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    बिहार की पिंक बस अब महिलाओं के हवाले, निगम ने शुरू की महिला ड्राइवरों की भर्ती

    Updated: Wed, 19 Nov 2025 04:11 PM (IST)

    बिहार राज्य पथ परिवहन निगम ने पिंक बसों को महिलाओं के हवाले करने का फैसला किया है। इसके लिए महिला ड्राइवरों की भर्ती शुरू हो गई है। यह कदम महिलाओं को रोजगार देने और सार्वजनिक परिवहन में उनकी भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है। पिंक बसों के संचालन से महिला यात्रियों को सुरक्षित और आरामदायक महसूस होगा।

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    बिहार की पिंक बस अब महिलाओं के हवाले

    डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार राज्य पथ परिवहन निगम ने राज्यभर में संचालित हो रही ‘पिंक बस सेवा’ को अब पूरी तरह महिलाओं के हवाले करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। निगम ने महिला चालकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिसके लिए इच्छुक अभ्यर्थी 15 दिसंबर 2025 तक आवेदन कर सकती हैं। चयनित महिलाओं को 20 जनवरी 2026 से IDTR औरंगाबाद में दो सप्ताह का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।

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    प्रशिक्षण के दौरान रहने-खाने की व्यवस्था निगम स्वयं करेगा और प्रशिक्षण सफलतापूर्वक पूरा करने वालों को संविदा पर नियुक्ति का अवसर भी मिलेगा।

    अभ्यर्थियों के लिए HMV या LMV ड्राइविंग लाइसेंस और कम से कम तीन वर्ष का ड्राइविंग अनुभव अनिवार्य रखा गया है।

    उम्र सीमा 21 से 40 वर्ष निर्धारित है, जिसका निर्धारण 1 जनवरी 2026 के आधार पर होगा। LMV लाइसेंस वाली महिलाओं को निगम HMV लाइसेंस की परीक्षा दिलवाने में भी सहयोग करेगा, ताकि अधिकाधिक महिलाओं को अवसर मिल सके।

    गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 16 मई को 20 पिंक बसों को हरी झंडी दिखाई थी। वर्तमान में पटना में 8, मुजफ्फरपुर में 4, दरभंगा और भागलपुर में 2-2 तथा पूर्णिया और गया में 2-2 बसें चल रही हैं।

    दूसरे चरण में पटना में 22, मुजफ्फरपुर में 16, दरभंगा और गया में 13-13 तथा पूर्णिया और भागलपुर में 8-8 बसें बढ़ाई जाएंगी। कुल मिलाकर राज्य में 100 पिंक बसों का संचालन सुनिश्चित किया जा रहा है।

    इन बसों को महिलाओं की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए विशेष सुविधाओं से लैस किया गया है। सीएनजी से चलने वाली ये बसें सैनिटरी पैड वेंडिंग मशीन, कैमरा, पैनिक बटन, जीपीएस, चार्जिंग पॉइंट, गर्भनिरोधक गोलियां, माइक और म्यूजिक सिस्टम जैसी सुविधाओं से सुसज्जित हैं।

    बसों के चालक और कंडक्टर दोनों महिलाओं को ही बनाया जाएगा, ताकि महिलाओं की यात्रा अधिक सुरक्षित और आत्मविश्वासपूर्ण बने।

    अधिक जानकारी निगम की वेबसाइट और स्थानीय परिवहन कार्यालय में उपलब्ध है। यह योजना बिहार की बेटियों के लिए रोजगार, सम्मान और आत्मनिर्भरता का नया अवसर लेकर आई है।