By Rajat Kumar Edited By: Sanjeev Kumar Updated: Sat, 23 Dec 2023 09:31 AM (IST)
Bihar News पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा कि अब जांच में लेटलतीफी नहीं चलेगी। पुलिस को प्राथमिकी दर्ज होने के बाद अधिकतम 75 दिनों में जांच पूरी करनी होगी। अनुसंधान के प्रदर्शन के आधार पर जिला और थाना स्तर पर रैंकिंग भी जारी की जाएगी। सीआइडी को इन्वेस्टिगेशन75 दिन की मानीटरिंग की जवाबेदही दी गई है।
राज्य ब्यूरो, पटना। नए साल से बिहार पुलिस मिशन मोड में काम करेगी। एक जनवरी से थानों में प्राथमिकी दर्ज होने के 75 दिनों के अंदर पुलिस को हर हाल में जांच पूरी करनी होगी। मिशन इन्वेस्टिगेशन @75 दिन के तहत पुलिस को निर्धारित समय-सीमा में यह बताना होगा कि कांड में अभियुक्त दोषी हैं या नहीं।
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जांच में जो दोषी पाए जाएंगे उनके विरुद्ध आरोप-पत्र दाखिल कर ट्रायल की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, वहीं जो अभियुक्त निर्दोष होंगे उन्हें आरोप मुक्त किया जाएगा। पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी।
एडीजी गंगवार ने बताया कि डीजीपी आरएस भट्टी ने नागरिक केंद्रित पुलिसिंग एवं सुरक्षा-व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए 10 मिशन सुझाए हैं, जिसकी शुरुआत मिशन इन्वेस्टिगेशन @ 75 दिन से होगी। अभी कांड के अनुसंधान में औसत 261 दिनों का समय लगता है।
एक जनवरी से सभी थानों को कांडों की जांच अधिकतम 75 दिनों के अंदर पूरी करनी होगी। अगर महिला अपराध, अनुसूचित जाति-जनजाति या पाक्सो जैसी गंभीर धाराओं में कांड दर्ज है, तो समय-सीमा 60 दिन होगी। अनुसंधान के प्रदर्शन के आधार पर जिला और थानावार रैंकिंग बनाई जाएगी। अपराध अनुसंधान विभाग (सीआइडी) को इसकी मानीटरिंग की जिम्मेदारी दी गई है।
कांडों की जांच में संख्या और गुणवत्ता दोनों पर ध्यान देना होगा। पुलिस अनुसंधान में विधि-विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) का अधिक से अधिक इस्तेमाल करने, कानूनी समझ व साक्ष्य की गुणवत्ता पर ध्यान देने का निर्देश दिया गया है, ताकि सजा दिलाने में आसानी हो।
जनवरी से 20 हजार आइओ संभालेंगे जांच
एडीजी ने बताया कि कांडों की जांच धीमी होने का बड़ा कारण अनुसंधान पदाधिकारी (आइओ) की कमी भी थी। नई पुलिस नियुक्ति, प्रशिक्षण और कार्यकारी उच्चतर प्रभार के बाद इसे काफी हद तक पूरा कर लिया गया है। राज्य के पुलिस थानों में करीब 27 हजार 500 आइओ की जरूरत थी मगर जनवरी, 2023 तक महज 9200 आइओ ही उपलब्ध थे।
हवलदार से इंस्पेक्टर रैंक तक दिए गए उच्चतर प्रभार के बाद अब आइओ की संख्या 15 हजार हो गई है। जनवरी में पुलिस ट्रेनिंग कोर्स (पीटीसी) उत्तीर्ण पांच हजार पुलिस पदाधिकारी और मिलेंगे जिसके बाद कुल संख्या 20 हजार हो जाएगी। इससे भी कांडों के अनुसंधान में तेजी आएगी। थानों में पुराने लंबित कांडों की प्राथमिकता सूची तैयार कर अनुसंधान का काम पूरा किया जाएगा।
पुलिस के सभी 10 मिशन जनवरी में होंगे लांच
बिहार पुलिस की कार्यप्रणाली में सुधार के लिए 10 अलग-अलग मिशन तैयार किए गए हैं। इन्वेस्टिगेशन @ 75 दिन इसका पहला मिशन होगा जो एक जनवरी को लांच होगा।
इसके अलावा अपराध नियंत्रण, नागरिक सेवा, यातायात, पुलिस प्रशिक्षण आदि विषयों पर अन्य नौ मिशन तैयार किए जा रहे हैं। इन सभी की लांचिंग जनवरी माह में अलग-अलग की जाएगी।
पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा कि अब जांच में लेटलतीफी नहीं चलेगी। पुलिस को प्राथमिकी दर्ज होने के बाद अधिकतम 75 दिनों में जांच पूरी करनी होगी। अनुसंधान के प्रदर्शन के आधार पर जिला और थाना स्तर पर रैंकिंग भी जारी की जाएगी। सीआइडी को इन्वेस्टिगेशन@75 दिन की मानीटरिंग की जवाबेदही दी गई है।
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