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    बिहार में ATM काटने वालों की तलाश में जुटी 5 जिलों की पुलिस, कुरैशी और मेवात गैंग पर शक

    Updated: Mon, 22 Dec 2025 09:29 AM (IST)

    बिहार में एटीएम उखाड़ने वाले अपराधियों की खोज में 5 जिलों की पुलिस टीम लगी है। पुलिस को शक है कि इस घटना में कुरैशी और मेवात गैंग का हाथ हो सकता है। प ...और पढ़ें

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    ATM काटकर निकाले गए पैसे। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, पटना। एटीएम काटने और उखाड़ने वाले गिरोह की तलाश पांच जिलों की पुलिस को है। स्कार्पियो और बोलेरो से घूमकर गिरोह के गुर्गे बीते एक महीने में बेतिया, सारण के सोनपुर, सिवान, मुजफ्फरपुर, पटना के दानापुर में एटीएम काटकर लाखों की नकदी उड़ा ले गए। हर घटना में अपराध शैली एक जैसी है, जिससे संदेह है कि सभी घटनाओं को एक ही गिरोह ने अंजाम दिया है।

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    उन्होंने हर जगह एटीएम को गैस कटर से काटा है। छानबीन में वारदात के तरीकों से दूसरे राज्यों के पेशेवर गिरोह की संलिप्तता भी सामने आ रही है। पूर्व की घटनाओं की अपराध शैली को देखते हुए संदेह है कि हरियाणा और राजस्थान के कुरैशी या मेवात गैंग की संलिप्तता हो सकती है।

    फिलहाल, गिरोह की पहचान और गिरफ्तारी के लिए जिन जिलों में घटनाएं हुईं हैं, वहां की पुलिस एक-दूसरे के संपर्क में हैं। तकनीकी अनुंसधान कर गिरोह तक पहुंचने के लिए साक्ष्य जुटाने के साथ ही पूर्व में इस तरह की कब और कहां घटनाएं हुईं थीं, इसकी भी फाइल पलटी जा रही है।

    छानबीन में जुटी पुलिस

    इधर, 17 नवंबर को दानापुर में एटीएम काटने वाले बदमाशों ने जिस वाहन का इस्तेमाल किया था, पुलिस को उसका नंबर मिला, लेकिन छानबीन में पता चला कि वह नंबर प्लेट ही फर्जी है। अपराधियों ने जिस वाहन का इस्तेमाल किया था, वह किस दिशा से आया और निकल गया, इसकी जानकारी के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगालने में जुटी पुलिस कुछ ही दूर जाने के बाद अंधेरे में उलझ गई। पूर्व की घटनाओं को देखा जाए तो वर्ष 2018 से 2021 के बीच पटना में 10 एटीएम काटकर लाखों रुपये उड़ा ले गए।

    इतना ही नहीं, दो जगहों से एटीएम ही उखाड़ ले गए थे। इनमें अधिसंख्य घटनाओं को अंजाम देने वाले अपराधी चार पहिया वाहन से ही थे। चार माह काम, राजमार्ग से जुड़े इलाकों में रेकी : मेवात और कुरैशी गैंग चार महीनों तक सक्रिय रहता है। ज्यादातर नवंबर से फरवरी के बीच वारदात करता है।

    इसके बाद गिरोह राज्य बदल देता है। वारदात से पहले गिरोह के गुर्गे इलाके की रेकी करते हैं। ऐसी एटीएम को टारगेट करते हैं, जो राजमर्ग से जुड़े हों या फिर शहर से बाहर हों, जहां घटना को अंजाम देने के बाद उनकी गाड़ी आसानी से मुख्य मार्ग तक पहुंच जाए। ज्यादातर वही एटीएम चुनते हैं, जहां गार्ड न हो।

    काफी शातिर है गिरोह

    बिना नंबर की स्कार्पियो, बोलेरो, इनोवा वाहन से घूमने वाले इस गिरोह के बदमाश इतने पेशेवर हैं कि एटीएम काटते समय एक भी नोट नहीं जलता। कई बार यह गिरोह गूगल मैप के जरिए भी ऐसी एटीएम को चुनते हैं। यह गिरोह साथ में फर्जी नंबर प्लेट भी रखता है। घटना को अंजाम देने से पहले मोबाइल का इस्तेमाल करना बंद देता है।

    एटीएम काटने से पहले कैमरे पर स्प्रे कर देता है। कई बार एटीएम नहीं कटने पर उसे उखाड़ने से भी नहीं चूकते। वर्ष 2019 में आया था औरंगाबाद से जुड़े कुरैशी गैंग का नाम: पटना में वर्ष 2019 में कुरैशी गैंग का नाम सामने आया था, जब फुलवारीशरीफ में एटीएम काटकर सात लाख रुपये की चोरी, अनीसाबाद और शिवपुरी में एटीएम काटने की सूचना मिली थी।

