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    NEET Paper Leak: दानापुर नगर परिषद के निलंबित जेई ने रांची में बनाई अकूत संपत्ति, धीरे-धीरे खुल रहे सिकंदर के राज

    Updated: Thu, 20 Jun 2024 03:42 PM (IST)

    सिकंदर लंबे समय से पेपर लीक करने वाले गिरोह से जुड़ा था। उसका काम गिरोह का अभ्यर्थी मुहैया कराना था। वह प्रति अभ्यर्थी आठ-दस लाख रुपये अधिक वसूलता था। सूत्रों की मानें तो गिरफ्तार अभ्यर्थी अभिषेक के पिता अवधेश कुमार और सिकंदर यादवेंदु लगभग एक दशक से कई तरह का कारोबार कर रहे हैं। इनके बीच की कड़ी शेखपुरा का रहने वाला धीरज है जो पटना में रहता है।

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    दानापुर नगर परिषद के निलंबित जेई ने रांची में बनाई अकूत संपत्ति। (बिहार पुलिस- फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, पटना। NEET UG Paper Leak Case नीट यूजी (राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा, अंडर ग्रेजुएट) के पेपर लीक में गिरफ्तार सिकंदर यादवेंदु भले ही दानापुर नगर परिषद में कनीय अभियंता था, लेकिन इसमें काली कमाई से रांची में अकूत संपत्ति बना रखी है।

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    सूत्र बताते हैं कि सिकंदर के कारनामों की जांच के दौरान बिहार और झारखंड की पुलिस को कई अहम सुराग मिले हैं। फिलहाल, झारखंड पुलिस के सहयोग से उसकी संपत्ति का ब्योरा खंगाला जा रहा है। संभव है कि आय से अधिक संपत्ति के मामले में सिकंदर पर एक और मुकदमा हो सकता है।

    हालांकि, इस बारे में नीट पेपर लीक की जांच कर रही बिहार आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की ओर से अब तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।

    धीरे-धीर खुल रहे सिकंदर के राज...

    बताया जाता है कि सिकंदर लंबे समय से पेपर लीक करने वाले गिरोह से जुड़ा था। उसका काम गिरोह का अभ्यर्थी मुहैया कराना था। वह प्रति अभ्यर्थी आठ-दस लाख रुपये अधिक वसूलता था।

    सूत्रों की मानें तो गिरफ्तार अभ्यर्थी अभिषेक के पिता अवधेश कुमार और सिकंदर यादवेंदु लगभग एक दशक से कई तरह का कारोबार कर रहे हैं। इनके बीच की कड़ी शेखपुरा का रहने वाला धीरज है, जो पटना में रहता है। धीरज और रांची के अनुज के बारे में भी पता लगाया जा रहा है।

    दो करोड़ की जमीन

    साक्ष्य एकत्र करने के बाद रुपयों की हेराफेरी की बाबत एक और प्राथमिकी हो सकती है, जिसमें धीरज और अनुज की गिरफ्तारी भी संभव है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जांच एजेंसी को रांची के चौड़ी मौजा में सिकंदर के 16 डिसमिल के एक भूखंड की जानकारी हुई है, जिसकी कीमत दो करोड़ रुपये बताई जा रही है।

    इसके अलावा उसकी पत्नी के नाम पर भी 45 डिसमिल जमीन होने की बात सामने आई है। इस तथ्य की पुष्टि के लिए रांची के भूमि निबंधक से वैध दस्तावेज उपलब्ध कराए जा रहे हैं।

    गौर हो कि पांच मई को सबसे पहले रांची स्थित एक केंद्रीय जांच एजेंसी से पटना पुलिस को नीट यूजी पेपर लीक की सूचना मिली थी। साथ ही सिकंदर की झारखंड रजिस्ट्रेशन नंबर डस्टर कार का नंबर भी बताया गया था, जिसके बाद शास्त्री नगर थाने की पुलिस ने नेहरू पथ पर उसे और उसके दो सहयोगियों को गिरफ्तार किया था। विभाग ने सिकंदर को निलंबित कर दिया है।

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