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    बिहार पहुंचा हजरतबल दरगाह में तोड़फोड़ का मामला, आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी

    Updated: Sun, 07 Sep 2025 10:49 PM (IST)

    बिहार के राजनीतिक दलों ने हजरतबल दरगाह में अशोक स्तंभ की तोड़फोड़ की कड़ी निंदा की और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। भाजपा ने इस घटना के लिए विपक्ष की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया जबकि राजद ने आईएनडीआईए का बचाव किया। अन्य नेताओं ने भी राष्ट्रीय प्रतीक के अपमान की निंदा की और दोषियों को दंडित करने का आह्वान किया।

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    बिहार पहुंचा हजरतबल दरगाह में तोड़फोड़ का मामला। (फोटो जागरण)

    राज्य ब्यूरो, पटना। हजरतबल दरगाह में हुई अशोक स्तंभ की तोड़फोड़ की आलोचना करते हुए बिहार में सक्रिय सभी दलों ने दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

    अलबत्ता एनडीए, विशेषकर भाजपा ने इसके लिए मानसिकता विशेष को संपोषित करने वाली राजनीति को जिम्मेदार ठहराया है, जबकि राजद की ओर से आईएनडीआईए (बिहार में महागठबंधन) के बचाव का प्रयास हुआ है।

    उल्लेखनीय है कि श्रीनगर स्थित हजरतबल दरगाह की आधारशिला पर राष्ट्रीय प्रतीक को उपद्रवी भीड़ ने क्षतिग्रस्त कर दिया है।

    रविवार को उस घटना का वीडियो प्रसारित होने के बाद राष्ट्रीय प्रतीकों और धार्मिक भावनाओं को लेकर बहस छिड़ गई। मान्यता है कि हजरतबल दरगाह में पैगंबर मोहम्मद के पवित्र अवशेष रखे हुए हैं।

    विजय सिन्हा बोले- संविधान के बजाय शरीयत के सहारे विपक्ष 

    उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने इसे कट्टरपंथी लोगों द्वारा भारत की अस्मिता व संप्रभुता को चुनौती देने का दुस्साहस बताया है। इस घटना को उन्होंने देशद्रोह की संज्ञा दी है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के गठबंधन की सरकार है।

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    उसके नेता राहुल गांधी, फारूख अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला ऐसी उन्मादी हरकत करने वालों के बचाव में लगे हैं। आईएनडीआईए के नेता बताएं कि क्या वे भारत में संविधान की जगह शरिया का शासन लाने में जुटे हैं? 

    बीते दिनों इनके नेता तमिलनाडु, तेलंगाना और केरल में बिहार के लोगों को अपमानित कर देश में क्षेत्रवादी उन्माद फैला रहे थे। अब तुष्टीकरण की आड़ में धार्मिक कट्टरवाद को आंच दे रहे हैं।

    सम्राट ने बताया इसे भारत तोड़ो अभियान 

    उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि केरल से कश्मीर तक आईएनडीआईए लोकतांत्रिक मर्यादाओं को तोड़कर भारत की आत्मा पर वार कर रहा है। अशोक स्तंभ और सम्राट अशोक बिहार के ही नहीं, बल्कि देश की गौरवशाली विरासत हैं।

    जनता इस अपमान को बर्दाश्त नहीं करेगी। पिछले दिनों राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दिवंगत मां को गाली दी गई।

    उसके बाद कांग्रेस की केरल इकाई ने बीड़ी से जोड़कर बिहार का अपमान किया और अब कश्मीर में अशोक स्तंभ की आकृति से तोड़फोड़ की गई।ये सारी घटनाएं संयोग नहीं, बल्कि आईएनडीआईए के भारत तोड़ो अभियान का सोचा-समझा प्रयोग है।

    तेजस्वी ने पूछा- इससे हमारा क्या लेना-देना 

    प्रश्नवाचक मुद्रा में तेजस्वी यादव ने पूछा कि इस प्रकरण से राजद या कांग्रेस का क्या लेना-देना हो सकता है। इसी के साथ उन्होंने कहा कि आरोपितों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।

    इससे पहले, केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने भी कहा कि अशोक स्तंभ हमारे देश का राष्ट्रीय प्रतीक है और इसे नुकसान पहुंचाने के लिए जिम्मेदार व्यक्ति को सजा मिलनी ही चाहिए।

    सांसद शांभवी चौधरी बोलीं- यह दुर्भाग्यपूर्ण

    हजरतबल दरगाह पर लगी पत्थर की पट्टिका को तोड़े जाने की घटना पर लोजपा (रामविलास) सांसद शांभवी चौधरी ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है क्योंकि अशोक चक्र हमारे देश की आस्था और एकता का प्रतिनिधित्व करता है।

    कोई भी धर्म हमें ऐसा करने की शिक्षा नहीं देता। हर धर्म हमें सिखाता है कि देश में एकता होनी चाहिए, इसके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।

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