Bihar News: डीसीएलआर की रैंकिंग में पूर्वी चंपारण का चकिया पहले स्थान पर, नवगछिया सबसे नीचे
मई महीने की भूमि सुधार उप समाहर्त्ता (डीसीएलआर) कार्यालयों की रैंकिंग में पूर्वी चंपारण का चकिया पहले स्थान पर आ गया है। इसी तरह शेखपुरा दूसरे और मुंगेर का तारापुर तीसरे स्थान पर है।

डीसीएलआर की रैंकिंग में पूर्वी चंपारण का चकिया पहले स्थान पर आ गया है। सांकेतिक तस्वीर।
राज्य ब्यूरो, पटना। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से जारी मई महीने की भूमि सुधार उप समाहर्त्ता (डीसीएलआर) कार्यालयों की रैंकिंग में पूर्वी चंपारण का चकिया पहले, शेखपुरा दूसरे और मुंगेर का तारापुर तीसरे स्थान पर रहा।
इन अनुमंडलों को अप्रैल में भी यही स्थान मिला था। निर्मली पांचवें से चौथे तो अरवल 58 वें से पांचवें नंबर पर आ गया है। दरभंगा का बिरौल 12 वें से छठे पर आ गया। नालंदा का हिलसा सातवें स्थान पर बरकरार है।
पटना का पालीगंज नौवें से आठवें और सीतामढ़ी का बेलसंड छठे से नौवें स्थान पर पहुंच गया है। बेगूसराय का 10 वां स्थान बरकरार है। पकड़ीदयाल 23 वें स्थान से छलांग लगाकर 11 वें स्थान पर, तेघड़ा 17 वें से 12 वें, नालंदा का बिहारशरीफ 26 वें से 13 वें, जहानाबाद का जहानाबाद 16 वें से 14 वें और औरंगाबाद डीसीएलआर कार्यालय लंबी छलांग लगाते हुए 88 वें से 15 वें स्थान पर आ गया है।
रैंकिंग का आधार
परिमार्जन प्लस के सुपरविजन पर 15, म्युटेशन के सुपरविजन पर 15, अंचल कार्यालयों के निरीक्षण पर 10, अभियान बसेरा दो पर 15, म्युटेशन अपील पर 15, आधार सीडिंग की स्थिति पर 05, बीएलडीआरए पर 20 अंक निर्धारित है।
टाप- 10 भूमि सुधार उप समाहर्ता
चकिया-81.97 अंक, शेखपुरा- 79.77 अंक, तारापुर-78.72, निर्मली -77.82,अरवल–76.52, बिरौल-76.16, हिलसा -74.79, पालीगंज - 74.71, बेलसंड- 74.27 एवं बेगूसरा- 72.87 अंक
अंतिम 10 भूमि सुधार उप समाहर्ता कार्यालय
आरा सदर- 55.27 अंक, फारबिसगंज (अररिया)- 55.22, मुजफ्फरपुर पूर्वी- 53.60, बेतिया- 53.43, दानापुर - 53.11,सिमरी बख्तियारपुर- 51.39, फुलपरास - 51.22, जयनगर- 50.82, भागलपुर सदर - 49.95 एवं नवगछिया (भागलपुर)- 37.16 अंक।
समीक्षा का असर रैंकिंग पर भी पड़ रहा है। मई माह में कई भूमि सुधार उप समाहर्ता कार्यालयों ने अच्छा प्रदर्शन किया है। विभाग का उद्देश्य भी यही है कि राज्य की जनता को राजस्व संबंधित किसी भी प्रकार की सेवा का लाभ लेने में परेशानी का सामना ना करना पड़े। इसलिए जिलों में जाकर भी राजस्व कार्यों की समीक्षा की जा रही है।
संजय सरावगी, मंत्री, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग।
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