बिहार में अब 40+ उम्र के कामगारों का हेल्थ चेकअप फ्री, ओवरटाइम और ग्रेच्युटी के नए नियम
बिहार में अब 40 वर्ष से अधिक उम्र के कामगारों के लिए मुफ्त हेल्थ चेकअप की सुविधा उपलब्ध होगी। इसके साथ ही, ओवरटाइम और ग्रेच्युटी से जुड़े नए नियम भी ल ...और पढ़ें

दीनानाथ साहनी, पटना। केंद्र सरकार द्वारा चार श्रम कानूनों को लागू किए जाने से बिहार में लगभग साढ़े तीन करोड़ कामगारों को लाभ होगा। अब 40 वर्ष से अधिक उम्र के कामगारों को वार्षिक तौर पर फ्री हेल्थ चेक का लाभ मिलेगा। इसके लिए बिहार सरकार जनवरी में नियमावली लागू करने जा रही है। अभी नियमावली को वेबसाइट पर अपलोड कर सुझाव मांगा जा रहा है।
श्रम सचिव दीपक आनंद के अनुसार, सभी कामगारों के लिए नियुक्ति-पत्र आवश्यक होगा। ट्रांसपेरेंसी और फार्मलाइजेशन मजबूत होगा। कामगारों को यूनिवर्सल सोशल सिक्योरिटी कवरेज, इंश्योरेंस और अन्य दूसरे लाभ भी मिलेंगे।
केंद्र सरकार ने श्रम कानून में किया सुधार
सबसे अच्छी बात यह है कि बिहार में नये साल में केंद्र सरकार के श्रम सुधारों पर सख्ती से अमल किया जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा चार लेबर कोड लागू किए हैं, इनमें मजदूरी पर कोड (2019), इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड (2020), सोशल सिक्योरिटी पर कोड (2020), आक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशंस कोड (2020) शामिल हैं।
श्रम सुधारों में गिग वर्कर्स को सामाजिक सुरक्षा, सभी कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र और कांट्रैक्ट कर्मचारियों को स्थायी कर्मचारियों जैसी सुविधाएं शामिल हैं। ग्रेच्युटी के लिए पांच साल की अनिवार्यता अब नहीं रही और ओवरटाइम के भुगतान के नियम भी बदले गए हैं।
महिलाओं की सुरक्षा और न्यूनतम वेतन की गारंटी भी दी गई है। लेबर कोड (श्रम संहिता) में गिग वर्कस समेत श्रमिकों के हितों के लिहाज से यूनिवर्सल सामाजिक तथा स्वास्थ्य सुरक्षा देने, सभी कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से नियुक्ति पत्र देने, सीमित अवधि के लिए कांट्रैक्ट कर्मचारियों को भी स्थायी कर्मचारियों जैसी सुविधा देने जैसे अहम प्रविधान किए गए हैं।
इतना ही नहीं अब ग्रेच्यूटी के लिए पांच साल तक की नौकरी की न्यूनतम अनिवार्यता नहीं रहेगी बल्कि एक साल की नौकरी के बाद ही कर्मचारी ग्रेच्यूटी लाभ पाने का हकदार हो जाएगा। ओवर टाइम का भुगतान के नियम समेत श्रमिक तथा कंपनियों दोनों के हित में कई बदलाव लेबर कोड का हिस्सा हैं।
श्रम सचिव दीपक आनन्द ने बताया कि भविष्य के लिए तैयार वर्कफोर्स के लिए एक माडर्न फ्रेमवर्क तैयार होगा। इसके तहत सभी क्षेत्रों के कामगारों के लिए समय पर न्यूनतम वेतन के साथ ही ओवर टाइम काम के घंटों के लिए दोगुना भुगतान करना होगा।
इन सुधारों में महिलाओं की सुरक्षा समेत नाइट-शिफ्ट में काम की छूट, 40 वर्ष से अधिक उम्र के हर कामगार की सालाना मुफ्त अनिवार्य चिकित्सा जांच के साथ ही अब एक सिंगल रजिस्ट्रेशन, लाइसेंस और रिटर्न सिस्टम का प्रविधान किया गया है। बता दें कि श्रम मंत्रालय ने इन चारों लेबर कोड को 29 मौजूदा श्रम कानूनों के स्थान पर लागू किया है।
कमगारों को मिलेगा इन सुविधाओं का लाभ
नए लेबर कोड में फिक्स्ड-टर्म कर्मचारियों को स्थायी कर्मचारियों के बराबर वेतन, छुट्टी, चिकित्सा और सामाजिक सुरक्षा के साथ पांच साल की बजाय सिर्फ एक साल बाद ग्रेच्युटी का लाभ मिलेगा।

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