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FLASHBACK: जानिए Bihar Board की यह कलंक कथा भी; एक लड़की जो फिल्‍मी गाने लिखकर बनी थी टॉपर

BSEB Bihar Board 12th. Result 2021 2016 की इंटरमीडिएट आर्ट्स टॉपर रही रूबी राय भले ही बाद में फर्जी टॉपर घोषित कर फेल करा दी गई लेकिन उसने बिहार बोर्ड की व्‍यवस्‍था को बेपर्द कर दिया। आज बोर्ड की नई पहचान के पीछे वह घटना भी है।

By Amit AlokEdited By: Published: Fri, 26 Mar 2021 12:05 PM (IST)Updated: Fri, 26 Mar 2021 11:02 PM (IST)
FLASHBACK: जानिए Bihar Board की यह कलंक कथा भी; एक लड़की जो फिल्‍मी गाने लिखकर बनी थी टॉपर
साल 2016 की बिहार बोर्ड की फर्जी टॉपर रूबी राय। फाइल तस्‍वीर।

पटना, बिहार ऑनलाइन डेस्‍क। BSEB Bihar Board 12th. Result 2021 बिहार विद्यालय परीक्षा समिति (Bihar School Examination Board) शुक्रवार को इस साल की इंटरमीडिएट परीक्षा का रिजल्‍ट (Intermediate Result) जारी कर चुका है। इस साल के टॉपरों में लड़कियों का जलवा दिख रहा है। जब भी बिहार बोर्ड का कोई रिजल्‍ट आता है, एक और टॉपर बनी लड़की भी बरबस याद आ जाती है। एक ऐसी लड़की, जिसे अपने विषय का भी नाम ज्ञात नहीं था, जो नहीं जानती थी कि उसने क्‍या पढ़ा है। परीक्षा की कॉपियों में फिल्‍मी गाने व तुलसीदास प्रणाम लिखकर टॉप करने वाली इस लड़की ने बिहार बोर्ड की ऐसी पोल खोली कि पूरी व्‍यवस्‍था ही बदल गई। तब भ्रष्‍टाचार व कई तरह की अनियमितताओं का अखाड़ा रहा बिहार बार्ड अगर आज पारदर्शी तरीके से समय पर रिजल्‍ट दे रहा है, तो इसका श्रेय उसी लड़की को जाता है। जी हां, हम साल 2016 के इंटरमीडिएट आर्ट्स टॉपर रूबी राय (Ruby Roy) की बात कर रहे हैं।

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बिहार के वैशाली जिला अंतर्गत भगवानपुर के अमर गांव की निवासी रूबी राय दो सालों से अपने पिता के साथ राज्‍य के बाहर रह रही है। गांव के लोग बताते हैं कि घटना के बाद रूबी राय को परिवार वाले घर से नहीं निकलने देते थे। इस कारण उसकी पढ़ाई भी छूट गई। संभवत: वह पंजाब में है। गांव में केवल रूबी के दादा और भाई-भाभी रहते हैं।

यह भी पढ़ें: BSEB Bihar Board Intermediate Result में लड़कियों का जलवा, जानिए पास फीसद व रिजल्‍ट की खास बातें

आर्ट्स टॉपर नहीं बता सकी थी अपना विषय

हर साल की तरह साल 2016 का बिहार बोर्ड का इंटरमीडिएट रिजल्‍ट आते ही मीडिया ने टॉपर्स से बातचीत की। तब की आर्ट्स टॉपर ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि वह 'प्रोडिकल साइंस' (पॉलिटिकल साइंस) विषय के साथ परीक्षा देकर टॉपर बनी है, जिसमें उसने 'खाना बनाने की पढ़ाई' की है। इसके बाद मीडिया ने साइंस व कॉमर्स के टॉपरों से भी बातचीत की। साइंस टॉपर भौतिकी व रसायन के मूलभूत प्रशनों में उलझ गया। फिर तो बवाल होना ही था।

