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    Bihar News: सड़क दुर्घटना में घायलों को बेझिझक पहुंचाएं अस्पताल और बने सम्मान के हकदार

    Updated: Wed, 04 Jun 2025 09:03 PM (IST)

    बिहार सरकार सड़क दुर्घटना में घायलों की मदद करने वालों को सम्मानित करती है। घायलों को स्वर्णिम समय में चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने वाले गुड सेमेरिटन को 10 हजार रुपये और सम्मान पत्र दिया जाता है। गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर जिला राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर इनका सम्मान होता है। गणतंत्र दिवस पर 84 लोगों को सम्मानित किया गया जिसमें पूर्वी चंपारण के 19 मददगार शामिल थे।

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    घायलों को अस्पताल पहुंचाकर बनिए सम्मान के हकदार

    डिजिटल डेस्क, पटना। सड़क दुर्घटना में आप यादि किसी घायल व्यक्ति की मदद करते हैं, तो राज्य सरकार आपको इसके लिए सम्मानित भी करती है। सड़क सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक और प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से यह पहल की गई है। सड़क दुर्घटनाओं में किसी घायल के लिए शुरुआती एक घंटा का समय गोल्डन ऑवर (स्वर्णिम समय) माना जाता है। ताकि इनकी जान बचाई जा सके। इस स्वर्णिम समय में घायलों को चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराने वाले लोगों को गुड सेमेरिटन (अच्छे मददगारों) कहा जाता है। ऐसे लोगों को सरकार की तरफ से 10 हजार रुपए की नकद राशि से सम्मानित किया जाता है।

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    प्रत्येक वर्ष ऐसे गुड समेटेरिटन को जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) और स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) के मौके पर सम्मानित किया जाता है। इन्हें सम्मान स्वरूप प्रमाण पत्र, मोमेंटो, शॉल और 10 हजार रुपए की नकद राशि दी जाती है।

    मोतिहारी में सबसे अधिक गुड सेमेरिटन

    इस वर्ष गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) के मौके पर सड़क दुर्घटनाओं में घायलों मददगार बने 84 गुड सेमेरिटन को सम्मानित किया गया है। इसमें सर्वाधिक संख्या पूर्वी चंपारण जिले की है, जहां के 19 अच्छे मददगारों को सम्मानित किया गया है। दूसरे स्थान पर अरवल जिला के 8 के अलावा अररिया, मधुबनी, समस्तीपुर और वैशाली जिले के 4-4 अच्छे मददगारों को सम्मानित किया जा चुका है। पिछले वर्ष 15 अगस्त को 91 ऐसे लोगों को सम्मानित किया गया है।

    ऐसे होती है गुड सेमेरिटन की पहचान

    इस योजना की शुरुआत मई 2015 से की गई है। केंद्र सरकार के स्तर इसकी अधिसूचना जारी होने के बाद राज्य सरकार ने भी इसे लागू कर दिया है। सड़क दुर्घटना होने पर घायल व्यक्ति की मदद करने के लिए सबसे पहले स्थानीय दुकानदार, निवासी, राहगीर और पुलिसकर्मी आगे आते हैं। इनकी पहचान दो तरीके से की जाती है। पहला, सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराने वाले व्यक्ति की जानकारी अस्पताल की तरफ से रखी जाती है।

    सड़क दुर्घटना का समय और दुर्घटना के स्थान के संबंध में अस्पताल की तरफ से अच्छे मददगार व्यक्ति को एक पावती रसीद दी जाती है। दूसरा, दुर्घटना की जानकारी गुड सेमेरिटन पुलिस को देते हैं। इसके बाद पुलिस भी एक पावती रसीद देती है। इसमें संबंधित व्यक्ति का नाम, मोबाइल नंबर, पता, स्थान, दुर्घटना की तिथि और समय की जानकारी होती है। किस प्रकार पीड़ित की मदद की गई है, इसका विवरण भी उसमें दर्ज होता है। इस रसीद की एक प्रति जिला मूल्यांकन समिति (अप्रेजल कमिटी) को भी दी जाती है।

    कमेटी करती है इन लोगों का चयन

    गुड सेमेरिटन का चयन करने के लिए जिला स्तरीय समिति का गठन किया गया है। इसमें जिला पदाधिकारी, वरीय पुलिस अधीक्षक, मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी एवं जिला परिवहन पदाधिकारी शामिल होते हैं।