Updated: Wed, 13 Aug 2025 10:35 AM (IST)
बिहार पुलिस ने इस साल जुलाई तक 54 हजार से ज्यादा अपराधियों को गिरफ्तार किया है। हत्या के मामलों से ज़्यादा पुलिस पर हमला करने वालों की गिरफ्तारी हुई है। पुलिस ने डकैती लूट एससी-एसटी एक्ट और सांप्रदायिक हिंसा जैसे मामलों में भी कई गिरफ्तारियां की हैं। असामाजिक तत्वों के खिलाफ निरोधात्मक कार्रवाई भी की जा रही है और कई वाहनों पर जुर्माना लगाया गया है।
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार पुलिस ने इस साल जुलाई तक आपराधिक घटनाओं में कार्रवाई करते हुए 54 हजार से अधिक गिरफ्तारी की है। इसमें हत्या से ज्यादा गिरफ्तारी पुलिस पर हमले करने वालों की हुई है। पुलिस मुख्यालय की रिपोर्ट के अनुसार, हत्या के मामलों में जुलाई तक 3,905 आरोपितों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, वहीं पुलिस पर हमला करने वाले 4,031 को पुलिस ने पकड़ा है।
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इसके अलावा बड़े आपराधिक कांडों में डकैती के मामल में 725, लूट के मामले में 1,451 और एससी-एसटी एक्ट मामले में 2,609 को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। विधि-व्यवस्था से जुड़े कांडों में सांप्रदायिक हिंसा से जुड़े मामले में 1,021, भीड़ के द्वारा हिंसा में 58 और हर्ष फायरिंग के मामले में 64 अभियुक्तों को पुलिस ने जुलाई तक गिरफ्तार किया है।
पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर सभी जिलों में थानास्तर पर असामाजिक तत्वों की पहचान कर उनके विरुद्ध निरोधात्मक कार्रवाई भी की जा रही है। इस साल जनवरी से जुलाई के बीच छह लाख 85 हजार से अधिक लोगों के विरुद्ध निरोधात्मक कार्रवाई की गई है।
इनमें एक लाख 46 हजार 898 के विरुद्ध बांड पत्र की कार्रवाई की गई है। जुलाई तक 1662 व्यक्तियों के विरुद्ध सीसीए (क्राइम कंट्रोल एक्ट) के तहत कार्रवाई का प्रस्ताव डीएम को भेजा गया है, जिसमें 339 के विरुद्ध आदेश पारित हुआ है।
वहीं, पुलिस के समकालीन अभियान के तहत कार्रवाई करते हुए आठ लाख से अधिक वाहनों की जांच की गई है, जिसमें एक लाख 3,645 वाहनों पर करीब 14 करोड़ 67 लाख का जुर्माना लगाया गया है।
इस दौरान 1,432 वाहनों को जब्त किया गया है, जबकि 11 हजार से अधिक वांछित अभियुक्तों और आठ हजार से अधिक वारंटियों की गिरफ्तारी की गई है।
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