Bihar News: 50 हजार से 2 लाख तक का लोन, इनको मिलेगा नीतीश सरकार की योजना का लाभ
बिहार में ग्रामीण महिलाओं को उद्यम शुरू करने के लिए व्यक्तिगत ऋण मिलेगा। जीविका सिडबी और वुमन वर्ल्ड बैंक मिलकर सहायता समूह की महिलाओं को उद्यम स्थापित करने के लिए प्रेरित करेंगे। प्रयास व्यक्तिगत उद्यम योजना के तहत महिलाओं को सिलाई दुकानदारी पशुपालन जैसे क्षेत्रों में अवसर मिलेंगे। इसके लिए एक राज्यस्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें ऋण की प्रक्रिया पर चर्चा हुई।

राज्य ब्यूरो, पटना। अब ग्रामीण महिलाओं, विशेषकर स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की सदस्यों को व्यक्तिगत ऋण के माध्यम से छोटे-छोटे उद्यमों की स्थापना के लिए बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति (जीविका), भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सीडबी) एवं वुमन वर्ल्ड बैंक प्रेरित करेगा।
लक्ष्य को साकार करने के लिए बुधवार को प्रयास व्यक्तिगत उद्यम योजना पर एक दिवसीय राज्यस्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं, विशेषकर स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) की सदस्यों को व्यक्तिगत ऋण के माध्यम से छोटे-छोटे उद्यमों की स्थापना हेतु प्रेरित करना और उन्हें आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान करना था।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए जीविका के सीईओ हिमांशु शर्मा ने कहा कि जीविका की प्राथमिकता हमेशा रही है कि महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाया जाए। हमने समूह आधारित वित्त पोषण को सफलतापूर्वक लागू किया है, लेकिन अब समय आ गया है कि हम महिलाओं को व्यक्तिगत उद्यम के लिए प्रोत्साहित करें। प्रयास योजना इसी दिशा में एक बड़ा कदम है।
सीडबी की सीजीएम सत्यकी रस्तोगी ने कहा, बिहार की महिलाएं अब केवल घरेलू कार्यों तक सीमित नहीं हैं। वे आर्थिक गतिविधियों में आगे बढ़ रही हैं और प्रयास जैसी योजनाएं उन्हें अपने सपनों को साकार करने का अवसर देती हैं। सीडबी महिला उद्यमिता को सशक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। महिलाओं को व्यक्तिगत ऋण देने की प्रक्रिया को सरल एवं संवेदनशील बनाया जाना चाहिए ताकि अधिक से अधिक महिलाएं इससे लाभान्वित हो सकें।
वुमन वर्ल्ड बैंकिंग की क्षेत्रीय प्रमुख कल्पना अय्यन ने कहा कि दुनिया भर में महिलाओं की आर्थिक भागीदारी बढ़ रही है, और भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में यह बदलाव तेज गति से हो रहा है।
बिहार में जीविका के माध्यम से महिलाओं को जो मंच मिला है, वह सराहनीय है। हमलोग इस योजना के तहत चार जिलों में लगभग सात करोड़ रुपये ऋण स्वयं सहायता समूहों को उपलब्ध कराई है। अब हमें उन्हें व्यक्तिगत उद्यम के लिए तैयार करना है और वित्तीय सेवाओं तक उनकी सीधी पहुंच सुनिश्चित करनी है। वुमन वर्ल्ड बैंकिंग इस दिशा में हर संभव सहयोग देने को तत्पर है। कार्यशाला में बिहार के विभिन्न जिलों से आई हुईं महिलाओं ने अपनी सफलता की कहानियां साझा कीं।
प्रयास योजना का उद्देश्य है कि समूह आधारित वित्तीय समावेशन से आगे बढ़कर अब व्यक्तिगत ऋण के माध्यम से महिलाओं को उद्यमिता के क्षेत्र में आगे बढ़ने का अवसर दिया जाए। समूह सदस्यों को 50 हजार से दो लाख तक का ऋण संकुल स्तरीय संघों के माध्यम से उपलब्ध कराया जाए।
यह योजना उन महिलाओं के लिए है जो सिलाई, दुकानदारी, पशुपालन, प्रसंस्करण, कृषि आधारित उद्यम, खाद्य उत्पाद निर्माण जैसे क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाना चाहती हैं। कार्यशाला में इस योजना की रूपरेखा, प्रक्रिया, सफलता की कहानियां, बैंक सहयोग की भूमिका एवं महिलाओं के लिए संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
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