Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बिहार में मुखिया, सरपंच, प्रमुख और जिप अध्‍यक्ष की मुराद पूरी, पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने दी जानकारी

    By Shubh Narayan PathakEdited By:
    Updated: Tue, 08 Jun 2021 08:00 PM (IST)

    Bihar Panchayat Election बिहार सरकार के पंचायती राज विभाग ने मुखिया सरपंच प्रखंड प्रमुख और जिला परिषद अध्‍यक्षों की मुराद पूरी कर दी है। अब कार्यकाल खत्‍म होने के बाद भी ये जनप्रतिनिधि ही पंचायतों में योजनाओं को अमलीजामा पहनाएंगे।

    Hero Image
    बिहार में पंचायत चुनाव तक मौजूदा जनप्रतिनिधियों को अहम जिम्‍मेदारी मिली। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

    पटना, राज्‍य ब्‍यूरो। Bihar Panchayat Election: बिहार सरकार के पंचायती राज विभाग ने मुखिया, सरपंच, प्रखंड प्रमुख और जिला परिषद अध्‍यक्षों की मुराद पूरी कर दी है। अब कार्यकाल खत्‍म होने के बाद भी ये जनप्रतिनिधि ही पंचायतों में योजनाओं को अमलीजामा पहनाएंगे। बिहार सरकार के फैसले की पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने जानकारी दी है। बिहार में त्रिस्‍तरीय पंचायती राज संस्‍थाओं का कार्यकाल इसी महीने 15 जून को खत्‍म हो रहा है। ऐसे में बिहार मंत्रिमंडल का यह फैसला काफी महत्‍वपूर्ण है। अब कार्यकाल खत्‍म होने के बाद भी इन जनप्रतिनिधियों की भूमिका बनी रहेगी और उन्‍हें वेतन-भत्‍ता भी पहले की तरह ही मिलता रहेगा।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मौजूदा जनप्रतिनिधि ही योजनाओं को गति देंगे

    बिहार सरकार के पंचायती राज मंत्री ने बताया कि कोरोना महामारी के कारण इस बार पंचायत चुनाव समय पर नहीं हो सके हैं। ऐसी स्थिति में पंचायतों का काम सुचारू रूप से चलाने के लिए परामर्शी समिति बनाने का निर्णय लिया गया है। खास बात यह है कि परामर्शी समिति के अध्‍यक्ष मौजूदा मुखिया, सरपंच, प्रखंड प्रमुख, और जिला परिषद अध्यक्ष ही होंगे। इस तरह से पंचायतों में योजनाओं को गति देने का रिमोट कंट्रोल कार्यकाल पूरा होने के बाद भी मौजूदा जनप्रतिनिधियों के हाथ में ही रहेगा।

    परामर्शी समिति कार्य-संचालन नियमावली को मंजूरी

    कैबिनेट की बैठक में पंचायती राज अधिनियम-2006 को संशोधित कर तय समय पर चुनाव नहीं होने की स्थिति में परामर्शी समिति कार्य-संचालन नियमावली को मंजूरी दी गई। सरकार के इस निर्णय के बाद मौजूदा पंचायती राज संस्थाएं और ग्राम कचहरियां 15 जून के बाद भंग हो जाएगी, लेकिन चुने हुए जन-प्रतिनिधियों की हनक कायम रहेगी। परामर्शी समिति में प्रखंडों में बीडीओ और जिला परिषद में डीडीसी ही प्रशासकीय अधिकारी की जिम्मेदारी वहन करेंगे। पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कि जिन त्रिस्तरीय पंचायतों में मुखिया, सरपंच, प्रमुख और जिला परिषद अध्यक्ष का पद रिक्त है उनके लिए अलग से आदेश जारी किया जाएगा।

    16 जून से सभी प्रतिनिधि बतौर परामर्शी करने लगेंगे काम

    पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि ग्राम पंचायतों में मुखिया, ग्राम कचहरियों में सरपंच, पंचायत समिति में प्रमुख और जिला परिषद में अध्यक्ष का रुतबा बना रहेगा। इसी तरह वार्ड सदस्य, पंच, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्यों को परामर्शी समिति का सदस्य बनाया गया है। उन्होंने बताया कि 16 जून से सभी प्रतिनिधि बतौर परामर्शी समिति अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्य के रूप में काम करेंगे। पंचायती राज विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।

    मिलता रहेगा वेतन और भत्ता

    सम्राट चौधरी ने बताया कि निवर्तमान पंचायत प्रतिनिधियों को वर्तमान की तरहवेतन और भत्ता भी मिलता रहेगा। यह व्यवस्था आगामी चुनाव के बाद त्रिस्तरीय पंचायतों के गठन तक जारी रहेगी।

    किस समिति की कौन करेंगे अध्यक्षता

    • मुखिया संबंधित ग्राम पंचायत की परामर्शी समिति के अध्यक्ष कहलाएंगे। उप मुखिया उपाध्यक्ष और वार्ड सदस्य नई भूमिका में भी सदस्य रहेंगे।
    • सरपंच संबंधित ग्राम कचहरी की परामर्शी समिति के अध्यक्ष कहलाएंगे।  उप सरपंच उपाध्यक्ष और पंच सदस्य कहलाएंगे।
    • पंचायत समिति प्रमुख संबंधित पंचायत समिति की परामर्शी समिति के अध्यक्ष कहलाएंगे। उप प्रमुख उपाध्यक्ष और पंचायत समिति सदस्य परामर्शी समिति के सदस्य कहलाएंगे। इसके अलावा पंचायत समिति के क्षेत्र से संबंधित विधायक, विधान पार्षद, लोकसभा सदस्य और राज्यसभा सदस्य भी समिति के सदस्य होंगे। समिति के कार्यक्षेत्र के सभी ग्राम पंचायतों के परामर्शी के अध्यक्ष भी इसके सदस्य होंगे।

    जिला परिषद की परामर्शी समिति में ये होंगे शामिल

    जिला परिषद अध्यक्ष संबंधित जिला परिषद की परामर्शी समिति के अध्यक्ष कहलाएंगे। जिला परिषद उपाध्यक्ष समिति के उपाध्यक्ष और जिला परिषद के सदस्य समिति के सदस्य कहलाएंगे। इसके अलावा जिला परिषद के कार्यक्षेत्र से संबंधित विधायक, विधान पार्षद, लोकसभा सदस्य और राज्यसभा सदस्य भी समिति के सदस्य होंगे। समिति के कार्यक्षेत्र के सभी ग्राम पंचायतों के परामर्शी के अध्यक्ष भी इसके सदस्य होंगे। जिला परिषद के कार्यक्षेत्र की सभी पंचायत समिति के परामर्शी समिति के अध्यक्ष भी इसके सदस्य होंगे। परामर्शी समिति में कार्यपालक पदाधिकारी की भूमिका प्रखंड विकास पदाधिकारी और उप विकास आयुक्त की होगी।

    चुनाव होने तक कायम रहेगा मौजूदा जनप्रतिनिधियों की हनक

    सरकार ने मंगलवार को त्रिस्तरीय पंचायतों के मौजूदा जनप्रतिनिधियों को अगले चुनाव तक पद पर बने रहने का तोहफा दिया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं एवं ग्राम कचरियों के लिए परामर्शी समिति के गठन का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया।

    comedy show banner
    comedy show banner