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    बिहार के इंजन से रफ्तार भरेंगी अफ्रीका की ट्रेनें, ताकत जान रह जाएंगे हैरान; भयंकर गर्मी झेलने की क्षमता

    Updated: Wed, 25 Sep 2024 10:50 AM (IST)

    Bihar News भारतीय रेलवे ने छपरा के मढ़ौरा संयंत्र से पहली बार अफ्रीका को रेल इंजन एक्सपोर्ट करने का निर्णय लिया है। अगले वर्ष से निर्यात शुरू होगा। यह संयंत्र 4500 एचपी इवोल्यूशन सीरीज का इंजन तैयार कर रहा है जो उच्च तापमान में ईंधन की सर्वश्रेष्ठ दक्षता प्रदान करता है। यह आत्मनिर्भर भारत के तहत तैयार किया गया है। संयंत्र ने अब तक 650 इंजन तैयार किए हैं।

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    छपरा के मढ़ौरा में बने रेल इंजन की ताकत अफ्रीका में दिखेगी (जागरण)

    जागरण संवाददाता, पटना। Chhapra News: भारतीय रेलवे ने मढ़ौरा संयंत्र से अफ्रीका रेल इंजन निर्यात करने का निर्णय लिया है। अगले वर्ष से निर्यात करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। मढ़ौरा संयंत्र से पहली बार निर्यात करने का निर्णय लिया गया है। इस संयंत्र में वैश्विक ग्राहकों को रेल इंजन निर्यात करने की तैयारी की जा रही है।

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    4500 एचपी इवोल्यूशन सीरीज का इंजन किया जा रहा तैयार

    रेलवे द्वारा जारी बयान के अनुसार यहां पर 4,500 एचपी इवोल्यूशन सीरीज का इंजन तैयार किया जा रहा है, जो उच्च तापमान वाले वातावरण में ईंधन से जुड़ी सर्वश्रेष्ठ दक्षता और प्रदर्शन प्रदान करता है।

    यह संयंत्र आत्मनिर्भर भारत के तहत तैयार किया गया है। अब तक लगभग 650 इंजन तैयार किया गया है। बिहार के मढ़ौरा में 70 एकड़ में फैला संयंत्र 2018 में स्थापित किया गया था।

    भारतीय रेलवे के लिए 1,000 अत्याधुनिक एवं स्वदेशी इंजन का निर्माण किया जा रहा है। यह संयंत्र लगभग 600 लोगों को रोजगार दे रहा है और भारतीय रेलवे को सालाना 100 इंजन दे रहा है। इसने राज्य में औद्योगिक गतिविधियों को भी काफी बढ़ावा दिया है।

    रेलवे ने किया कवच का ट्रायल

    रेलवे द्वारा जारी बयान के अनुसार भारतीय रेलवे की ओर से सवाई माधोपुर से सुमेरगंज मंडी तक कवच का ट्रायल किया गया। इस दौरान कुल सात टेस्ट किए गए। ट्रायल के दौरान ट्रेन को 130 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चलाया गया।

    ट्रायल का निरीक्षण रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने किया। कवच ने निर्धारित जगह पर ट्रेन को रोक दिया। वह ट्रेन को 50 मीटर दूर जाने की अनुमति नहीं दी। कवच ने ट्रेन की गति को बेहद सावधानी के साथ किया।

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