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    Bihar Government: क्या बिहार में लागू होगी यूनिफाइड पेंशन स्कीम? नीतीश सरकार बनाई पांच सदस्यीय समिति

    Updated: Tue, 17 Jun 2025 06:26 PM (IST)

    बिहार सरकार ने एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) पर विचार करने के लिए एक समिति गठित की है। यह समिति केंद्र और अन्य राज्यों में लागू यूपीएस का अध्ययन करेगी और रिपोर्ट सौंपेगी। यूपीएस एनपीएस की तुलना में कम जोखिम वाली है और इसमें न्यूनतम 10 हजार रुपये मासिक पेंशन की गारंटी है। 25 वर्ष की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों को अंतिम वेतन का 50% पेंशन मिलेगी।

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    यूपीएस पर विचार के लिए वित्त विभाग ने बनाई पांच सदस्यीय समिति

    राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार में एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) के संदर्भ में निर्णय लेने के लिए वित्त विभाग ने पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है। विशेष सचिव मुकेश कुमार लाल की अध्यक्षता वाली यह समिति केंद्र सहित और दूसरे राज्यों में लागू यूपीएस का अध्ययन करके दो माह के भीतर अपनी रिपोर्ट वित्त विभाग को सौंपगी। उसके बाद बिहार में इसे लागू करने पर अंतिम निर्णय होगा।

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    अगर सरकार इसके पक्ष में निर्णय लेती है तो बिहार के सरकारी सेवकों के लिए केंद्र की तरह नई पेंशन योजना (एनपीएस) का एक विकल्प यूपीएस भी होगा। केंद्र में इस वर्ष एक अप्रैल से यूपीएस प्रभावी हो चुका है।

    उसके बाद केंद्र सरकार ने राज्यों से इसे लागू करने का आग्रह किया है। उल्लेखनीय है कि पेंशन योजना के मामले में बिहार देर-सबेर केंद्र का अनुकरण करता है। पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) के स्थानापन्न एनपीएस इसका प्रमाण है।

    समिति का स्वरूप:

    अध्यक्षता विशेष सचिव मुकेश कुमार लाल करेंगे। संयुक्त आयुक्त अजय कुमार ठाकुर और ब्रजेश कुमार तथा वरीय कोषागार अधिकारी नील कमल और प्रेम पुष्प कुमार समिति के सदस्य बनाए गए हैं।

    अंतर और विशेषता:

    एनपीएस की तुलना में यूपीएस में जोखिम कम है। वर्तमान आर्थिकी बताती है कि जहां ज्यादा जोखिम है, वहां रिटर्न की संभावना भी अधिक होती है। हालांकि, वह तयशुदा नहीं होती। जैसे कि यूपीएस में तयशुदा पेंशन की गारंटी है। एनपीएस मार्केट से जुड़ा हुआ है, जिसमें रिटर्न शेयर बाजार और बांड के प्रदर्शन पर निर्भर है।

    एनपीएस में पेंशन निवेश पर निर्भर करती है, जबकि यूपीएस में न्यूनतम 10 हजार रुपये मासिक पेंशन की गारंटी है। कम से कम 25 वर्ष साल की सेवा पूरी करने वाले सरकारी सेवकों को सेवानिवृत्ति से पहले के अंतिम 12 महीनों के औसत मूल वेतन के 50 प्रतिशत के बराबर गारंटीकृत पेंशन मिलेगी।

    इसमें 14 प्रतिशत तक कर-मुक्त योगदान का लाभ भी मिलेगा। इसके साथ ही सरकार 8.5 प्रतिशत अतिरिक्त योगदान देगी। महत्वपूर्ण यह कि एक बार यूपीएस चुनने के बाद एनपीएस में वापसी संभव नहीं।