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    Bihar Election 2025: गठबंधन का वोट पाने में भाजपा, राजद और माले आगे; जदयू-वीआईपी पीछे

    Updated: Fri, 10 Oct 2025 08:28 PM (IST)

    Bihar Election 2025: बिहार की गठबंधन राजनीति में भाजपा, राजद और भाकपा-माले अपने सहयोगी दलों के वोट पाने में सफल रहे हैं। जदयू को लगातार वोट शेयर की कमी से जूझना पड़ रहा है। महागठबंधन में राजद का वोट शेयर हमेशा गठबंधन के औसत से अधिक रहा है, जबकि कांग्रेस का प्रदर्शन कमजोर रहा है।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (फाइल फोटो)

    कुमार रजत, पटना। गठबंधन की राजनीति का गणित भी कम रोचक नहीं। चुनाव में अपने दल के वोटरों के साथ सहयोगी दलों का वोट पाना और उन्हें वोट ट्रांसफर कराना बड़ी चुनौती है।

    एनडीए में भाजपा और महागठबंधन में राजद और भाकपा माले इस चुनौती पर सबसे खरे उतर रहे। इसका लाभ भी उन्हें मिल रहा। पिछले तीन चुनावों से एनडीए को मिले औसत वोट से ज्यादा वोट शेयर भाजपा का रहा है। राजद भी लगातार औसत वोट शेयर से अधिक वोट पा रहा।

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    कभी राज्य की नंबर एक पार्टी रही जदयू को लगातार वोट शेयर की कमी से जूझना पड़ रहा है। सिर्फ एक बार 2005 के विधानसभा चुनाव में ही जदयू को गठबंधन के औसत वोट शेयर से अधिक मत मिला था। इस साल एनडीए को प्रति सीट औसत 36.6 प्रतिशत वोट शेयर मिला था, जिसमें जदयू की हिस्सेदारी 37.3 रही थी।

    इसके अलावा भाजपा की वोट शेयर हिस्सेदारी 35.9 रही थी। इसके बाद से हुए हर चुनाव में भाजपा का वोट शेयर एनडीए केवोट शेयर से अधिक रहा है। वहीं, जदयू चाहे एनडीए के साथ हो या 2015 में महागठबंधन का हिस्सा, उसे गठबंधन के औसत वोट शेयर से कम मत मिला है।

    2010 के चुनाव में एनडीए का एनडीए वोट शेयर 39.1 रहा था, जिसमें भाजपा को सबसे अधिक 39.5 और इसके बाद जदयू को 38.7 प्रतिशत वोट मिले थे।

    2015 के विधानसभा चुनाव में जदयू महागठबंधन का हिस्सा रहा। इस चुनाव में महागठबंधन को 42.9 प्रतिशत वोट मिले। इसमें राजद को प्रति सीट औसत से अधिक 45.2 प्रतिशत वोट मिले जबकि जदयू को 41.7 प्रतिशत वोट शेयर मिला। कांग्रेस 40 प्रतिशत वोट शेयर के साथ तीसरे स्थान पर रही।

    जदयू के लिए सबसे खराब 2020 का पिछला चुनाव रहा। इस चुनाव में एनडीए को औसत 37.6 प्रतिशत वोट मिला। इसमें भाजपा को प्रति सीट 43.2 प्रतिशत वोट मिला मगर उसी गठबंधन में रहते हुए जदयू को महज 33.5 प्रतिशत वोट मिले। इसी तरह लड़ी गई सीटों पर करीब 10 प्रतिशत वोट शेयर का अंतर भाजपा और जदयू के बीच रहा।

    हम को भी औसत से कम 32.9 प्रतिशत जबकि मुकेश सहनी की वीआईपी को लड़ी गई सीटों पर सबसे कम औसत 28.1 प्रतिशत वोट शेयर मिला।

    महागठबंधन में राजद हमेशा औसत से रहा आगे

    राष्ट्रीय जनता दल का वोट शेयर हमेशा महागठबंधन के वोट शेयर से अधिक रहा है। पिछले विधानसभा चुनाव में महागठबंधन का औसत वोट शेयर 37.9 रहा था। इसमें सबसे बेहतर प्रदर्शन भाकपा-माले का रहा जिसे लड़ी गई सीटों पर गठबंधन में सबसे अधिक 42.3 प्रतिशत वोट मिले।

    राजद 39.6 के साथ दूसरे नंबर पर रहा मगर उसे भी गठबंधन के औसत से अधिक वोट हिस्सेदारी मिली। इसके बाद 38.6 प्रतिशत वोट शेयर के साथ सीपीएम और 33.7 प्रतिशत वोट शेयर के साथ सीपीआई रहा।

    महागठबंधन का दूसरा सबसे बड़ा दल कांग्रेस लड़ी गई सीटों पर वोट हिस्सेदारी में सबसे कमजोर साबित हुआ। उसे प्रति सीट औसत महज 33.5 प्रतिशत ही वोट मिले।

    2020 विधानसभा चुनाव 

    राजनीतिक दल - कंटेस्टेड वोट शेयर

    • एनडीए - 37.6
    • भाजपा - 43.2
    • जदयू - 33.5
    • हम - 32.9
    • वीआईपी - 28.1
    • महागठबंधन - 37.9
    • भाकपा-माले - 42.3
    • राजद - 39.6
    • सीपीएम - 38.6
    • सीपीआई - 33.7
    • कांग्रेस - 33.5

    2015 विधानसभा चुनाव 

    • एनडीए -34.9
    • भाजपा - 38.2
    • लोजपा - 29.7
    • रालोसपा - 28.4
    • हम - 27.6
    • महागठबंधन - 42.9
    • राजद - 45.2
    • जदयू - 41.7
    • कांग्रेस - 40.1

    2010 विधानसभा चुनाव 

    • एनडीए : 39.1
    • भाजपा - 39.5
    • जदयू - 38.7

    राजद-लोजपा गठबंधन

    • राजद - 27.3
    • लोजपा - 21.8
    • कांग्रेस - 8.4

    2005 विधानसभा चुनाव 

    • एनडीए : 36.6
    • जदयू - 37.3
    • भाजपा - 35.9
    • यूपीए : 31.2
    • राजद - 32.8
    • कांग्रेस - 29
    • एनसीपी- 21.7
    • माले- 19.1