बिहार में मात्र 2 प्रतिशत वाहनों में ही ट्रैकिंग सिस्टम, मंत्री बोले- 1 जनवरी से होगी कड़ी कार्रवाई
बिहार में केवल 2% वाहनों में ही ट्रैकिंग सिस्टम लगा है। परिवहन मंत्री ने इस पर चिंता जताते हुए कहा कि 1 जनवरी से इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ...और पढ़ें
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बिहार की बसें। फाइल फोटो
राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार के महज 46 प्रतिशत सार्वजनिक वाहनों में ही व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस (वीएलटीडी) लगा है। इनकी संख्या एक लाख 24 हजार 962 है। इनमें से भी कई बिना वीएलटीडी रिचार्ज के सड़कों पर दौड़ रहे हैं।
इससे इन वाहनों के रूट और स्पीड की मानीटरिंग नहीं हो पा रही। परिवहन मंत्री श्रवण कुमार ने अब ऐसे वाहनों को चिह्नित कर एक जनवरी से कड़ी कार्रवाई शुरू करने का निर्देश दिया है।
परिवहन मंत्री ने विश्वेश्वरैया भवन में विभागीय अधिकारियों व संबंधित एजेंसियों के साथ वीएलटीडी और पैनिक बटन की स्थिति पर उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि 31 दिसंबर 2025 तक सभी बिना रिचार्ज वाले वीएलटीडी उपकरणों को रिचार्ज करा लें।
यदि ऐसा नहीं किया गया तो एक जनवरी 2026 से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जिन वाहनों में वीएलटीडी नहीं लगा है, उन्हें भी तुरंत इसे लगाने का निर्देश दिया गया है।
दरअसल, सभी सार्वजनिक सेवायानों में महिलाओं व बच्चों की सुरक्षा के उद्देश्य से वीएलटीडी और आपात्तकालीन बटन या पैनिक बटन लगाया जाना अनिवार्य है। इस उपकरण की खासियत है कि यह वाहनों की तय गति सीमा से अधिक पर परिचालन में अंकुश लगाने में मदद करता है, जिससे सड़क दुर्घटनाओं की संख्या कम होगी।
वहीं, महिलाओं के असुरक्षित महसूस करने पर पैनिक बटन दबाया जा सकता है, जिसकी सूचना तुरंत परिवहन विभाग के कंट्रोल रूम को मिलेगी।
बिना वीएलटीडी के नहीं मिलेगा फिटनेस
परिवहन मंत्री ने सभी जिलों के जिला परिवहन अधिकारियों (डीटीओ) को निर्देश दिया कि बिना वीएलटीडी लगे सार्वजनिक वाहनों का फिटनेस प्रमाणपत्र न जारी किया जाए। इसके लिए संबंधित पत्र सभी डीटीओ को भेजा जाएगा। मंत्री ने विभाग के कामकाज की धीमी गति पर कड़ी नाराजगी जताई।
बैठक में बताया गया कि हाल ही में 48,389 नेशनल परमिट वाले वाहनों में वीएलटीडी लगाना अनिवार्य किया गया था, लेकिन अब तक मात्र 1,036 (लगभग 2 प्रतिशत) वाहनों में ही यह काम पूरा हुआ है। उन्होंने निर्देश दिया कि लापरवाही बरतने वाले सरकारी अधिकारियों व एजेंसियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
ओवरस्पीड पर 27 लाख से अधिक का चालान
बैठक में जानकारी दी गई कि वीएलटीडी उपकरण का इस्तेमाल कर पिछले पांच महीनों में ओवरस्पीड के मामलों में 27 लाख रुपये से अधिक का चालान काटा गया है। राज्य में वर्तमान में 30 वीएलटीडी उपकरण बनाने वाली कंपनियां कार्यरत हैं, जिनके 471 केंद्र संचालित हो रहे हैं।
मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि वीएलटीडी व पैनिक बटन की उपयोगिता को लेकर जनता में बड़े स्तर पर जागरूकता फैलाई जाए। इसके लिए अखबार, सोशल मीडिया, अन्य माध्यमों से प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि लोग सुरक्षित यात्रा का लाभ उठा सकें।

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