अब हर जिले में STF, हर रेंज में ATS; बिहार पुलिस ने आतंक और अपराध पर कसी कमर
बिहार पुलिस ने अपराध और आतंकवाद पर नियंत्रण के लिए हर जिले में एसटीएफ और हर रेंज में एटीएस की तैनाती करने का फैसला किया है। एसटीएफ संगठित अपराधों पर नियंत्रण रखेगी, जबकि एटीएस आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों पर नजर रखेगी। इस कदम से पुलिस को अपराध से निपटने में अधिक मदद मिलेगी।

बिहार में रेंज स्तर पर एटीएस और जिलास्तर पर होगी एसटीएफ इकाई
राज्य ब्यूरो, पटना। अब आतंकवाद और संगठित अपराधियों के विरुद्ध जिलों में भी कम समय में कारगर कार्रवाई हो सकेगी। इसके लिए बिहार पुलिस की दो महत्वपूर्ण इकाइयों का विस्तार रेंज और जिला स्तर पर करने की योजना है।
आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) की इकाइयों को रेंज स्तर जबकि विशेष कार्य बल (एसटीएफ) की इकाई को जिलास्तर पर तैनात करने की तैयारी है। अभी तक दोनों इकाइयां पुलिस मुख्यालय के स्तर पर कार्यरत हैं। पुलिस मुख्यालय ने इससे संबंधित प्रस्ताव गृह विभाग को भेजा है।
एटीएस के एडीजी पंकज कुमार दराद ने बताया कि एटीएस को सुदृढ़ करने की योजना पर लगातार काम चल रहा है। एटीएस में 346 नए जवानों की तैनाती के लिए प्रस्ताव दिया गया है। इसके मिलने के बाद रेंज स्तर पर एटीएस की इकाइयां कार्यरत हो सकेंगी।
इसमें पटना के अलावा मुजफ्फरपुर, गया, दरभंगा, भागलपुर, पूर्णिया में भी एटीएस की टीम होगी। रेंज स्तर पर इकाइ का नेतृत्व डीएसपी रैंक के पदाधिकारी करेंगे। उनके साथ रेंज स्तर पर मारक दस्ता, बम स्कवाड और डाग स्कवाड आदि की भी तैनाती की जाएगी।
जिलास्तर पर अपराधियों को गिरफ्तार करेगी एसटीएफ
एसटीएफ की टीम के जिलास्तर पर तैनात होने से संगठित अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई और कारगर होगी। अभी मुख्यालय स्तर से एसटीएफ की टीम अलग-अलग जिलों में जाकर अपराधियों को गिरफ्तार करती है। जिलास्तर पर अलग यूनिट से संगठित और मोस्टवांटेंड अपराधियों के विरुद्ध कार्रवाई में तेजी आएगी। इसके लिए पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण देकर एसटीएफ में तैनात करने की भी योजना है।
साइबर और नारकोटिक्स के लिए अलग विशेष इकाई जल्द
राज्य में साइबर अपराध और ड्रग्स के मामलों पर कार्रवाई के लिए जल्द ही साइबर और एंटी नारकोटिक ब्यूरो की दो अलग इकाइयां काम करने लगेंगी। राज्य सरकार की स्वीकृति के बाद इन दोनों इकाइयों के स्थापना की कवायद शुरू कर दी गई है।
नई इकाई में एसपी आपरेशन, एसपी सुरक्षा और एसपी प्रशिक्षण के पद होंगे। साइबर लैब भी इसके अधीन ही आएंगे। अभी साइबर अपराध एवं नशीले पदार्थों पर नियंत्रण से जुड़े मामलों को बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) देख रही थी। वहीं शराब से जुड़े मामले अपराध अनुसंधान विभाग (सीआइडी) द्वारा देखे जाते थे।

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