Bihar News: अगर नहीं दिखाए मालिक होने के सबूत तो रद्द कर दी जाएगी जमीन की जमाबंदी, सीओ और रैयत पर गिरेगी गाज
विभागीय सचिव जय सिंह ने पत्र में कहा है कि जमाबंदी रद्द करने के साथ ही संबंधित अंचलाधिकारियों पर भी कार्रवाई हो जिनके हस्ताक्षर से फर्जी जमाबंदी कायम की गई। रैयत भी कार्रवाई के दायरे में आएंगे जिनके नाम से जमाबंदी है।

राज्य ब्यूरो, पटना: राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग जमाबंदी में सुधार के लिए अभियान चला रहा है। विभाग ने जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर कहा है कि ऐसी जमाबंदियों को रद्द किया जाए, जिसमें जमीन के स्वामित्व का कोई साक्ष्य नहीं है।
विभागीय सचिव जय सिंह ने पत्र में कहा है कि जमाबंदी रद्द करने के साथ ही संबंधित अंचलाधिकारियों पर भी कार्रवाई हो, जिनके हस्ताक्षर से फर्जी जमाबंदी कायम की गई। रैयत भी कार्रवाई के दायरे में आएंगे, जिनके नाम से जमाबंदी है।
पत्र के माध्यम से डिजिटाइजेशन के क्रम में छूटी हुई जमा बंदियों की जांच का आदेश दिया गया है। राज्य में दिसंबर 2017 से अक्टूबर 2018 तक सभी 534 अंचलों की करीब तीन करोड़ 58 लाख जमाबंदियों को डिजिटाइज कर विभाग के पोर्टल पर डाल दिया गया। विभाग पहुंची शिकायतों से पता चला कि कुछ जमाबंदियों में रैयतों के नाम, खाता, खेसरा, रकबा एवं लगान के बारे में गलत प्रविष्टियां दर्ज हो गई हैं। इसके कारण अनेक जमाबंदियां ऑनलाइन नहीं की जा सकी हैं।
अंचल स्तर पर शिकायतों का निपटारा किया जा रहा है। इस प्रक्रिया के तहत अब तक एक करोड़ 18 लाख से अधिक जमाबंदियों में सुधार किया गया है। करीब पौने 10 लाख छूटी हुई जमाबंदियों को ऑनलाइन किया गया है। पत्र के मुताबिक, इस काम में भी गड़बड़ी की शिकायतें अब भी मिल रही हैं। अंचलों द्वारा बिना दाखिल-खारिज की प्रक्रिया अपनाए गलत तरीके से पुराने रजिस्टर-2 में आज भी जमाबंदी कायम की जा रही है। इसे छुटा हुआ हुआ बताकर ऑनलाइन किया जा रहा है।
सुधार के लिए विभाग की ओर से खास उपाय किए गए
- अंचलाधिकारी, भूमि सुधार अपर समाहर्ता एवं भूमि सुधार उप समाहर्ता के लॉगिन में उन सभी जमाबंदियों का पीडीएफ उपलब्ध कराया गया है, जिन्हें छूटा हुआ बताकर ऑनलाइन किया गया है।
- अंचलाधिकारी इस पीडीएफ का प्रिंट कर सभी जमाबंदियों के सृजन का आधार चिन्हित करेंगे और इसे प्रिंट कॉपी पर नोट करेंगे।
- अंचलाधिकारी इन जमाबंदियों के खसरा एवं जमीन के प्रकार को चिन्हित कर उसे प्रिंट कॉपी पर नोट करेंगे।
- भूमि सुधार उप समाहर्ता सभी प्रिंट कॉपी की जांच करेंगे। भूमि सुधार अपर समाहर्ता को प्रतिवेदन भेजेंगे।
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