उघड़ गईं परीक्षा व रिजल्‍ट घोटाले की परतें

मीडिया में बिहार बोर्ड के टॉपरों को लेकर सवाल उठने लगे। राजनीतिक बयानबाजी भी तेज हो गई। मामले के तूल पकड़ने पर मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने अपने स्‍तर से पहल कर जांच कमेटी बना दी। घटना की एफआइआर के बाद पुलिस जांच भी आरंभ हो गई। फिर, धीरे-धीरे बिहार बोर्ड में लंबे समय से चल रहे परीक्षा व रिजल्‍ट घोटाले की परतें उघड़तीं चलीं गईं। रूबी राय के वैशाली जिला के कॉलेज का प्रिंसिपल बच्‍चा राय (Bachha Roy) ही इस घोटाले का मास्‍टरमाइंड निकला, जिसकी बोर्ड के तत्‍कालीन अध्‍यक्ष लालकेश्वर प्रसाद (Lalkeshwar Prasad) सहित कई सफेदपोशों से मिलीभगत थी। बच्‍चा राय व लालकेश्‍वर प्रसाद राय सहित कई बड़े लोगों को जेल की हवा खानी पड़ी।

कॉपियों में लिखे थे गाने व तुलसीदास प्रणाम

इस कांड के सिलसिले में पुलिस ने रूबी राय से भी पूछताछ की। उसे गिरफ्तार भी किया गया। पूछताछ में रूबी राय ने घोटाले को लेकर बड़ी जानकारियां दीं। उसके अनुसार उसे कहा गया था कि कोॅपियों में कुछ भी लिख दे, इसलिए उसने परीक्षा के दौरान 101 फिल्‍मी गाने लिखे थे। उसने कॉपियाें में 'तुलसीदास प्रणाम' भी लिखे थे। बाद में उसकी कॉपियों को किसी और ने लिख दिया था।

एक्‍सपर्ट कमेटी ने फेल कर दिए कई टॉपर

घोटाला उजागर होने के बाद बिहार बोर्ड ने साल 2016 की परीक्षा में सभी संकायों के टॉप 10 परीक्षार्थियों की मेधा की जांच के लिए एक्‍सपर्ट कमेटी के सामने दोबारा बुलाया। एक्‍सपर्ट कमेटी की जांच में रूबी राय सहित कई टॉपर पास होने लायक भी नहीं मिले। आर्ट्स टॉपर रूबी राय व साइंस टॉपर सहित कई टॉपर फेल कर दिए गए। बिहार बोर्ड पर लगा यह बड़ा दाग था कि इसके टॉपर पास होने के लायक भी नहीं पाए गए।

साल 2017 का टॉपर भी निकला था फर्जी 

इसके बाद सरकार ने पटना के तत्‍कालीन प्रमंडलीय आयुक्‍त आनंद किशोर (Anand Kishore) को बोर्ड का नया अध्‍यक्ष बनाकर सुधार की प्रक्रिया आरंभ की, लेकिन अगले साल फिर बड़ा घोटाला हो गया। साल 2017 में फिर इंटरमीडिएट का आर्ट्स टॉपर गणेश कुमार अपनी उम्र छिपाने तथा अपने विषय संगीत की मूलभूत जानकारी नहीं रहने के कारण विवादों में आया। तब बोर्ड ने उसके रिजल्‍ट को रद कर सेकेंड टॉपर नेहा कुमारी को टॉपर घोषित किया।

अब नई पहचान बना चुका है बिहार बोर्ड

साल 2016 में रूबी के कारण उजागर बोर्ड के भ्रष्‍टाचार के बाद सुधार शुरू हुए, लेकिन 2017 में भी टॉपर गणेश (Ganesh) ने छीछालेदर करा ही दी। इसके बाद सुधार के प्रसास रंग लाते दिखे। साल 2018 से कदाचार या भ्रष्‍टाचार पर लगातार अंकुश लगा है। अब बिहार बोर्ड अन्‍य बोर्डों से पहले कदाचारमुक्‍त रिजल्‍ट देकर अपनी नई पहचान बना चुका है।

अब वैशाली के अपने गांव में नहीं रहती है रूबी

यह तो हुई बिहार बोर्ड की बात, लेकिन सवाल उठता है कि जिस रूबी राय के प्रकरण के बाद बोर्ड में का्रंतिकारी परिवर्तन आया, वह कहां है और क्‍या कर रही है? रूबी राय का परिवार वैशाली के जिस भगवानपुर प्रखंड स्थित अमर गांव का मूल निवासी है। भगवानपुर के उप प्रमुख उमेश राय के अनुसार रूबी राय बीते दो सालों से गांव मे नहीं है। गांववालों के अनुसार सम्भवतः वह अने पिता के साथ पंजाब में है। गांव में केवल रूबी राय के दादा और भाई-भाभी रहते हैं।


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