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    Bihar: बीते ढाई दशक में बिहार में कोई भी राज्यपाल पूरा नहीं कर पाए अपना कार्यकाल, 1998 से अब तक 15 गवर्नर बदले

    By Dina Nath SahaniEdited By: Prateek Jain
    Updated: Sun, 12 Feb 2023 08:40 PM (IST)

    Bihar Governor पिछले ढाई दशक में बिहार में किसी भी राज्यपाल ने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया है। गृह मंत्रालय की अधिसूचना के मुताबिक राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर बिहार के 41वें राज्यपाल बनाए गए हैं। (बिहार के नए राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर और पूर्व गवर्नर फागू चौहान की फाइल फोटो)

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    राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर बिहार के 41वें राज्यपाल बनाए गए हैं।

    पटना, दीनानाथ साहनी: पिछले तकरीबन 25 सालों में बिहार में कोई भी राज्यपाल ने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया है। इसके सियासी मायने हो सकते हैं। गृह मंत्रालय की अधिसूचना के मुताबिक, राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर बिहार के 41वें राज्यपाल बनाए गए हैं।

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    बिहार के राज्यपालों की सूची देखी जाए तो डा.एआर किदवई अपना कार्यकाल (14 अगस्त 1993 से 26 अप्रैल 1998 तक) पूरा करने वाले अंतिम राज्यपाल थे। कई ऐसे राज्यपाल भी रहे, जो अपने कार्यशैली से विवादों में भी रहे तो कईयों ने लोकप्रियता भी पाई। बीते ढाई दशक में कई ऐसे मौके भी आए जब कुछ संवैधानिक सवालों को लेकर राजभवन और सरकार एक-दूसरे के आमने-सामने दिखी।

    बूटा सिंह व देवानंद कुंवर का कार्यकाल सर्वाधिक विवादस्पद रहा

    बिहार में राज्यपाल ही विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति भी होते हैं। इस नाते राज्यपाल का उच्च शिक्षा पर सीधा नियंत्रण होता है। कुलपति, प्रतिकुलपति और कुलसचिव समेत अन्य महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्ति का पूरा अधिकार राज्यपाल एवं कुलाधिपति का रहता है। कई बार ऐसी नियुक्तियों में बरती गई गड़बड़ि‍यों के कारण ही बूटा सिंह और देवानंद कुंवर जैसे राज्यपाल खासे चर्चा और विवादों में रहे।

    वहीं, बिहार में उच्च शिक्षा में सुधार का बेहतर प्रयास करने को लेकर आरएस गवई, डा.डीवाई पाटिल, सत्यपाल मलिक और लालजी टंडन जैसे कई अन्य राज्यपालों ने आमजन से प्रशंसा भी पाई है। डा.डीवाई पाटिल तो राज्यपाल के रूप में अपना वेतन भी नहीं लेते थे। महात्मा गांधी के परपोते डा.गोपाल कृष्ण गांधी भी बिहार के राज्यपाल रहे, किंतु वे भी कार्यकाल पूरा नहीं कर सके।

    कार्यकाल पूरा नहीं करने वाले राज्यपालों की सूची

    नाम--------पद ग्रहण----पद त्याग

    1. सुंदर सिंह भंडारी : 27 अप्रैल 1998-15 मार्च 1999

    2. विनोद चंद्र पाण्डेय : 23 नवंबर 1999-12 जून 2003

    3. एमआर जोइस : 12 जून 2003-31 अक्टूबर 2004

    4. बूटा सिंह : 5 नवंबर 2004-29 जनवरी 2006

    5. गोपाल कृष्ण गांधी : 31 जनवरी 2006-21 जून 2006

    6. आरएस गवई : 22 जून 2006-10 जुलाई 2008

    7. आरएल भाटिया : 10 जुलाई 2008-28 जून 2009

    8. देवानंद कुंवर : 29 जून 2009-21 मार्च 2012

    9. डीवाई पाटिल : 22 मार्च 2012--26 नवंबर, 2014

    10. केसरी नाथ त्रिपाठी : 27 नवंबर 2014--15 अगस्त 2015

    11. रामनाथ कोविंद : 16 अगस्त 2015-20 जून, 2027

    12. केसरी नाथ त्रिपाठी : 20 जून, 2017-30 सितंबर, 2017

    13. सत्यपाल मलिक : 30 सितंबर 2017-22 अगस्त 2018

    14. लालजी टंडन : 23 अगस्त 2018-28 जुलाई, 2019

    15. फागू चौहान : 28 जुलाई 2019 से 12 फरवरी 2023

    विश्वविद्यालयों में वित्तीय गबन में कार्रवाई को लेकर कुलाधिपति की कार्यशैली पर उठी अंगुली

    पटना : राज्यपाल और कुलाधिपति फागू चौहान तीन साल आठ माह पद पर रहे। इस दौरान राज्यपाल के रूप में फागू चौहान ने सरकार के साथ सहजता से संवैधानिक दायित्वों का शानदार निर्वहन किया, लेकिन मौलाना मजहरूल हक अरबी एवं फारसी विश्वविद्यालय (पटना) और मगध विश्वविद्यालय (बोधगया) में वित्तीय गड़बड़ी सामने आने पर कुलाधिपति की कार्यशैली पर अंगुली उठी। घोटाले के आरोप में जेल में बंद मगध विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डा.राजेंद्र प्रसाद को उनके पद से बर्खास्त नहीं किए जाने और अन्य कार्रवाई में देरी पर भी कुलाधिपति की कार्यशैली विवादों में रही।