बिहारः धोबी घाट से आई चेतावनी, एक मार्च को नहीं धोएंगे नेताओं के कपड़े; जानें क्यों है नाराजगी
निर्णय किया गया कि एक मार्च को नेताओं के कपड़े नहीं धुले जाएंगे। समिति के महासचिव रामविलास प्रसाद ने बताया कि समाज के लोगों से आह्वान किया गया है कि धोबी घाटों पर ही नहीं घर में भी वे नेताओं के कपड़े न धोएं।

जागरण संवाददाता, पटना: राजधानी पटना के छह धोबी घाटों का जीर्णोद्धार नहीं होने की वजह से नाराज पटना जिला रजक समिति के पदाधिकारियों और सदस्यों ने शुक्रवार को रोष प्रकट किया। निर्णय किया गया कि एक मार्च को नेताओं के कपड़े नहीं धुले जाएंगे। समिति के महासचिव रामविलास प्रसाद ने बताया कि समाज के लोगों से आह्वान किया गया है कि धोबी घाटों पर ही नहीं, घर में भी वे नेताओं के कपड़े न धोएं। यह एक दिन का सांकेतिक विरोध होगा। उन्होंने कहा कि मांग पूरी नहीं होने तक विरोध जाताय जाएगा। आगे विधानसभा का घेराव भी किया जाएगा।
- - पटना जिला रजक समिति ने किया सांकेतिक विरोध का एलान
- - छह धोबीघाटों का जीर्णोद्धार नहीं हुआ तो घेरेंगे विधानसभा
चहारदीवारी कराने व जीर्णोद्धार की घोषणा की थी
इस संबंध में समिति के महासचिव रामविलास प्रसाद ने बताया कि 2007 में राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने प्रतिमा अनावरण के दौरान घाटों की चहारदीवारी कराने व जीर्णोद्धार की घोषणा की थी। 14 साल बाद भी घोषणा पूरी नहीं हुई। इससे पहले समिति ने कई सांसदों, विधायकों व नेताओं से मुलाकात कर उनके सामने अपनी बात रखी। कुछ राजनेताओं की मदद से पटना नगर निगम की सशक्त स्थायी समिति की बैठक में धोबीघाटों के जीर्णोद्धार का प्रस्ताव पारित किया गया।
घर में भी वे नेताओं के कपड़े न धोएं
इसके लिए टेंडर निकाला और राशि का आवंटन हुआ, लेकिन काम शुरू नहीं किया गया। महासचिव ने बताया कि समाज के लोगों से आह्वान किया गया है कि धोबी घाटों पर ही नहीं, घर में भी वे नेताओं के कपड़े न धोएं। यह एक दिन का सांकेतिक विरोध होगा। इसके बाद भी अगर मांग पूरी नहीं होती है, तो सत्र के दौरान विधानसभा का घेराव किया जाएगा। मांग पूरी होने तक चरणबद्ध आंदोलन जारी रहेगा। ऐसे में विरोध की वजह से धोबी घाट पर एक मार्च से कपड़े नहीं धोए जाएंगे।
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