    यही गिरोह बेउर के प्रगति नगर में भी एटीएम काटकर चोरी किया था। 15 जनवरी 2019 की रात चार एटीएम काट लाखों रुपये उड़ाने के मामले में पटना पुलिस ने फरवरी 2019 में तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया था। यह गिरोह बाढ़ के एनटीपीसी क्षेत्र में एटीएम तक उखाड़ ले गया था।

    पटना पुलिस ने औरंगाबाद से कुरैशी गैंग से जुड़े आलम, शब्बीर और इबरार को गिरफ्तार किया था। कुरैशी गैंग का कनेक्शन हरियाणा के मेवात से है। इनका तार मध्य प्रदेश से भी जुड़ा था। इनकी पहचान मध्यप्रदेश के बैतुल जिले के घोड़ाडोगरी निवासी आलम शेर रजा उर्फ चुनमुन एवं औरंगाबाद जिले के शब्बीर अंसारी और इबरार हुसैन के रूप में हुई थी।

    तीनों रेकी के बाद एटीएम काटने के लिए हरियाणा के मेवात गैंग के सदस्यों को बुलाते थे एसपी, पटना पश्चिमी भानु प्रताप सिंह ने कहा कि दानापुर में एटीएम काटने वाले गिरोह की पहचान कर गिरफ्तारी के लिए टीम गठित की गई है। दूसरे जिलों की पुलिस भी संपर्क में हैं। घटना में दूसरे राज्य के गिरोह की संलिप्तता से इन्कार नहीं किया जा सकता है।

    पटना और आसपास के क्षेत्र में एटीएम काटने की हुईं घटनाएं

    • फरवरी 2018: फुलवारीशरीफ में एटीएम काटकर 7 लाख रुपये की चोरी।
    • मार्च 2018: अनीसाबाद और शिवपुरी इलाके में पूरी एटीएम मशीन काट ले गए।
    • जुलाई 2018: बेउर के प्रगति नगर में एटीएम काटकर चोरी।
    • जुलाई 2018: एनटीपीसी में 12 लाख कैश सहित पूरी एटीएम उखाड़ ले गए।
    • अगस्त 2018: अगमकुआं में एटीएम काटकर 9 लाख रुपये चुराए।
    • अगस्त 2018: पत्रकारनगर में एटीएम काटकर 10 लाख रुपये लेकर फरार।
    • नवंबर 2018: सगुना मोड़ पर एटीएम काटकर 8 लाख की चोरी।
    • जनवरी 2019: जक्कनपुर, अगमकुआं और आलमगंज में एटीएम काटे गए।
    • अक्टूबर 2021: फुलवारीशरीफ में 21 लाख कैश से भरा एटीएम उखाड़ ले गए।
    • दिसंबर 2025: दानापुर में गैस कटर से एटीएम काटकर 14.5 लाख उड़ा ले गए।

    सिवान से फर्जी आईडी से खरीदा था सिमकार्ड

    एसीबीआइ की एटीएम काटकर कैश उड़ाने वाले गिरोह के बारे में जिला पुलिस को अहम सुराग हाथ लगे हैं। कच्ची पक्की स्थित घटनास्थल की जब टावर डंपिंग कराई गई तो वहां पर चार संदिग्ध मोबाइल नंबर का पता लगा।

    इसका डिटेल खंगालने पर पाया गया कि यह नंबर सिवान से जारी हुआ है। इसी आधार पर जिला पुलिस की एक टीम सिवान में कैंप कर रही है ताकि उस दुकानदार के बारे में पता लग सके, जहां से सिमकार्ड खरीदा था।

    प्रारंभिक जांच में पता लगा कि ये लोग सिवान के रास्ते ही बिहार में प्रवेश किए थे। सिवान में ही फर्जी आइडी के आधार पर इन्हें सिमकार्ड उपलब्ध हुआ। पुलिस उस व्यक्ति की भी तलाश कर रही है, जिसके नाम से सिमकार्ड जारी हुआ।

    इसके अलावा हरियाणा व राजस्थान से इस गिरोह के तार जुड़े हैं। इसी आधार पर दो अलग-अलग विशेष टीमें गठित कर दोनों राज्यों में रवाना की गई हैं। वहां स्थानीय थाने के सहयोग से इस गिरोह के बदमाशों की पूरी कुंडली खंगाली जा रही है। पुलिस का मानना है कि इस गिरोह का पता वहीं से मिलेगा जहां के ये सभी रहने वाले हैं।

    इसलिए दो टीमों को दोनों राज्यों में भेज दिया गया है। वहां बदमाशों का फुटेज, घटना को अंजाम देने का तरीका समेत अन्य बिंदुओं की जानकारी स्थानीय पुलिस को देकर इस गिरोह का पता किया जा रहा है।

    आशंका जताई जा रही कि सिवान में प्रवेश करने के बाद इसे पंच कराया गया होगा। इसलिए गाड़ी का भी पता नहीं लग पा रहा है। इसके अलावा बदमाश इतने शातिर है कि टोल से बचने के लिए ग्रामीण रास्तों का उपयोग कर एक से दूसरे जिले में प्रवेश कर रहे हैं।