बिहार पुलिस मुख्यालय का बड़ा एक्शन; ऐसी माइक्रो फाइनांस कंपनियों पर होगा रंगदारी का मुकदमा
बिहार पुलिस मुख्यालय ने माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का फैसला किया है। ऐसी कंपनियों पर रंगदारी का मुकदमा दर्ज किया जाएगा जो जब ...और पढ़ें

बिना लाइसेंस वाली एमएफसी पर होगी कार्रवाई। सांकेतिक तस्वीर
राज्य ब्यूरो, पटना। डीजीपी विनय कुमार ने कहा कि राज्य में बिना निबंधन चल रहे माइक्रो फाइनेंस कंपनियों (Micro Finance Companies) पर रंगदारी का केस दर्ज किया जाएगा।
सभी जिलों से ऐसी निबंधित और गैर निबंधित माइक्रो फाइनेंस कंपनियों और अन्य कर्ज देने वाली संस्थाओं (MFC) की पूरी सूची तलब की गई है। ऐसे सभी अवैध माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के विरुद्ध व्यापक स्तर पर कार्रवाई की जाएगी।
मुजफ्फरपुर में कर्ज के तले दबे पिता के तीन बेटियों के साथ आत्महत्या करने की घटना के बाद इस बाबत पुलिस मुख्यालय ने विशेष निर्देश जारी किया है।
सीआइडी की टीम कर रही जांच
डीजीपी ने बताया कि मुजफ्फरपुर मामले में पुलिस को सहयोग करने के लिए अपराध अनुसंधान विभाग (सीआइडी) की टीम भेजी गई है। वह हर बिंदु पर जांच कर रही है।
अब तक की जांच में मुजफ्फरपुर में 20-22 निबंधित माइक्रो फाइनेंस कंपनियों की जानकारी मिली है, मगर इससे अधिक संख्या में संस्थाएं कर्ज बांट रही हैं। इनका पता लगाया जा रह है। इन सभी पर रंगदारी का केस दर्ज होगा।
उन्होंने बताया कि एमएफसी की संचालन की पूरी प्रक्रिया बनी हुई है। किसी भी तरह का कर्ज देने वाली संस्था को पंजीकरण कराना अनिवार्य है। माइक्रो फाइनेंस कंपनियां भी इसके दायरे में आती हैं। इसका निबंधन जिला स्तर पर होता है।
एसडीओ रैंक या सीनियर डिप्टी कलेक्टर को पंजीयन करना होता है। यदि निबंधन नहीं हैं, तो ऐसी कंपनियां अवैध हैं। इसके बाद प्रखंड स्तर पर बीडीओ या सर्किल आफिसर की जिम्मेदारी होती है कि वह क्षेत्र में भ्रमणशील कर यह पता लगाएं कि कौन-कौन सी कंपनियां कर्ज दे रही हैं, इनमें कितने वैध हैं या अवैध।
इसके बाद कर्ज बांटने वाली अवैध कंपनियों पर कार्रवाई करने के लिए पुलिस को रिपोर्ट देनी होती है। इसके बाद पुलिस कार्रवाई करती है। पुलिस की इस मामले में सीधी भूमिका नहीं है, मगर मुजफ्फरपुर कांड को देखते हुए स्वत: संज्ञान लिया गया है। सभी एजेंसियों को सक्रिय रहने को कहा गया है।
सभी बिंदुओं पर जांच कर रही सीआइडी
डीजीपी ने कहा कि सीआइडी की टीम घटना के कारणों को उद्घाटित करने के लिए सभी दृष्टिकोण से जांच कर रही है। पीडि़त परिवार ने कितना कर्ज लिया, किससे कर्ज लिया, उसके भुगतान की क्या स्थिति थी, कर्ज देने वाले संस्थान की ओर से अनुचित दबाव तो नहीं था, इन सभी बिंदुओं पर पुलिस की टीम अनुसंधान कर रही है।
मालूम हो कि गृहमंत्री सम्राट चौधरी ने भी पिछले सप्ताह समीक्षा बैठक में अधिक सूद पर कर्ज देने वाले गुंडा बैंकों पर सख्त कार्रवाई का निर्देश पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों को दिया था।

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