बिहार के थानों, प्रखंड, अनुमंडल व छोटे शहरों को मिलेगी नई सड़कों की सौगात
आत्मनिर्भर बिहार व सात निश्चय-2 के तहत ग्रामीण सड़कों की चौड़ाई बढ़ाई जाएगी। सुलभ संपर्कता योजना के तहत अस्पताल स्टेट हाइवे और नेशनल हाइवेज को जोडऩे के लिए नई सड़कें बनेंगी । गांवों के विकास और रोजगार सृजन के लिए यह नीति बनाई गई है।
पटना, रमण शुक्ला । सरकार ने 250 और पांच सौ की आबादी वाले सभी गांवों व टोलों को पक्की सड़क से जोडऩे के बाद अब सात निश्चय-2 के तहत नया लक्ष्य तय किया है। अगले पांच वर्षों में छोटे शहरों, थानों, प्रखंडों और अनुमंडलों को अब एक नई सड़क की सौगात मिलेगी। आबादी के दबाव को ध्यान में रखकर यह पहल की जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा रोजगार सृजन व आवागमन आसान बनाने के लिए आत्म निर्भर बिहार के तहत सरकार यह नवाचार करने जा रही है। यही नहीं, आने वाले दिनों जहां नई सड़क का विकल्प उपलब्ध नहीं होगा वहां थाना, प्रखंड व अनुमंडलों को जोडऩे वाली मुख्य सड़कों की चौड़ाई बढ़ाने का मसौदा सरकार तैयार करा रही है। ग्रामीण कार्य विभाग को यह जिम्मेदारी दी गई है।
विजय चौधरी की पहल पर नई नीति
ग्रामीण कार्य मंत्री विजय चौधरी की पहल पर नई नीति बनाई जा रही है। जिलों से विकल्प वाली सड़कों का प्रस्ताव मांगा गया है। इसके साथ जहां विकल्प नहीं मिलेगा वहां सड़कों की चौड़ाई बढ़ाने की योजना है।
दरअसल, सरकार गांवों से शहरों की तरफ तेजी से बढ़ रहे पलायन को बेहतर सुविधा के जरिए गांवों में थामने की कोशिश में जुट गई है। इसी उद्देश्य के तहत आत्म निर्भर बिहार की परिकल्पना की गई है। आत्म निर्भर बिहार के जरिए गांवों में रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए योजनाएं तैयार करा रही है। स्वरोजगार पर सरकार का सर्वाधिक जोर दे रही है। पहल को अमलीजामा पहनाने के लिए सरकार संसाधन और सुविधाओं को लेकर तमाम विकल्प पर काम कर रही है। इसी के तहत सरकार नवाचार करने जा रही है। सरकार को इस पहल के जमीन पर उतरने के बाद विकास दर तेजी से बढऩे का अनुमान है। सुलभ संपर्कता योजना तहत प्रमुख अस्पताल, राज्य उच्च पथ, राष्ट्रीय उच्च पथों को जोडऩे के लिए भी नई सड़कें बनेंगी।
ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि सरकार गांवों को शहर जैसी सुविधा मुहैया कराकर विकसित बिहार बनाने पर काम कर रही है। थानों, प्रखंड व अनुमंडल मुख्यालयों के साथ प्रमुख छोटे शहरों को आबादी के हिसाब से यातायात के दबाव को कम करने के लिए वैकल्पिक सड़क बनाने की योजना है।