NDA का दबदबा

    रमण शुक्ला, पटना। बिहार में विधान परिषद की 11 सीटों के लिए 21 मार्च को चुनाव होना है। पर, लंबे समय से चली आ रही परंपरा पर गौर करें तो 14 मार्च को चुनाव प्रक्रिया के तहत नाम वापसी की समय सीमा समाप्त होने के साथ ही नया इतिहास बन जाएगा।

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    भाजपा विधान परिषद में 24 सदस्य संख्या के आधार पर सबसे बड़ी पार्टी बन जाएगी। राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) का दबदबा भी कायम रहेगा। विधानसभा सदस्य संख्या के आधार पर छह सीटें राजग को एवं पांच महागठबंधन मिलेंगी।

    इस चुनाव में कई प्रमुख चेहरों का राजनीतिक भविष्य भी तय होगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हों या सदन में नेता प्रतिपक्ष राबड़ी देवी या फिर राजद, कांग्रेस, भाजपा, सबके लिए चुनाव महत्वपूर्ण है। चूंकि परिषद की सीटें विधानसभा कोटे वाली हैं, ऐसे में कई उलटफेर देखने को मिल सकते हैं।

    लंबी अवधि के बाद जदयू परिषद में छोटे भाई की भूमिका में आ जाएगा। वहीं, राजद को लाभ की संभावना है, जबकि कांग्रेस के सामने इकलौती सीट बचाने की चुनौती है।

    इसके अलावा हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख संतोष सुमन का भाग्य राजग के घटक दलों द्वारा तय होगा। संतोष अभी सरकार में मंत्री हैं। समीकरण के लिहाज से संतोष भाजपा के समर्थन से इस बार विधान पार्षद बनेंगे।

    किस-किस का पूरा हो रहा है कार्यकाल

    भाजपा के मंगल पांडेय, शाहनवाज हुसैन एवं संजय पासवान का कार्यकाल पूरा हो रहा है। जबकि जदयू के नीतीश कुमार, खालिद अनवर, रामईश्वर महतो एवं संजय झा हैं। वहीं, राजद से राबड़ी देवी एवं रामचंद्र पूर्वे का कार्यकाल पूरा हो रहा हैं। कांग्रेस के प्रेम चंद्र मिश्रा एवं हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के संतोष सुमन की सीटें भी रिक्त हो रही हैं।

    परिषद की एक सीट पर जीत के लिए विधानसभा के 21 सदस्यों के वोट की जरूरत होगी। राजग के पास 131 मत है। इससे राजग को आसानी से छह सीटें मिल जाएंगी। विपक्ष को पांच सीटों पर जीत के लिए 105 विधायकों के मत की जरूरत होगी। जबकि विपक्ष के पास 112 मत है।

    राजद का बढ़ सकता है कद 

    राजद के दो एमएलसी का पद रिक्त हो रहा है लेकिन उसके पास 76 विधायकों का मत है। इस समीकरण में राजद को एक सीट का लाभ होता दिख रहा है। उसके तीन उम्मीदवार की जीत तय है।

    इसमें राबड़ी देवी का फिर से निर्वाचन होना तय है। शेष दो सीट पर पार्टी किसे उम्मीदवार बनाती है यह महत्वपूर्ण होगा। उसके बाद भी राजद के पास 13 वोट शेष बचेंगे।

    वहीं, कांग्रेस के 19 विधायक हैं ऐसे में राजद की मदद से कांग्रेस के एक प्रत्याशी को जीत मिल सकती है। वहीं, महागठबंधन के एक सीट का फायदा होना तय है क्योंकि वामदलों के 15 विधायक हैं। ऐसे में पांचवी सीट पर राजद की मदद से वाम दल के किसी एक नेता का उच्च सदन पहुंचने की संभावना बनती हुई दिख रही है।

    जदयू को होगा घाटा 

    जदयू को इस चुनाव में सबसे ज्यादा घाटा होगा। उनके चार एमएलसी का कार्यकाल पूरा हो रहा है, लेकिन इस बार जदयू को दो ही सीट मिल पाएगी। इसमें एक सीट पर नीतीश कुमार का जाना तय है। शेष एक और उम्मीदवार कौन होंगे यह समय बताएगा। जदयू के पास 45 विधायकों का मत है।

    विधान परिषद में दलों स्थिति

    कुल सीट 75

    भाजपा : 24

    जदयू : 24

    राजद : 13

    कांग्रेस : 04

    भाकपा : 01

    हम : 01

    रालोजपा : 01

    निर्दलीय : 06

    रिक्त : 01

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