Bihar Police: पुलिसिया रौब दिखाना पड़ सकता है महंगा, आम नागरिक से पुलिस वाले नहीं करेंगे अशिष्ट व्यवहार, वरना होगा एक्शन
बिहार पुलिस ने अपने कर्मियों को नागरिकों के साथ विनम्र रहने के सख्त निर्देश दिए हैं। पुलिस मुख्यालय ने एडवाइजरी जारी कर कहा है कि अभद्र व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। नागरिकों से शालीनता से पेश आने और वर्दी का रौब न दिखाने का निर्देश दिया गया है। शिकायत मिलने पर पुलिसकर्मी के खिलाफ कार्रवाई होगी। इसका उद्देश्य पुलिस की छवि सुधारना है।

बिहार पुलिस मुख्यालय ने जारी किया आदेश। जागरण आर्काइव
डिजिटल डेस्क, पटना। पुलिसिया रौब अब नहीं चलेगा। किसी आम नागरिक से यदि कोई पुलिसवाला असभ्य व्यवहार करेगा तो उसपर सख्त एक्शन लिया जाएगा।
बिहार पुलिस मुख्यालय ने इस बाबत आदेश जारी किया है। कहा गया है कि आम नागरिकों के साथ असभ्य व्यवहार करने वाले पुलिसकर्मियों व पदाधिकारी पर कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस मुख्यालय ने सभी डीजी, एडीजी, आईजी, डीआईजी और एसपी को इस आशय का पत्र लिखा है। अपर पुलिस महानिदेशक ने पत्र में कहा है कि कल्याण कोष की बैठक हुई थी।
पटना और कटिहार में की गई कार्रवाई
उसमें बिहार पुलिस एसोसिएशन ने बेहतर पुलिसिंग की चर्चा की। इसी क्रम में डीजीपी विनय कुमार ने हाल के दिनों में पुलिस पदाधिकारी व पुलिस कर्मियों द्वारा आमजन से अशिष्ट व्यवहार का मामला सामने रखा।
उन्होंने कहा कि पटना के नदी थाना एवं कटिहार के बारसोई थाने के कुछ पुलिसकर्मियों के असभ्य व्यवहार के कारण उन्हें निलंबित कर दिया गया।
इस तरह की घटना से न केवल बिहार पुलिस की छवि धूमिल होती है, बल्कि जनविश्वास एवं सहयोग में भी कमी है। इसलिए ऐसा व्यवहार स्वीकार्य नहीं है।
की जाएगी अनुशासनिक कार्रवाई
वरीय पदाधिकारियों को कहा गया है कि वे अपने अधीनस्थ को आम नागरिक के साथ शिष्टाचारपूर्वक व्यवहार करते हुए कर्तव्य निर्वहन का निर्देश देंगे। यदि कोई पुलिसकर्मी असभ्य व्यवहार करता है तो उसे चिह्नित कर अनुशासनिक कार्रवाई करें।
बता दें कि पिछले दिनों पटना में एक राइडर के साथ पुलिसकर्मियों के बुरे बर्ताव का वीडियाे वायरल हुआ था। इसके बाद दोनों पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गई।
इसी तरह जेपी गंगा पथ पर एक पुलिसवाले का गर्भवती महिला की स्कूटी का मामला चर्चा में रहा था। उसका वीडियो भी खूब वायरल हुआ था। ऐसे में अब पुलिस मुख्यालय के आदेश से तस्वीर बदलने की उम्मीद है। हालांकि पूर्व में भी इस तरह का आदेश दिया गया था, लेकिन वह बहुत प्रभावी नहीं दिखाा।

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