Bihar News: अब सभी जिलों में फोरेंसिक जांच, सीएम नीतीश कुमार ने 34 वाहनों को दिखाई हरी झंडी
बिहार में अब सभी जिलों में होगी फोरेंसिक जांच। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में 34 वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इससे राज्य में अपराध की जा ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के सभी जिलों में अब घटनास्थल पर जाकर फोरेंसिक जांच करने की सुविधा मिल सकेगी। इसके लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस 34 नए चलंत फोरेंसिक वाहन बिहार पुलिस को दिए गए हैं। गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इन वाहनों को हरी झंडी दिखाई। इस दौरान सीएम ने चलंत फोरेंसिक वाहनों का खुद निरीक्षण किया और उपकरणों से जुड़ी जानकारी हासिल की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2005 के बाद से ही विधि व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए कानून का राज स्थापित किया गया, इसके लिए कई काम किए गए। अपराध और भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टॉसरेंस की नीति अपनाई गई। आपराधिक मामलों की जांच में तेजी लाने के लिए 34 नए मोबाइल फोरेंसिक वाहनों का लोकार्पण किया गया है। ये सभी वाहन आधुनिक जांच उपकरणों से युक्त हैं। इन वाहनों की मदद से अपराध के बाद घटना स्थल पर पहुंचकर तत्काल जांच शुरू की जा सकेगी।
उन्होंने कहा कि इसके पहले कोई अपराध होने पर घटना स्थल से साक्ष्य एकत्र कर जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजना पड़ता था। इसमें काफी समय लगता था और विलंब होने के कारण पीड़ित परिवारों में असंतोष रहता था। अब मोबाइल टीम घटनास्थल पर ही जांच शुरू कर देगी जिससे काफी सुविधा होगी।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, सीएम के प्रधान सचिव दीपक कुमार, डीजीपी विनय कुमार, विकास आयुक्त मिहिर कुमार सिंह, गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अरविंद कुमार चौधरी, मुख्यमंत्री के सचिव कुमार रवि, सीआईडी के एडीजी पारसनाथ, एडीजी आधुनिकीकरण सुधांशु कुमार सहित अन्य वरीय पदाधिकारी मौजूद रहे।
हर रोज 250 मामले, छह जिलों में दो-दो वैन:
नए आपराधिक कानून में सात साल से अधिक सजा वाले कांडाें में एफएसएल जांच अनिवार्य कर दी गई है। राज्य में औसत 250 एफएसएल जांच के मामले रोज आ रहे हैं। इनमें सर्वाधिक मामलों वाले छह जिलों- पटना, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, गयाजी, भागलपुर और मधुबनी में दो-दो चलंत फोरेंसिक वाहन की सुविधा दी गई है। बाकी जिलों में एक-एक वाहन उपलब्ध कराया गया है।
राज्य में नए 34 वाहन मिलने से पूर्व 17 चलंत फोरेंसिक वाहन उपलब्ध थे। इन्हें पटना, दरभंगा, पश्चिम चंपारण, सारण, गया और रोहतास के साथ पटना की एफएसएल और मुजफ्फरपुर, भागलपुर एवं राजगीर के क्षेत्रीय एफएसएल में उपलब्ध कराया गया था। पुलिस के लिए 50 और फोरेंसिक वाहनों की खरीद का प्रस्ताव भी राज्य सरकार को भेजा गया है। इस पर भी जल्द स्वीकृति मिल सकती है।
इन जांचों की होगी सुविधा:
डीएनए सैंपल कलेक्शन किट, फिंगरप्रिंट, फुटप्रिंट लिफि्टंग सिस्टम, साइबर फोरेंसिक टूल्स, दस्तावेज परीक्षण उपकरण, रक्त एवं अन्य शारीरिक द्रव संग्रह साधन, विस्फोटक जांच किट, ड्रग डिटेक्शन किट, उच्च गुणवत्ता वाला कैमरा और वीडियो डॉक्यूमेंटेशन सिस्टम आदि।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।