Move to Jagran APP

बिहार में योजना एवं विकास विभाग के अफसरों को सरकार की बदनामी की चिंता नहीं, पत्र का भी नहीं देते जवाब

सरकारी खाता बही में दर्ज हिसाब में गड़बड़ी पर सरकार भले ही फजीहत झेले अफसरों की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ता है। महालेखाकार ने योजना एवं विकास विभाग में आडिट के दौरान कई विसंगतियां पकड़ी। प्रक्रिया के तहत ये आपत्तियां विभाग में मंतव्य के लिए आई।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Sun, 24 Oct 2021 09:49 AM (IST)Updated: Sun, 24 Oct 2021 09:49 AM (IST)
बिहार में योजना एवं विकास विभाग के अफसरों को सरकार की बदनामी की चिंता नहीं, पत्र का भी नहीं देते जवाब
बिहार सरकार को बदनाम करा रहे अफसर। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, राज्य ब्यूरो। सरकारी खाता बही में दर्ज हिसाब में गड़बड़ी पर सरकार भले ही फजीहत झेले, अफसरों की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ता है। महालेखाकार ने योजना एवं विकास विभाग में आडिट के दौरान कई विसंगतियां पकड़ी। प्रक्रिया के तहत ये आपत्तियां विभाग में मंतव्य के लिए आई। संबंधित अधिकारी को हरेक आपत्ति पर जवाब देना पड़ता है। लेकिन, बार बार पत्र लिखने के बावजूद योजना एवं विकास विभाग के अभियंता और अधिकारी आपत्तियों का जवाब नहीं दे रहे हैं। विभाग के अपर मुख्य सचिव आमिर सुबहानी हैं।

loksabha election banner

योजना एवं विकास विभाग के उप निदेशक राजेश कुमार ने स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन के मुख्य अभियंता को पत्र लिख कर इस स्थिति पर नाराजगी जाहिर की है। पत्र के मुताबिक बार-बार स्मार पत्र दिए जाने के बाद भी क्षेत्रीय कार्यालयों द्वारा अनुपालन प्रतिवेदन उपलब्ध न कराना अत्यंत खेद का विषय है। उन्होंने ऐसे 20 मामलों का उल्लेख अपने पत्र में किया है। संयोगवश राज्य के सभी प्रमंडल इस लापरवाही के दायरे में हैं।

वित्तीय वर्ष 2013-14 का एक मामला पटना प्रमंडल से जुड़ा है, जिसका अनुपालन प्रतिवेदन 20 अक्टूबर 2021 तक नहीं मिला है। महालेखाकार की आडिट टीम यदि जवाब से संतुष्ट होती है तो उसे रिपोर्ट में शामिल कर आपत्तियों को खारिज कर देती है। अगर समय पर जवाब नहीं मिला तो आपत्तियों को रिपोर्ट का हिस्सा बना कर विधानसभा में पेश कर दिया जाता है। राजनीतिक दल इसे मुद्दा बना कर सरकार पर हमला करते हैं। जबकि समय पर अनुपालन प्रतिवेदन मिल जाए तो सरकार फजीहत से बच सकती है।

क्षेत्रीय पदाधिकारियों को 12वां पत्र

उप निदेशक ने महालेखाकार को अनुपालन प्रतिवेदन देने के लिए क्षेत्रीय योजना पदाधिकारियों को 20 अक्टूबर को एक पत्र लिखा। 18 जनवरी 2019 और 20 अक्टूबर 2021 के बीच यह 12 वां पत्र है। हरेक पत्र में दो पंक्तियां अनिवार्य है-अनुपालन प्रतिवेदन उपलब्ध नहीं कराया जाना खेद का विषय है। कृपया इसे सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए। जवाब न देने पर किसी तरह की कार्रवाई न होने से अधिकारी विभाग के पत्र को भी गंभीरता से नहीं लेते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.