मिड डे मील की गुणवत्ता परखने के लिए केन्द्र सरकार की नई पहल, उच्च शिक्षण संस्थानों के छात्रों को मिला नया टास्क
Bihar News फूड एंड न्यूट्रीशन में पढ़ाई कर रहे छात्रों को मिड-डे मील की गुणवत्ता जांच की मुहिम से जोड़ने का निर्देश केन्द सरकार की ओर से दिया गया है। फूड एंड न्यूट्रीशन विभाग में पढ़ाई करने वाले छात्रों को स्कूलों में जाकर भोजन की गुणवत्ता की पड़ताल करनी होगी।

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के सभी 72 हजार प्रारंभिक विद्यालयों में मिड-डे मील (मध्याह्न भोजन) की गुणवत्ता की परख अब उच्च शिक्षण संस्थानों के छात्र करेंगे। केंद्र सरकार की ओर से इस बारे में राज्य मध्याह्न भोजन निदेशालय को दिशा-निर्देश जारी किया गया है। निर्देश में उच्च शिक्षणा संस्थानों के फूड एंड न्यूट्रीशन विभाग में पढ़ाई करने वाले छात्रों को मिड-डे मील की गुणवत्ता जांच की मुहिम से जोड़ने को कहा गया है।
उच्च शिक्षण संस्थानों के छात्र परखेंगे मिड डे मील की गुणवता
निर्देश के मुताबिक साल में कम से कम एक स्कूल में जाकर फूड एंड न्यूट्रीशन विभाग में पढ़ाई करने वाले छात्रों द्वारा भोजन की गुणवत्ता की पड़ताल की जाएगी। साथ ही खुद भी उसे चखकर उसकी रेटिंग करनी होगी। पीएम पोषण के नाम से (पहले मिड-डे मील) स्कूली बच्चों को गर्मागर्म भोजन मुहैया कराने के लिए चलाई जा रही इस स्कीम में शिक्षा मंत्रालय का सबसे ज्यादा फोकस अब गुणवत्ता को बेहतर बनाने को लेकर है। जांच की रिपोर्ट निदेशालय द्वारा शिक्षा मंत्रालय को देनी होगी। शिक्षा विभाग के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि मिड डे मील स्कीम में सबसे ज्यादा फोकस अब गुणवत्ता को बेहतर बनाने को लेकर है।
भोजन से जुड़ी 25 जानकारियों को फार्मेट में भरना होगा
नई पहल के तहत उच्च शिक्षण संस्थानों के फूड एंड न्यूट्रिशन विभाग में पढ़ने वाले छात्रों को हर साल अनिवार्य रूप से एक स्कूल का दौरा करना होगा। जो उनकी शैक्षणिक गतिविधियों में शामिल होगा। इस दौरान छात्रों को मंत्रालय की ओर से तैयार किया गया एक फार्मेट भी भरना होगा, जिसमें भोजन से जुड़ी करीब 25 जानकारियां देनी होगी। इतना ही नहीं, यह रिपोर्ट सीधे शिक्षा मंत्रालय को मेल पर भेजनी होगी।
उन्हें बताना होगा कि खाना अच्छा है, सामान्य या फिर खराब है। इन तीनों में से कोई भी एक विकल्प उन्हें चुनना होगा। इसके साथ ही बताना होगा कि जिस दिन स्कूल वह गए थे, उस दिन छात्रों की संख्या कितनी थी। खाना स्कूल में बनाया गया था या फिर किसी जगह से बनकर आया था। खाने का स्टाक कितने दिन का था। खाना एलपीजी से बनाया जाता है या फिर किसी दूसरे ईंधन से। स्कूल में न्यूट्रीशन गार्डेन विकसित किया गया है या नहीं। खाना क्या तय मिन्यू के तहत परोसा गया था या नहीं।
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